–राम जैसा आदर्श और गीत जैसा ज्ञान विश्व में कहीं नहींः श्री श्रेयायं द्विवेदी –दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहुहि ब्यापाः राधेश्याम शर्मा भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। संयुक्त भारतीय धर्म संसद हरियाणा प्रांत द्वितीय द्वारा स्थानीय यादव धर्मशाला में “कण कण में श्री कृष्ण बसे, रोम-रोम में राम” विषय पर आयोजित गोष्ठी का भव्य शुभारम्भ किया। कार्यक्रम अध्यक्षता जिला उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर ने की। कार्यक्रम में भगवान राम पर मुख्य वक्ता के रूप में नारनौल के पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा थे एवं श्री कृष्ण के विषय पर महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉक्टर श्रेयांश द्विवेदी थे। कार्यक्रम के संयोजक संयुक्त भारतीय धर्म संसद के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश महता एडवोकेट थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में आचार्य क्रांति निर्मल, आचार्य बजरंग शास्त्री ने मां सरस्वती का पूजन करवाने के बाद दीप प्रज्वलित कर शंखनाद किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा ने भगवान राम की महिमाओं पर बारीकी से प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन को स्वर्ग बनाने के लिए भगवान जैसे प्रतिज्ञावान जीवन जीना चाहिए नौजवानों के अंदर भी वैसा ही संकल्प होना चाहिए जो भगवान राम में था तभी समाज में फैली बुराइयों को मिटाया जा सकता है। पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा ने लगभग एक घटें तक भगवान राम के मर्यादित जीवन पर प्रकाश डाला और कहा की दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहुहि ब्यापा अर्थात भगवान राम के समय जैसा राज कभी नहीं आ सकता उस समय सभी धर्म का पालन करने वाले हुआ करते थे। वही महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विद्यालय के पूर्व कुलपति श्रेयांश द्विवेदी ने भगवान कृष्ण की लीलाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता का संदेश दिया जिस धरती पर हम रहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के संदेश में कहा था कि मनुष्य जो जैसा कर्म करेगा वैसा ही फल भोगेगा इसलिए मनुष्य को अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए अच्छे कर्म करने चाहिए हमें फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए फल तो भगवान देंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में कही भी राम जैसा आदर्श और गीत जैसा ज्ञान नहीं हैं और लोग विदेशों से इसे समझने यहां आते हैं। उन्होंने सभी लोगों को भागवत गीता पढ़कर उसे अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने कहा कि मनुष्य को सबके साथ सामान्य व्यवहार बनाकर सबको साथ लेकर जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को धर्म की राह पर चलते हुए अपने खुद के जीवन को सार्थक बना सकता है साथ ही वह दूसरे लोगों को धर्म के राह पर चलने की प्रेरणा देकर उनके जीवन को सार्थक भी बना सकता है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान व श्री कृष्ण की लीलाओं का बखान करते हुए कहा कि जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है तो भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं भगवान राम और कृष्ण ने भी अवतार लेकर पापो को खत्म करने के साथ ही लोगों को सच्चाई व धर्म के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में संयुक्त भारतीय धर्म संसद द्वितीय के प्रदेश अध्यक्ष राकेश महता अधिवक्ता ने कहा कि संयुक्त भारतीय धर्म संसद का उद्देश्य लोगों को धर्म के राह पर चला कर जीने की राह दिखाना है। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे सभी लोगों का स्वागत व आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में बजरंग शास्त्री व मनीष शास्त्री ने कृष्ण जी की महिमा पर भजन प्रस्तुति किए। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ दादरी कार्यक्रम में व्यस्त रहने के चलते नहीं पहुंच सके। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए मोबाइल बधाई संदेश भेजा। कार्यक्रम का मंच संचालन पंकज गौड़ ने किया। इस अवसर पर यादव सभा के सचिव मेजर कंवर सिंह पटीकरा, सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष धर्मचंद छाबड़ा, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ, कृष्ण कुमार ठेकेदार, सुनील गौड़, राम कुमार शर्मा बाबा आयल मिल, विनय शर्मा निहालावास, सुरेश शर्मा कावीं वाले, रामानंद अग्रवाल, पुष्करमल वर्मा, मास्टर भूप सिंह, रविदत्त शर्मा एडवोकेट,रविन्द्र यादव एडवोकेट, रामनिवास मास्टर, सुबेदार दलीप सिंह, विजय गोस्वामी ,सुरेन्द्र बोहरा, कृष्ण कुमार शर्मा एडवोकेट, मदन लाल शर्मा एडवोकेट, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव पवन यादव, नरेंद्र यादव एडवोकेट, अरविन्द यादव एडवोकेट सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे। Post navigation कनीना में कांग्रेस का एसबीआई के सामने धरना प्रदर्शन जापान तक पहुंची बाजरे के लड्डू की मिठास