कृषि की नई तकनीक को अपना कर हम अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं : डॉ.,एन. कलैसेल्वी, सचिव, डीएसआईआर और डीजी, सीएसआईआर विशिष्ट अतिथि डॉ कैलाश चंद्र शर्मा ने कृषि में भविष्य की संभावनाओं, कृषि में रोजगार की संभावनाओं, कृषि में युवाओं की भागीदारी को लेकर प्रेरित किया जीयू के कुलपति ने ग्रामीण युवाओं से कृषि की नवीन प्रौद्योगिकी एवं फसल पद्तियों को अपनाने का किया आहवान सीएसआईआर द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी ने सबका मन मोह लिया गुडग़ांव, 15 मार्च – किसानों और विद्यार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सृजन और सतत विकास के लिए सीएसआईआर प्रौद्योगिकी से परिचय कराने के उद्देश्य से गुरुग्राम विवि ने सीएसआईआर नई दिल्ली और डीएसटी हरियाणा के सहयोग से 15 और 16 मार्च को विवि परिसर में 2 दिवसीय “साइंस कॉन्क्लेव और एग्रो- टेक एक्सपो-2023 ” का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय अतिथियों द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन कर किया गया । इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ.,एन. कलैसेल्वी, सचिव, डीएसआईआर और डीजी, सीएसआईआर,विशिष्ट अतिथि: डॉ कैलाश चंद्र शर्मा, वाइस चेयरमैन,हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद, पंचकुला, हरियाणा, प्रो रंजना अग्रवाल, निदेशक, सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली एवं कार्यक्रम अध्यक्ष विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार उपस्थित रहे । इस अवसर पर जीयू के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का लक्ष्य किसानों और विद्यार्थियों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास से संबंधित इच्छुक भागीदारों के बीच परस्पर संवाद का एक सक्षम मंच प्रदान करना है । कार्यक्रम में 1000 से अधिक प्रतिभागी वैज्ञानिकों / शिक्षाविदों / किसानों और आस-पास के क्षेत्रों के स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एग्रो- टेक एक्सपो में सीएसआईआर द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई, जो किसानों के लिए विशेष आकर्षण रही । इस प्रदर्शनी में पूरे देश के विभिन्न राज्यों से सीएसआईआर लैब की स्टाल लगाई गईं। प्रदर्शनी के माध्यम से कई परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। जहां विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों, आधुनिक तकनीकों सहित आधुनिक कृषि यंत्रों की किसानों को जानकारी दी गई । इस अवसर पर आयोजित कठपुतली प्रदर्शन ने सबका मन मोह लिया । इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ.,एन. कलैसेल्वी, सचिव, डीएसआईआर और डीजी, सीएसआईआर ने कहा कि पारंपरिक कृषि में कीटनाशकों जैसे रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग होने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ इनसे मानव स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है.। ऐसे जहरयुक्त खान-पान से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां मानव शरीर को प्रभावित करने लगी हैं उन्होंने किसानों से पारंपरिक खेती पद्धति से हटकर प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस खेती पद्धति में कृषि अवशेषों का प्रयोग होने से लागत कम आएगी जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी.। कृषि की नई तकनीक को अपना कर हम अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं । विशिष्ट अतिथि: डॉ कैलाश चंद्र शर्मा वाइस चेयरमैन,हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद ने कृषि में भविष्य की संभावनाओं, कृषि में रोजगार की संभावनाओं, कृषि में युवाओं की भागीदारी को लेकर प्रेरित किया। इस अवसर पर गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने ग्रामीण युवाओं से आहवान किया कि वे नौकरी के पीछे भागने की अपेक्षा कृषि की नवीन प्रौद्योगिकियां एवं फसल पद्तियों को अपनाकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं.। इस मौके पर प्रो. सुभाष कुंडू, डॉ. विजय मेहता, डॉ. धीरेन्द्र कौशिक, डॉ. अन्नपूर्णा, डॉ. गायत्री रैना, डॉ. राकेश योगी आदि उपस्थित रहे । Post navigation हायर एजुकेशन के क्षेत्र में भारत के साथ सांझेदारी में यूरोपियन यूनियन ने दिखाई रुचि पुलिस उपायुक्त दक्षिण की अध्यक्षता में पुलिस पब्लिक कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों के साथ मिटिंग का आयोजन