श्रीपाल शर्मा ………. कादीपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन गुरुग्राम व शहीद यादगार मंच हरियाणा से अध्यक्ष

कादीपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन व शहीद यादगार मंच हरियाणा के अध्यक्ष श्रीपाल शर्मा का कहना है की आज हालात ऐसे है ज्यादातर लोग पुलिस और नेताओं से नफरत करते हैं! क्योंकि भ्रष्टाचार की परसेंटेज बढ़ गई है, लेकिन इसमें कहीं ना कहीं हमारा जनता का भी बहुत ज्यादा रोल है अगर जनता जागरुक हो और समझदारी व संयम से काम ले तो बहुत कुछ ठीक-ठाक हो जाता है और यह भी सच है कि पुलिस और नेताओं के बिना कहीं काम भी नहीं चलता है कहीं भी छोटी सी भी घटना हो जाए या बड़ी घटना हो, तो सभी पुलिस की मदद मांगते हैं और पुलिस ना हो तो गुंडा तत्व लोग साधारण लोगों को रहने ही ना दें!

बहुत सारे पुलिस वालेभाई (जवान) पूरी तरह ईमानदारी से काम भी करते हैं लेकिन कुछ लोगों की वजह से सारी पुलिस बदनाम हो जाती है! और हम लोगों की सोच भी पुलिस के प्रति ज्यादातर नकारात्मक ही रहती है! ऐसे ही नेताओं के बिना भी बहुत सारे काम अधूरे रहते हैं अगर कोई नेता नहीं पहुंचता तो उस कार्य को छोटा समझा जाता है कहीं कोई घटना घटी हो या कोई धार्मिक या सामाजिक कार्य हो तो नेता की भागीदारी के बिना कार्य अधूरा सा लगता है नेता छोटा या बड़ा हो सकता है !

लेकिन यहां एक खास बात यह है कि पुलिस को सरकार व प्रशासन तैयार करके देता है और नेता हम खुद चुनते हैं! गली मोहल्ले के नेता से लेकर संसद तक हम अपनी वोट के माध्यम से नेता चुनते हैं! और बिना चुनावी सामाजिक नेता भी होते हैं, लेकिन नेता चुनते समय हमें ठीक और गलत की पहचान करनी होगी! समय पर हम ध्यान नहीं देते बाद में फिर नेताओं को 5 साल गालियां निकाल कर अपनी भड़ास व गुस्सा निकालते हैं जो कि गलत है, अगर गलती हो गई, तो आगे से सावधान हो जाएं! दूसरा आपके पास कोई ऑप्शन ना हो या किसी के बारे में ज्यादा ना जानते हो तो कोई बात नहीं! लेकिन गली मोहल्ले गांव व शहर के चुनाव में तो आप अपने में से ही किसी नेता को चुनते हैं जिसके बारे में सभी कुछ ज्ञान होता है, फिर जानबूझकर गलती क्यों करें!

आप अपनी अंतरात्मा से जानिए क्या मैं अपनी जगह ठीक हूं बड़े नेता के रूप में यह पौधा लगाना है आप आम का पौधा लगाओ या बबूल का पौधा लगाओ यह आपका काम है! हम कहते हैं जमाना खराब है, कलयुग है, यह सारी बातें समाज में होती रहती हैं, लेकिन कलयुग कहीं से ट्रेन में बैठकर नहीं आया हमें भी अपना स्वार्थ छोड़ना पड़ेगा, हम अच्छाई की तरफ चलेंगे तो समाज अच्छा बनता नजर आएगा, और हम बुराई की तरफ चलेंगे तो हमें समाज में बहुत सारी बुराइयां नजर आएंगी! यह भी बहुत कुछ हमारे ऊपर निर्भर है! आपकी और हमारी एक एक वोट से ही संसद चुनी जाती है अब यहां प्रश्न है कि 1 वोट से क्या फर्क पड़ेगा, जरूर पड़ेगा आपको आतम संतुष्टि होगी, और अगली बार आप अपनी ताकत बढ़ाएंगे जहर की एक बूंद जिंदगी ले लेती है, और अमृत की एक बूंद जीवन दे देती है! बूंद बूंद से घड़ा भरता है!

इसलिए सबसे पहले छोटे स्तर पर ही अच्छे नेता का चुनाव करिए, नेता चुनते समय उसकी बुराइयों को नजरअंदाज मत करिए आप अपनी तरफ से सही चुने, ठीक और गलत को समझें, उसकी हार होगी या जीत होगी यह तो भविष्य के ऊपर छोड़िए, आपने अपनी तरफ से अच्छे इंसान को चुना है यही आपका बड़प्पन है यही आपकी जीत है, यही समाज की जीत है! इसलिए पुलिस और नेता से नफरत न करें बल्कि अच्छे संबंध से सहयोग करने की कोशिश करें!

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