जसवंत सिंह और उनके पिता राम प्रसाद बिना रामपुरा हॉउस के सपोर्ट के बने विधायक हरियाणा विकास पार्टी से बगावत करके अपने आपको नहीं संभाल पाये जसवंत सिंह रेवाड़ी,09 मार्च (पवन कुमार)I होली से दो-तीन दिन पूर्व बावल में बावल के पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह और वर्तमान मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल ने एक ही समय पर मात्र पांच सो मीटर की दूरी पर अलग – अलग होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया I जहां बनवारीलाल का आयोजन निजी प्रयास था वहीं चौधरी जसवंत सिंह के कार्यक्रम में कोसली विधायक लक्ष्मण यादव और रेवाड़ी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके सुनील मूसेपुर पहुंचे I राजनैतिक गालियारे में इस बात की चर्चा हो गईं बावल में भाजपा के दो फाड़ हो गये,लेकिन सच्चाई क्या है ? और इसका आने वाले समय पर क्या प्रभाव पड़ेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता,पर चौधरी जसवंत सिंह के चहरे पर मुस्कराहट देखते अवश्य बनती है I चौधरी जसवंत सिंह ने कोसली विधायक लक्ष्मण यादव से काफ़ी नजदीकयां बना ली है और अगर उन्हें बावल से भाजपा की टिकट मिली तो उसका श्रेय लक्ष्मण सिंह यादव को ही जायेगा,वह विधायक बनेगें या नहीं यह आने वाले समय पर छोड़ देते है और अब बात करते है कि आखिर जसवंत सिंह का राजनैतिक करियर क्या है I हमेशा से यही देखा जा रहा है कि जिस वकील कि वकालत नहीं चली वह एक अच्छा नायक या नेता अवश्य बना I महात्मा गांधी,जवाहर लाल नेहरू,मोहमद अली जिनाह असफल वकील थे पर राजनीति में सफल नेता साबित हुए I अब बात करते है वकालत में असफल कप्तान अजय यादव रेवाड़ी से लगातार 6 बार विधायक,सतीश प्रधान तो बिना प्रैक्टिस किये ही नेता बन गये I इसी तरह चौधरी जसवंत सिंह भी एक असफल वकील है और 1996 में बावल से विधायक रहे और हरियाणा सरकार में जनस्वास्थ्य मंत्री रहे है I उनके पिता श्री राम प्रसाद भी 1972 में बावल से विधायक रह चुके है I गांव बुडोली निवासी चौधरी जसवंत सिंह ने हरियाणा विकास पार्टी से अपने राजनैतिक करियर कि शुरुआत की I वह हरियाणा विकास पार्टी के अच्छे कार्यकर्त्ता थे जिन्होंने घर-घर जाकर हरियाणा विकास पार्टी का विस्तार भी किया I आज बेशक उनके पास सेक्टर-3 में अच्छा फ्लैट हो पर उनके पास रेवाड़ी में कोई ठिकाना भी नहीं था और अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के यहां ही ठहरना पड़ता था I चौधरी बंसीलाल कि सत्ता आई और जसवंत सिंह शकुंतला भगवाड़िया को हरा कर बावल से विधायक बने और फिर जनस्वास्थ्य मंत्री बने I चौधरी बंसीलाल को शराब बंदी ले डूबी I एक तरफ चौधरी बंसीलाल द्वारा लगाई गईं शराब बंदी से कमी और दूसरी तरफ चौधरी बंसीलाल के तानाशाह रुख से विधायक परेशान थे और हरियाणा विकास पार्टी में बगावत के आसार नज़र आने लगे, जिसको इनलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने भाप लिया और जोड़-तोड़ कि राजनीति शुरू की और मात्र दो सप्ताह में बागी विधायको के कारण चौधरी बंसीलाल की सरकार गिर गईं I रेवाड़ी जिले से इन बागी विधायको में चौधरी जसवंत सिंह और जगदीश यादव शामिल थे I इनलो की सरकार में जगदीश यादव को तो अहमियत दी पर चौधरी जसवंत सिंह की राजनीति पर विश्राम लगा दिया और इनलो ने 2000 के चुनाव में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर ऍम एल रंगा को टिकट दी और चौधरी जसवंत सिंह चुनाव लड़ने से वंचित रह गये और वह राजनीति से दूर एक तरह से वे अज्ञातवास चले गये I चौधरी जसवंत सिंह का कहना है कि उनके पिता और वह दोनों बिना रामपुरा हॉउस के सपोर्ट के चुनाव जीते थे I उन्होंने यह भी कहा कि वह 24 वर्ष का वनवास काट कर आये है I अगर ऐसा है तो उन्होंने इन 24 वर्षो में कौन सा राम सेतु बनाया,कौन से रावण को मारा है,तो उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं होगा, हां 2014 में वह अमृतकला टिकनियां कि टिकट कटवाकर बावल के कांग्रेस की टिकट अवश्य ले आये I अब प्रश्न यह उठता है कि उनकी दुकान में सौदा किया है,उन्हें एक बार अपनी दुकान का मॉल दिखना होगा I एक जमे हुए मंत्री को हटाने के लिए दुगनी ताकत लगती है I उन्हें एक बार अपनी बंद मुट्ठी खोलनी होगी, तब कहीं जाकर यह उम्मीद कि जा सकती है बनवारीलाल के जमे पैर को उखाड़ा जा सकता है I Post navigation रेवाड़ी में पुलिस ने हेरोइन सहित पकड़े 3 तस्कर, नारनौल में बेचने जा रहे थे तीनों हरियाणा की वास्तविकता यह है कि यहां चुनावों में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला : विद्रोही