-स्थापना दिवस की तैयारियों को लेकर हुई बैठक -74 साल के हुए राजस्थान की कला, संस्कृति के होंगे चर्चे गुरुग्राम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत-श्रेष्ठ भारत मिशन के तहत एवं हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के दिशा-निर्देशानुसार एवं परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के मार्गदर्शन में एक-दूसरे राज्यों की कला एवं संस्कृतियों को सांझा करने के उद्देश्य से गुरुग्राम में 4 मार्च 2023 को सामुदायिक केंद्र सेक्टर-4 में राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाएगा।इस कार्यक्रम को लेकर एक भारत-श्रेष्ठ भारत कमेटी के प्रदेश सह-प्रमुख, कार्यक्रम संयोजक एवं पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने यहां सेक्टर-4 में राजस्थान के मौजिज लोगों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके तैयारियों पर चर्चा की। नवीन गोयल ने कहा कि मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकता में अनेकता वाले भारत देश के सभी राज्यों की कला एवं संस्कृतियों को एक-दूसरे राज्य के लोगों तक पहुंचाने का इसे माध्यम बनाया है। अब से पहले गुरुग्राम में उत्तर प्रदेश दिवस, उत्तराखंड दिवस भी मनाया जा चुका है। उन्होंने राजस्थान के निवासियों और स्थानीय निवासियों से आग्रह किया है कि ऐसे आयोजनों का वे हिस्सा बनें, ताकि हम एक-दूसरे के और अधिक नजदीक आएं। राजस्थान स्थापना दिवस कार्यक्रम में अलवर से लोकसभा सांसद महंत योगी बालकनाथ जी मुख्य अतिथि होंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू करेंगे। तैयारियों को लेकर बैठक में रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य डा. डीपी गोयल, भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गगन गोयल, राजस्थान मित्र मंडल के अध्यक्ष शशिकांत शर्मा, माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष शरद माहेश्वरी, मनोज बिहानी, परवीन गट्टानी, पवन झंवर, बीडी जखौटिया, रिंकू ओझा, ओमप्रकाश सारस्वत, आशीष मोहता, सुनील लढ़ा, किरीट जैन, सुमंत माहेश्वरी, पवन मोहता समेत अनेक सदस्य मौजूद रहे। राजस्थान की पृष्ठभूमि पर नवीन गोयल ने कहा कि कुल 19 रियासतों को मिलाकर राजस्थान का गठन किया गया था।राजस्थान नाम भी इसलिए पड़ा कि यह क्षेत्र राजाओं का स्थान था। 19 रियासतें बहुत ही महत्वपूर्ण थी। उन्होंने बताया कि सबसे पहले अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली की रियासतों को एक किया गया। इसके बाद इसमें जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर की रियासतों का भी विलय किया गया। इतिहास में दर्ज है कि सात चरणों में राजस्थान को एक किया गया। यह काम 30 मार्च 1949 को पूरा हुआ था। कार्यक्रम के सह-संयोजक एवं हरियाणा प्रदेश अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। पर्यटक की दृष्टि से भी राजस्थान का विशेष महत्व और पहचान है। वहां पर दर्जनों ऐसी पर्यटन स्थल है, जहां रोजाना हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। पिंकी सिटी जयपुर, झीलों की नगरी उदयपुर और ऊंटों की सवारी के लिए जैसलमेर सबसे अधिक आकर्षक का केंद्र रहते हैं। राजस्थान की कला और संस्कृति से रूबरू होने के लिए 4 मार्च के कार्यक्रम में जरूर शिरकत करें। यहां राजस्थानी व्यंजनों का भी स्वाद चखें। Post navigation गुड़गांव ईएनटी कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे पर गुरुग्राम के गैलेरिया मार्केट रोड पर राहगीरी का आयोजन