· हरियाणा की बीजेपी सरकार इतनी कमजोर है कि वो केंद्र की बीजेपी सरकार से चर्चा भी नहीं कर पा रही कि ये विश्वविद्यालय बनाया जाए – दीपेन्द्र हुड्डा · केंद्र, हरियाणा सरकार की इसी कमजोरी का फायदा उठा रही है और इससे प्रदेश को बड़ा नुकसान हो रहा– दीपेन्द्र हुड्डा · 2016 में, 2022 में और अब 2023 में भी एक ही जवाब कि चारदीवारी बनाई – दीपेन्द्र हुड्डा · रक्षा विश्वविद्यालय का जितना काम हम कराकर गए उससे एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा चंडीगढ़, 14 मार्च। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने गुरुग्राम में मंजूरशुदा रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण की प्रगति पर सवाल पूछा तो सरकार ने तीसरी बार वही पुराना जवाब दोहराया। सरकार ने 25 नवंबर, 2016 को जवाब दिया कि चारदीवारी, गार्ड रूम, वाच टॉवर, पेरीमीटर रोड का काम पूरा; फिर 4 अप्रैल,2022 को भी सरकार ने इस सवाल का वही जवाब दोहराया और अब 13 मार्च, 2023 को भी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने वही जवाब देते हुए कहा कि चारदीवारी, गार्ड रूम, वाच टॉवर, पेरीमीटर रोड का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि दु:ख इस बात का है कि हरियाणा की गठबंधन सरकार इतनी कमजोर है कि वो केंद्र सरकार से इस बात की चर्चा भी नहीं कर पा रही कि ये विश्वविद्यालय बनाया जाए। केंद्र, हरियाणा सरकार की इसी कमजोरी का फायदा उठा रही है और इससे प्रदेश को बड़ा नुकसान हो रहा है। हरियाणा सरकार की इसी कमजोरी के चलते पहले रेल कोच फैक्ट्री और इंटरनेशनल एअरपोर्ट हरियाणा से चला गया। अगर हरियाणा सरकार का ऐसा ही कमजोर रवैया रहा तो संसद से ये जवाब भी आ सकता है कि हरियाणा का रक्षा विश्वविद्यालय किसी दूसरे प्रदेश में चला गया। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा दौर की रक्षा चुनौतियों को देखते हुए देश को इस रक्षा विश्वविद्यालय की सख्त जरूरत है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि 1999 में कारगिल रिव्यू कमेटी द्वारा भारत की सुरक्षा प्रबंधन व्यवस्था की कमियों को सामने लाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आईएनडीयू) का प्रस्ताव रखा गया था। मई 2010 में काफी प्रयासों के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से इसे गुड़गांव में स्थापित करने को मंजूरी दिलायी गयी। सितंबर 2012 में इसकी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा किया गया। रक्षा विश्वविद्यालय की आधारशिला 23 मई, 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने रखी थी। हम जितना काम कराकर गए बस वही काम हुआ है। पिछले 9 साल से केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार है लेकिन रक्षा विश्वविद्यालय में एक नयी ईंट तक नहीं जोड़ी गई। उन्होंने कहा कि 205 एकड़ जमीन पर बनने वाले इस रक्षा विश्वविद्यालय के तहत डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस टेक्नॉलाजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, आईआईटी, नेशनल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज की स्थापना की जानी थी। इस रक्षा विश्वविद्यालय के शुरु होने से सेना की सामरिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती साथ ही चौतरफा विकास होता और हरियाणा के लाखों युवाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसर भी मिलते। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी बताया कि उन्होंने समय-समय पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और निर्मला सीतारमण से खुद मुलाकात करके इस विश्वविद्यालय का काम जल्द शुरु करने की मांग उठाई थी। Post navigation बिजली बिल सरचार्ज माफी योजना 31 मार्च तक बढ़ाई – अमित खत्री प्रवासी नागरिकों ने किया जीएल शर्मा का अभिनंदन