पटौदी मंडी नगर परिषद……. अचानक बना राजनीति का अखाड़ा, जनमत संग्रह समय की जरूरत

  किसके कहने पर  अचानक ग्रामीणों में जागा नगर परिषद प्रेम 
 एक  दिन पहले तक 10 से अधिक गांव के निवासी कर रहे थे विरोध
  बुधवार को ऐसे चेहरे परिषद के समर्थन में दिखे जो खर्च चुके लाखों रुपए 
   गुरुवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत पहुंच रहे हैं जनौला गांव

फतह सिंह उजाला                                     

पटौदी । मानेसर नगर निगम चुनाव के बहिष्कार की 30 गांव की घोषणा के बाद पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल गांव अचानक राजनीति का अखाड़ा बन गए हैं । ऐसे में जिस प्रकार से कथित रूप से दूरगामी सोच का परिचय देते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा भाजपा प्रभारी बिपलब देव व अन्य जिम्मेदार नेताओं से बात कर जनमत संग्रह का समर्थन किया ऐसे में कौन से गांव नगर परिषद में शामिल होना चाहते हैं और कौन से गांव अलग होना चाहते हैं । इसका जनमत संग्रह समय की जरूरत बन गया है।         

  यह बात भी हैरान करने वाली है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो लगभग 1 वर्ष तक पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल होने का विरोध करने वाले गांव के बाशिंदों में पटौदी मंडी नगर परिषद के लिए प्रेम हिलोरे लेने लगा । बुधवार को जो ग्रामीण पटौदी मंडी नगर परिषद का समर्थन जोर शोर से करते दिखाई दिए , उनमें अधिकांश चेहरे ऐसे हैं जोकि पटौदी मंडी नगर परिषद पहला चेयरमैन बनने का सपना पाले अभी तक विभिन्न गांव में तथा दोनों नगरपालिका क्षेत्रों में सामाजिक व अन्य कार्यक्रम में लाखों रुपए लुटा चुके हैं । एक तरफ तो कथित रूप से जनौला रामपुर हेड़ा हेड़ी  खानपुर मिलकपुर मिर्जापुर देवलावास छावन सफेदार नगर नरहेड़ा के ग्रामीणों के द्वारा पटौदी के एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर पटौदी मंडी नगर परिषद में ही शामिल रहने का अपना समर्थन किया है । ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ ग्रामीण अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग ही मंडी नगर परिषद में शामिल होने का विरोध कर रहे हैं । 

  इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा पटौदी मंडी नगर परिषद के मुद्दे पर जनमत संग्रह की बात कहने पर पटौदी के विधायक जबरदस्त तरीके से भड़के और उनके द्वारा जिस प्रकार किए शब्द और भाषा का इस्तेमाल किया गया , वह भी बिना किसी नेता या फिर पार्टी के पदाधिकारी का नाम लिए बिना । उससे यही महसूस होता है कि एमएलए महोदय इस पूरे मामले में अपने आपको कहीं ना कहीं पूरी तरह से बैकफुट पर महसूस कर रहे हैं। बहरहाल अभी तो चुनाव का समय कुछ दूर है जैसे जैसे समय नजदीक आएगा एक के बाद एक ऐसे मुद्दे निकल कर आएंगे, जो आम जनता ही नहीं मीडिया में भी सुर्खियां बनेंगे । विकास होना चाहिए विकास का हर पक्ष समर्थन करता है और करता रहेगा , लेकिन विकास की भी एक अपनी लक्ष्मण रेखा होती है यह बात नहीं भूलना होगा।       

इस पूरे प्रकरण को देखें तो जानकारों का कहना है कि खूब जमकर राजनीति हो रही है । एक के बाद एक नए चेहरे मीडिया के सामने पहुंच रहे हैं। गांव गली से लेकर शहरी क्षेत्र तक के छोटे और बड़े नेता अपने-अपने तर्क देकर औरों से अधिक अपने आप को तसल्ली देते दिखाई दे रहे हैं । बहरहाल इसी बीच जानकारी मिली है कि गुरुवार 6 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह बीते एक पखवाड़े से अधिक समय से गांव जनौला में ग्रामीणों के द्वारा पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल नहीं किए जाने को लेकर आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी बात सुनेंगे । इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई अभी तक उनकी तरफ से की गई उम्मीद है उसे भी सार्वजनिक किया जाएगा।

                                                                    

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