गुरुग्राम : सतीश भारद्वाज : एक तरफ तो प्रदेश सरकार निगम क्षेत्र को पास क्षेत्रों की तर्ज पर चमकाने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी तरफ आए दिन निगम क्षेत्र की शिकायतें सीएम विंडो पर लग रही है। लेकिन फिर भी सरकार में बैठे लापरवाह अधिकारी निगम क्षेत्र वासियों की समस्याओं का समाधान कराने में विफल साबित हो रहे हैं। ऐसा मामला निगम क्षेत्र के गांव मुल्लाहेड़ा वार्ड 3 का मामला सामने आया है। जिसमें निगम अधिकारियों द्वारा नोटिस देने के बावजूद भी राजनीतिक दबाव के कारण करोड़ों की जमीन से अवैध कब्जा नहीं हटवा पा रहे। जिस पर अवैध कब्जे धारियों ने बहुमंजिला इमारतें बनाकर किराए के रूप में खूब चांदी कुट रहे हैं। जिसकी शिकायत एक समाज सेवक ने सीएम विंडो पर भेजी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम क्षेत्र के गांव मुल्लाहेड़ा निवासी महिपाल यादव ने गांव के खसरा नंबर 57, 58 सहित कई अन्य सरे आम रास्तों पर निगम पार्षद की लापरवाही से हुए अवैध कब्जों की शिकायत प्रदेश के मुखिया द्वारा जनहित में शुरू की गई सीएम विंडो पर भेजी है। शिकायत के अनुसार बताया गया है कि उनके मकान के साथ में नगर निगम का खसरा नंबर 57 व 58 पर कई दबंग भू माफियाओं ने निगम पार्षद रविंद्र की शय से कई मंजिलें पक्के मकान बनाकर किराए के रूप में लाखों रुपए महीना वसूल कर रहे हैं। जिसकी शिकायत उन्होंने कई दफा निगम अधिकारियों और पार्षद से भी की लेकिन मिलीभगत के कारण पार्षद उन पर कार्रवाई होने में रुकावटें पैदा कर रहा है। जिसे जहां सरकार को चूना लग रहा है। वही आसपास में रहने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि सरकारी जमीनों पर वर्षों से कब्जा जमाए बैठे लोगों को सरकार तुरंत हटाए। लेकिन फिर भी निगम में बैठे भ्रष्ट लापरवाह अधिकारी मिलीभगत के कारण मौन बने हुए हैं। वही निगम क्षेत्र वासियों का यह भी कहना है कि निगम जोन 2 के अंतर्गत आने वाले गांव मुल्लाहेड़ा में अवैध कब्जे करने के दर्जनों नोटिस भेजे हुए हैं, लेकिन सीएम के चहेते ओएसडी के चलते निगम अधिकारी इन पर कार्यवाही करने में कतरा रहे हैं। बता दे कि नगर निगम जोन 2 के अंतर्गत आने वाले गांव मुल्लाहेड़ा में गत दिनों ही निगम जॉइन टू कमिश्नर की तरफ से काफी ग्रामीणों को अवैध कब्जे के नोटिस खसरा नंबर 129, 144, 57, 58 पर दिए थे। जिस पर निगम अधिकारी दबाव के कारण जानबूझकर मौन धारण किए हुए हैं। लेकिन जहां पर जिस गली में कोई अवैध कब्जा भी नहीं है। वहां पर वोटों की राजनीति और जातिवाद के कारण भोले-भाले ग्रामीणों पर जमकर कहर बरसा रहे हैं। अब देखना यह है कि निगम की लापरवाही सीएम विंडो पर दी गई शिकायत पर भी कार्रवाई करते हैं या ठंडे बस्ते में डाल दे ते है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। Post navigation गुरुग्राम निगम चुनाव और राजनैतिक दल लायंस क्लब गुरुग्राम सिटी द्वारा गैलेरिया मार्केट में आयोजित रक्त दान शिविर