डीसी डॉ जयकृष्ण आभीर ने ई-गिरदावरी के मिसमैच आंकड़ों की खेतों में जाकर की जांच राजस्व, कृषि तथा किसान द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों की होती है जांच भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । उत्तर भारत में पक्ष में विक्षोभ की सक्रियता के चलते शुक्रवार को दोपहर बाद जिले के आधा दर्जन गांवों में तेज बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई। नारनौल उपमंडल के गांव गहली, कनीना उपमंडल के गांव कैमला तथा महेंद्रगढ़ उपमंडल के गांव बूड़ीन, ढ़ाढ़ोत, निंबेहेड़ा, भांखरी की ढ़ाणी गांवों के साथ अन्य गांव में ओलावृष्टि हुई है। उत्तर भारत में 1 पखवाड़े से अधिक समय से एक के बाद एक पक्ष में विक्षोभ सक्रिय है। पक्ष में विक्षोभ की सक्रियता के चलते जिले में बारिश और ओलावृष्टि हो रही है। बृहस्पतिवार को भी तेज हवाओं के साथ बारिश हुई थी जिसके कारण खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई। नारनौल शहर में बारिश के कारण बाजारों में पानी भर गया। उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने आज जिला के विभिन्न गांवों के खेतों का दौरा करके राजस्व विभाग द्वारा की गई ई-गिरदावरी के मिसमैच हुए आंकड़े का खेतों में जाकर मिलान किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से भी मुलाकात की। डीसी ने आज जिला के गांव सुंदरह, गुढ़ा व सतनाली के खेतों में जाकर राजस्व विभाग द्वारा ई-गिरदावरी के माध्यम से फीड किए गए आंकड़े तथा कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट और किसानों की तरफ से मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के माध्यम से अपलोड किए गए आंकड़ों का मिलान किया। उपायुक्त ने बताया कि सरकार के निर्देश पर तीन तरह की रिपोर्ट का मिलान किया जाता है। किसान द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर भरे गए आंकड़े तथा राजस्व और कृषि विभाग द्वारा भरे गए आंकड़ों में कुछ भिन्नता आ जाती है। इसकी जांच के लिए संबंधित तहसीलदार, डीआरओ व एसडीएम भी अपने अपने क्षेत्र में मौके पर जाकर जांच करते हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने इन सभी अधिकारियों तथा संबंधित विभाग द्वारा दी गई मिसमैच की रिपोर्ट का खेतों में जाकर मिलान किया। सरकार का मकसद है कि प्रत्येक खेत की सही रिपोर्ट पहुंचे ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इस मौके पर कनीना के एसडीएम सुरेंद्र कुमार, तहसीलदार नवजोत कौर, गिरदावर ओम प्रकाश तथा उमेद सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने आज जिला में बेमौसमी बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से मुलाकात की। डीसी ने आज जिला के गांव दौंगड़ा अहीर, बेवल, सुंदरह तथा मुंडिया खेड़ा में पहुंचकर फसलों को हुए नुकसान का आंकलन किया। इस मौके पर उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वह फसलों में हुए नुकसान की सूचना ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दें। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाया था उनके लिए पोर्टल दोबारा खोला गया है। इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के बाद किसान ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना खराबा की रिपोर्ट दें। उन्होंने बताया कि जिला के नुकसान वाले 177 गांवों में मेरी फसल मेरा पोर्टल खोला गया है। इस मौके पर कनीना के एसडीएम सुरेंद्र कुमार, तहसीलदार नवजोत कौर, गिरदावर ओम प्रकाश तथा उमेद सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। Post navigation महेंद्रगढ़ में सफाई कर्मचारियों का काले झंडे झाड़ू लेकर सड़कों पर प्रदर्शन मण्डी अटेली के पास गांव में ऑनर किलिंग