अतरलाल के नेतृत्व में झिंगावन, कोका, उन्हाणी गांवों में किसानों ने धरना प्रदर्शन

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। फसल खराबा का मुआवजा देने में सरकार द्वारा की जा रही देरी तथा बीमा कम्पनियों की तानाशाही के कारण किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर उनका धैर्य जवाब दे चुका है। अब आक्रोशित किसानों ने अपनी मुआवजा व अन्य राहत सम्बंधी मांगों को लेकर गांवों में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को बसपा नेता प्रमुख समाजसेवी अतरलाल के नेतृत्व में झिंगावन, कोका, उन्हाणी गांवों में किसानों ने धरना प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा कि किसानों का यह प्रदर्शन फसल खराबा का मुआवजा प्राप्त करने के लिए है। उन्होंने कहा कि गत दिनों हुई भारी ओलावृष्टि तथा तेज बारिश के कारण अटेली विधानसभा क्षेत्र के उन्हाणी, गुढ़ा, रसूलपुर, कैमला, चेलावास, पाथेड़ा, अगिहार, गाहड़ा, सिहोर, झाड़ली, झिंगावन, छितरोली, उच्चत, बाघोत, खरकड़ा बास, धनौन्दा, तलवाना, खेड़ी, सेहलंग, पोता, नौताना, स्याणा, कनीना, करीरा, कोटिया, भड़फ, ककराला, कपूरी, रामबास, ढ़ाणा, मानपुरा, पड़तल, मोड़ी, भोजावास, इसराणा, मोहनपुर, नांगल, कोका, सुन्दरह, झींगावन, बेवल, मुंडिया खेड़ा, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, कलवाड़ी, खैराणा, गोमला, गोमली, राताकलां, राता खुर्द, मोहलड़ा, खैराणी, महासर, गढ़ी रूथल, खारीवाड़ा, अटाली, दुलोठ जाट, सिलारपुर, कारिया, बोचड़िया आदि 60 गांवों में फसल बिल्कुल बर्बाद हो गई है और अन्य 40 गांवों में भी 50-60 प्रतिशत फसल खराबा है।

उन्होंने कहा कि जो किसान अपनी छः महीने और लगात लगाकर सरकार के अन्न भंडारों व गोदामों को भरता है। अब जब उस पर संकट आन पड़ा है तो सरकार को बड़ा दिल दिखाना चाहिए। तत्काल फसल खराबा का पचास हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देना चाहिए। उनके बैंक ऋण 6 माह के बिजली के बिल तथा नहरी माल माफ करने चाहिए। शेर सिंह यादव, भाग सिंह चेयरमैन, हवा सिंह, सुबे सिंह, पूर्व सरपंच भागमल, रामभगत, जिले सिंह ने बीमा कंपनियों के टाल मटोल तथा तानाशाही रवैये की निंदा करते हुए सरसों तथा गेहूँ दोनों फसलों का मुआवजा देने की मांग की।

उन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल न खुलने की शिकायत करते हुए इस पोर्टल को 20 अप्रैल तक खोलने की मांग की। इस अवसर पर रामबीर, शीशपाल, जिले सिंह, राजेन्द्र, धर्मबीर बहादर, जगदीश, कैलाश सेठ, दान सिंह प्रजापत, जगवीर, भगत सिंह, सतबीर, कर्ण सिंह, सुरजभान सिंह, राजेन्द्र, रामसिंह, जयसिंह, अभय सिंह, ताराचंद, सोमदत, राजकुमार, रामभगत शर्मा, हनुमान, अनिल, दलिप सिंह, जसवंत, रमेश चंद, लीलाराम, थावर सिंह, कंवर सिंह, भजनलाल, यशपाल, दिलबाग, अशोक, श्रीराम, हरिसिंह, श्योपाल, मुकेश कुमार, वेदप्रकाश, हवा सिंह, कुलदीप, श्यामू, राजेश, सुबे सिंह, भागमल, महेंद्र सिंह, सुरेन्द्रमान, डाॅ.जितेन्द्र, धर्मेन्द्र, शीशराम, भागीरथ, धर्मेन्द्र, महेन्द्र, अशोक कुमार आदि अनेक किसान मौजूद थे।

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