गुरुग्राम, 14 मार्च 2023 । बिजली बिल सरचार्ज माफी योजना का लाभ उपभोक्ताओं को बिजली वितरण निगम द्वारा निरंतर दिया जा रहा है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अमित खत्री ने बताया कि बिजली बिल सरचार्ज माफी योजना 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है। अनेकों बिजली उपभोक्ता अभी भी अपने बकाया बिलों का भुगतान करना चाहते हैं, उन्हें यह अवसर दिया जा रहा है। बकायादार उपभोक्ता 31 मार्च से पहले इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ सभी कनेक्टेड और डिस्कनेक्टेड, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के निजी, कृषि और सरकारी, नगर पालिका, ग्राम पंचायत आदि के उपभोक्ताओं को मिलेगा। जिनका बिल 31 दिसंबर 2021 तक बकाया था तथा अब तक भी बिल बकाया है। उनके बकाया बिल राशि के एकमुश्त भुगतान पर 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी उपभोक्ताओं को दी जा रही है। जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए थे, वे सभी उपभोक्ता इस योजना का लाभ उठा कर अपने कनेक्शन ले सकते हैं। बकायादार उपभोक्ता अपने बिजली बिल की मूल राशि का एक हिस्सा जमा करके अपना कटा हुआ बिजली कनेक्शन जुड़वा सकते हैं। शेष राशि को लगातार 6 किश्तों में मूल भुगतान के साथ-साथ वर्तमान बिल का भी भुगतान करना होगा। यह योजना शहरी एवं ग्रामीण सभी व्यक्तिगत घरेलू और कृषि श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए भी लागू होगी। केस वापिस लेकर उपभोक्ता उठा सकते हैं लाभ जिन उपभोक्ताओं के बिल विवाद के मामले किसी भी न्यायिक फोरम में चल रहे हैं, वे इसी समय अपना मामला वापिस लेकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। केस वापिस लेने की स्थिति में उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकता है। यह सुनहरी अवसर है और ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता इसका लाभ उठायें। उपभोक्ता अपने बिल के विवाद को निपटाने के लिए संबंधित उपमंडल कार्यालय में संपर्क करें। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अमित खत्री ने बताया कि अनेकों उपभोक्ताओं ने इसका लाभ उठाया है। जिसमें सिंचाई, जन स्वास्थ्य, पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम आदि सरकारी विभागों और निजी उपभोक्ता शामिल हैं। अन्य बिजली बिल के बकायादार उपभोक्ता भी 31 मार्च 2023 से पहले इस सरचार्ज माफी योजना का लाभ उठा सकते हैं। Post navigation एसजीटी विश्वविद्यालय ने किया एशिया के एडवांस्ड स्टडी इंस्टीट्यूट ऑफ एशिया (एएसआईए) का उद्घाटन सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के सवाल पर रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण पर संसद में सरकार ने तीसरी बार वही जवाब दोहराया