आईएएस के दादा-दादी ने की आत्महत्या……सुसाइड नोट में लिखा- बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति, लेकिन हमारे लिए दो रोटी नहीं

चरखी दादरी जिले के कस्बा बाढड़ा निवासी आईएएस विवेक आर्य के दादा-दादी ने बुधवार रात घर पर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली

भारत सारथी

चरखी दादरी । दादरी जिले के कस्बा बाढड़ा निवासी आईएएस विवेक आर्य के दादा-दादी ने बुधवार रात घर पर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। बुजुर्ग दंपती ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा जो दम तोड़ने से पहले उन्होंने पुलिस को सौंपा। सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा है कि मेरे बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन हमें देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। पुलिस ने परिवार के चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। मृतक दंपति का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल में करवाया गया है।

जानकारी के मुताबिक मूलरूप से गोपी निवासी जगदीशचंद और भागली देवी अपने बेटे विरेंद्र के पास बाढड़ा के शिव कॉलोनी में रहते थे। विरेंद्र का बेटा विवेक आर्य 2021 में आईएएस बना था और उन्हें हरियाणा कैडर मिला है। इस समय वह अंडर ट्रेनी काम कर रहे हैं और उनकी पोस्टिंग करनाल में है। बुधवार रात जगदीशचंद आर्य और उनकी पत्नी भागली देवी ने बाढड़ा स्थित अपने आवास पर जहरीला पदार्थ निगल लिया और देर रात जगदीशचंद आर्य ने जहर निगलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी। इसके बाद ईआरवी 151 मौके पर पहुंची और बाढड़ा थाने से भी पुलिस टीम को मौके पर बुलाया गया।

वहीं पुलिस को जगदीशचंद ने सुसाइड नोट भी सौंपा। हालत बिगड़ने पर बुजुर्ग दंपती को पहले बाढड़ा के निजी अस्पताल ले
जाया गया और वहां हालत गंभीर होने के चलते उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया। दादरी अस्पताल में चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वहीं मृतक के बेटे विरेंद्र ने बताया कि जहर खाने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। उम्र के इस पड़ाव में दोनों बीमारी के चलते परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।

सुसाइड नोट में जगदीश चंद ने ये लिखा

मैं जगदीश चंद आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उनके पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया। मैने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि मेरे रहते हुए वह दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे। अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन का दही देना शुरू कर दिया। ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधु, एक बेटा व एक भतीजा है। जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किए, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करें। मेरी प्रार्थना है कि इतना जुल्म मां-बाप पर नहीं करना चाहिए और सरकार और समाज इनको दंड दें। तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढ़ड़ा में दुकान है वह आर्य समाज बाढड़ा को दी जाए।

पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार पर किया मामला दर्ज

डीएसपी हैडक्वार्टर विरेंद्र श्योराण ने बताया कि मृतक जगदीश चंद ने निजी अस्पताल में पुलिस के समक्ष लिखित में पत्र दिया है जिसे सुसाइड नोट भी माना जा सकता है। मृतकों ने परिवार के लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए जहर खाकर आत्महत्या की है। वहीं मृतकों का पोता आईएएस है और फिलहाल ट्रेनी है। पुलिस ने इस संबंध में चार लाेगों पर जिनमें मृतकों के बेटों व पुत्रवधुओं पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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