नारनौल महेंद्रगढ़ में गत पांच दिन से प्रतिदिन 5 कर्मी कर रहे हैं अनशन
भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नगर परिषद नारनौल तथा नगरपालिका महेंद्रगढ़ में सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रतिदिन क्रमिक अनशन जारी रखे है। शुक्रवार को महेंद्रगढ़ में हाथ में काले झंडे और झाड़ू लेकर आज सड़कों पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। महिला एवं पुरुष कर्मचारियों ने चांदनी मार्केट बालाजी चौक अंबेडकर चौक होते हुए वापस नगर पालिका महेंद्रगढ़ परिषद तक प्रदर्शन किया। वहीं नारनौल में नगर परिषद कार्यालय के मुख्य द्वार से सफाई कर्मचारियों द्वारा महाबीर चौक तक प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की ।
नारनौल में झाड़ू प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रधान राहुल सारवान इकाई प्रधान सुरेश कुमार जैदिया ने किया। इस अवसर पर कर्मचारी नेता महेंद्र सिंह संगरिया, सर्व कर्मचारी संघ के राज सचिव महेंद्र गोयल, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान कौशल यादव, इकाई सचिव महावीर प्रसाद, निरंजन लाल, प्रताप सिंह, मनोज देवी, सजीत देवी, बबीता देवी, सुमन देवी, ममता देवी, विक्रम सिंह, हैप्पी, भीम सिंह, रोशन लाल, जसवंत कुमार, नरवीर सिंह सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित थे।
महेंद्रगढ़ में नगर पालिका परिसर में क्रमिक भूख हड़ताल के पांचवे दिन शुक्रवार को दीपक, रामपाल, श्यामलाल, आशा व चंदा कर्मचारी बैठे। नगर पालिका सफाई कर्मचारी संघ के प्रधान पूर्णचंद्र ने बताया कि अंधी बहरी सरकार को जगाने के लिए हमने शुक्रवार को सफाई कर्मचारी व फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने मिलकर शहर में रोष प्रदर्शन किया अगर सरकार अभी नहीं जागेगी तो यह क्रमिक अनशन बड़े आंदोलन में परिवर्तित किया जाएगा।
आपको बता दें कि नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 27 मार्च से 4 अप्रैल तक क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इससे पहले सरकार व कर्मचारी संघ के बीच उनकी मांगों को लेकर सहमति बनी थी। इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं की। इस बात को लेकर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों में नाराजगी है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम भंग करके सभी कर्मचारियों को पक्का किया जाए, समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए, को पुन: शहरी स्थानीय निकाय विभाग में समायोजित किया जाए, 1366 फायरमैन वाईफाई ड्राइवरों को 2268 फायर ऑपरेटर कम ड्राइवरों के पदों पर समायोजित किया जाए, निजीकरण की भर्तियों पर रोक लगाई जाए, 5000 मासिक जोखिम बता दिया जाए, पुरानी पेंशन व ग्रेशिया लागू किया जाए, इसके अलावा अन्य मांगे भी कर्मचारियों की है जिसको लेकर वह आंदोलन कर रहे हैं।