रविवार शाम चार बजे नांगल चौधरी में तेज बारिश व ओलावृष्टि किसानों के आशाओं पर तुषारापात, पहले पाले की मार अब ओलावृष्टि भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। पिछले तीन चार दिनों से आसमान में छाई काली घटाओं से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें हैं। ओलावृष्टि की आशंका को लेकर किसान भी तेजी से सरसों की कटाई में जुटे हुए हैं। किसान अपने परिवारों के साथ खेतों में पकी सरसों की फसल को काटकर एकत्रित कर रहे हैं। शनिवार को सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छाई रही सुबह 10 बजे एवं शाम चार बजे दो बार हल्की बूंदाबांदी भी हुई। वही रविवार को भी यही आलम रहा। शाम को लगभग 4 बजे के लगभग नांगल चौधरी में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होने के समाचार है। तेज बारिश ओलावृष्टि 8 से 10 मिनट तक जारी रही। प्रवासी मजदूरों के सहारे तेजी से हो रही कटाई मौसम विभाग द्वारा 22 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील एवं बूंदाबांदी की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए प्रवासी मजदूरों के सहारे सुबह के समय कटाई व शाम के समय सरसों को एकत्रित कर रहे हैं। जिले में इस बार 225750 एकड़ में खड़ी सरसों की करीब 80 प्रतिशत कटाई पूरी की जा चुकी है लेकिन अभी फसल में नमी होने के कारण थ्रेसिंग शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर बारिश हुई तो किसानों की परेशानी ओर अधिक बढ़ जाएगी। बाकि 20 प्रतिशत सरसों की कटाई का काम भी महज दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। राजकीय महाविद्यालय नारनौल पर्यावरण कलम के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि 22 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। आगामी तीन दिन तक क्षेत्र में हल्की बारिश हो सकती है साथ ही 9 से 13 किलोमीटर की गति से हवाएं चलने की संभावना है। किसानों को सलाह दी जाती है कि पकी हुई सरसों की फसल की कटाई कर उसे एकत्रित कर दें जिससे बारिश की स्थिति में फसल खराब न हो। मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूं की फसल में सिंचाई न करें क्योंकि तेज हवा चलने से फसल गिरने की संभावना रहेगी। Post navigation म्यूट संसद, संयोग या प्रयोग……… संसद में सत्तापक्ष के सांसदों के प्रतिरोध पर संसद ठप 20 मार्च विश्व गौरया दिवस पर ” मोबाइल टावर बने नन्हीं गौरया के दुश्मन “