भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। शुक्रवार को बाबा भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा( सेशन जज की कोठी के सामने) दिनेश कुमार उर्फ पालाराम जी ने अपने सभी युवा साथियों के साथ उनकी प्रतिमा पर फूल माला पहना व पुष्प अर्पित कर उनको याद किया।

दिनेश कुमार उर्फ पालाराम जी ने बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू सेना छावनी में पिता रामजी मलोजी सकपाल और माता भीमाबाई मुरबडकर सकपाल के घर में हुआ। वे अपने माता पिता की 14वी संतान थे। जब वह छह साल के थे तब उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। सभी आदतों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सभी बाधाओं से संघर्ष करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। यह अनुकरणीय धैर्य ,दृढ़ संकल्प और कभी हार ना मानने वाले जज्बे का एक अविश्वसनीय उदाहरण था। मैं भारतीयता और राष्ट्रीयता कूट-कूट कर भरी थी। उन्होंने संविधान की रचना करते हुए गरीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया। केवल दलितों के नहीं अपितु समानता और असमानता चाहने वाले देश के सभी 135 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर हमारी सच्ची श्रद्धांजलि सामाजिक समरसता को कायम करने गरीबी को समाप्त करने का संकल्प लेने और राष्ट्रीय अफसरों और सुविधाओं को साझा करने में सभी के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करने से होगी।

हरियाणा अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के तत्वाधान में आज महेन्द्रगढ़ रोड़ पर जिला उपायुक्त निवास के सामने स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा स्थल के निकट पार्क में बाबा साहेब के 132वें जयंती समारोह का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार यादव तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कमलेश सैनी चेयरपर्सन नगर परिषद नारनौल मौजूद रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के पूर्व प्रधान एवं सेवानिवृत खंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह नूनीवाल ने की । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रतिभान कैलोड़िया एवं राजेंद्र कुमार शॉकर वाले समाज सेवी मौजूद रहे । कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन संघ के महासचिव जयसिंह नारनौलिया ने किया ।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि बाबा साहेब इस देश के सबसे पहले डॉक्टरेट थे । उन्होंने अपने संविधान की बदौलत महिलाओं,मजदूरों, किसानों,कर्मचारियों, व्यापारियों,विद्यार्थियों सहित समस्त भारतवासियों का भला किया ।

error: Content is protected !!