भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नेशनल हाईवे 152-डी पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच प्रवेश मार्ग की मांग को लेकर सोमवार को 40 गांवों के ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। संघर्ष समिति के प्रधान विजय सिंह चेयरमैन नोताना ने बताया कि 40 गांव के ग्रामीणों की मांग पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कट देने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। जिसके विरोध में 40 गांवों के ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि इन गांवों के ग्रामीणों की पिछले दिनों बैठक हुई थी। जिसमें इस कट को यथाशीघ्र प्रारंभ करने के लिए मांग की गई थी। सरकार के विभिन्न प्रतिनिधियों को इस बारे में पत्र भी भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। इसलिए मजबूर होकर धरने पर बैठना पड़ा है।

टैंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि इस मार्ग पर 35 किलोमीटर तक महेंद्रगढ़ व दादरी के बीच कोई कट नहीं हैं, जबकि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक बागेश्वर धाम, सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा, एनटीपीसी तापीय विद्युत परियोजना झाड़ली जैसे प्रमुख स्थान यहां से बहुत नजदीक है। साथ ही लगभग तीन से चार लाख लोगों की जनसंख्या इस क्षेत्र में रहती है। इन सभी को इस मार्ग पर चढ़ने के लिए दादरी या महेंद्रगढ़ की तरफ जाना पड़ता है, जो यहां से 20 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित है। इन 40 गांव के लोगों ने मिलकर यह फैसला लिया कि इस मार्ग पर अवश्य कट दिया जाए। उन्होंने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह ने पंचगांव में रैली में कट की मांग को सड़क परिवहन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूर करने की घोषणा भी की थी, लेकिन इसके बावजूद भी इस मार्ग पर कट का कार्य प्रारंभ नहीं हो रहा। आसपास के गांवों के लोगों में इस बात का रोष है कि घोषणा होने के बावजूद भी कट का कार्य प्रारंभ नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यह अनिश्चितकालीन धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक यहां पर कट नहीं बन जाता है। संघर्ष समिति ने लोगों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में प्रतिदिन इस धरना स्थल पर आकर बैठे, ताकि सरकार की आंखें खुले और यह कट आरंभ हो सके। धरना समिति सदस्यों ने बताया कि इस बारे में उन्होंने 26 फरवरी को रामबास में आरती राव भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व राव इंद्रजीत सिंह की बेटी को भी ज्ञापन सौंपा था, जिसमें इस मांग का समर्थन किया था।