-मेदांता और फोर्टिस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए शुरू होगा डेडिकेटिड काउंटर
-प्रशासन की पहल के बाद आर्टिमिस में पहले ही शुरू की जा चुकी है व्यवस्था

गुरुग्राम, 01 अप्रैल। चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाले दो और नामी अस्पतालों में बीपीएल परिवारों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी। एचएसवीपी से रियायती दरों पर जमीन प्राप्त करने वाले अस्पतालों को सरकार की योजना के अनुसार इन परिवारों को इलाज मुहैया करवाना होगा। इस कड़ी में मेदांता और फोर्टिस अस्पताल का नाम भी जुड़ गया है। इन दोनों अस्पतालों में बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए डेडिकेटिड काउंटर शुरू किया जाएगा। आर्टिमिस अस्पताल ने पहले ही इस तरह की व्यवस्था शुरू कर दी है।

डीसी निशांत कुमार यादव ने शनिवार को मेदांता द मेडिसिटी, फोर्टिस व आर्टिमिस अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने तीनों अस्पतालों बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए प्रबंधन से जरूरी विषयों पर चर्चा की। आर्टिमिस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित विषयों की व्यवस्था के लिए ही स्थान पर निपटाने के लिए विशेष काउंटर बनाया गया है। इस काउंटर पर हरियाणा सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे और पात्र व्यक्तियों के इलाज प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। डीसी निशांत कुमार यादव ने काउंटर का कार्य समझा और प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसी तरह मेदांता द मेडिसिटी और फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन को भी डीसी निशांत यादव ने इसी तरह का काउंटर शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोनों अस्पताल अपने यहां कुल बेड संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए आरक्षित रखें। डीसी ने अस्पताल प्रबंधन से कहा यदि कोई बीपीएल मरीज उपलब्ध नहीं है तो गरीबों के लिए आरक्षित बेड पर सामान्य मरीज को दाखिल किया जा सकता है लेकिन जैसे ही बीपीएल या ईडब्ल्यूएस श्रेणी का कोई मरीज आएगा तो वह बेड खाली करवाना पड़ेगा। उनके लिए अस्पताल में जेनेरिक दवाओं की भी व्यवस्था हो।

इस श्रेणी के अंतर्गत मुख्यमंत्री हरियाणा, स्वास्थ्य मंत्री, सिविल सर्जन या जिला का नोडल अधिकारी, उपायुक्त एवं जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष की स्वीकृति से जिला रेड क्रॉस सोसाइटी इन अस्पतालों को इलाज के लिए मरीज रेफर करेंगे। इसके अलावा, आयुष्मान भारत, चिरायु कार्ड तथा बीपीएल कार्ड धारक व्यक्ति सीधे भी अस्पताल में इलाज के लिए जा सकते हैं। आपात स्थिति में मरीज के इलाज को प्राथमिकता दी जाएगी और कागज कार्यवाही बाद में की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सभी स्रोतों से जिस परिवार के परिवार पहचान पत्र में मासिक आय ₹15000 तक है, वे इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। नई पॉलिसी की जानकारी देते हुए डीसी श्री यादव ने बताया कि मेदांता-द मेडिसिटी जैसे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को अपनी कुल बेड की क्षमता के 20ः बेड गरीबों के लिए आरक्षित करने होंगे। इस श्रेणी में दाखिल हुए मरीज का यदि ₹5 लाख तक आता है तो उसका इलाज बिल्कुल फ्री होगा और यदि बिल की राशि ₹5 लाख से ₹10 लाख रुपए के बीच है तो मरीज से सामान्य चार्जिज का 10 प्रतिशत ही लिया जाएगा। यदि बिल की राशि ₹10 लाख से ज्यादा है, तो नॉर्मल चार्जिज का 30 प्रतिशत ही लिया जाएगा। इन अस्पतालों में ओपीडी में आने वाले मरीजों में भी 20 प्रतिशत सेवाएं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए होनी चाहिए।

प्रशासन की ओर से इस व्यवस्था के लिए मार्केटिंग बोर्ड की जोनल एडमिनिस्टेªटर मीतू धनखड़ को मेदांता, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव को फोर्टिस व एडिशनल लेवर कमिश्नर कुशल कटारिया को आर्टिमिस अस्पताल का नोडल आॅफिसर बनाया गया है।

इस मौके पर चीफ प्रोटोकाॅल आॅफिसर वत्सल वशिष्ठ, सिविल सर्जन डाॅक्टर वीरेंद्र यादव, उप सिविल सर्जन डाॅक्टर अनुज भी मौजूद रहे।

error: Content is protected !!