“होली के रंग, कवियों के संग” कार्यक्रम 36 बिरादरियों का ज्वलंत संगम : बोधराज सीकरी
होली हमारी संस्कृति की खूबसूरती और अपनत्व का अनुपम उदाहरण : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 7 मार्च, मंगलवार को सेक्टर 17 के ब्लिस प्रीमियर में ‘होली के रंग, कवियों के संग’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन समाजसेवी व भाजपा कार्यकर्ता बोधराज सीकरी द्वारा किया गया। यह आयोजन गुरुग्राम के आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें लोकप्रिय नेतागण, कवि, समाजसेवी और उद्योगपति शामिल हुए

बोधराज सीकरी ने कहा कि, हमारे तीज-त्योहार ही हमारी संस्कृति और परम्पराओं की खूबसूरती को प्रकट करने का सरलतम व उत्कृष्ट माध्यम हैं। होली हमारी संस्कृति की खूबसूरती और अपनत्व का अनुपम उदाहरण है। इसमें उपयोग होने वाले नाना प्रकार के रंग हमें अनेकता में एकता और आपसी भाईचारे की भावना का साक्षात अवलोकन कराते हैं।

उन्होंने कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में शामिल श्रीमती सुनीता दुग्गल (सांसद सिरसा लोकसभा, एक्स-आई.आर.एस), गोपाल कृष्ण अग्रवाल राष्ट्रीय प्रवक्ता (आर्थिक विषय) भाजपा, अम्मु सूरजपाल, अनिल यादव डिप्टी मेयर, व अन्य सम्मानित लोगों का आभार प्रकट किया।

साथ ही उन्होंने कवियों की वीर रस और हास्य रस की कविताओं की प्रस्तुति के लिए उनका आभार जताया और आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग करने वाले संगी साथियों का भी धन्यवाद किया।

बता दें कि ब्लिस प्रीमियर का प्रांगण लोगों से खचाखच भरा हुआ था। जहाँ लोगो में जोश था वही अनुशासन भी था। हर बिरादरी के लोग आनंद उठा रहे थे। कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से माहौल को उत्साह और खुशी के नवरंगों से सराबोर कर दिया। अचंभा तब हुआ जब बोध राज सीकरी ने ख़ुद काव्य पाठ किया। उनकी शेरों शायरी ने तालियों की आवाज़ से माहौल बदल दिया।

मंच पर उपस्थित कवियों और कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का आभार जताते हुए बोधराज सीकरी ने होली के आध्यात्मिक व वैज्ञानिक महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि होली रंगों का उत्सव है, जी-जान से जीने का उत्सव है। आपसी भाईचारे को मजबूत करने का उत्सव है। हमारे समाज में, हमारे साहित्य में हमारे सांस्कृतिक जीवन में होली के त्योहार का सर्वाधिक प्रभाव है किसी साहित्यकार की ऐसी कोई रचना नहीं होगी जहां कहीं ना कहीं होली के रंगों की चर्चा ना की गयी हो। इसलिए समाज के भावात्मक जगत के साथ यह रंगों का उत्सव पूरी तरह जुड़ चुका है।

देश का कोई कोना ऐसा नहीं होगा जहां होली का उत्सव ना मनाया जाता हो।

कवियों की विशेष प्रस्तुति के साथ-साथ होली के स्वादिष्ट व्यजनों की व्यवस्था भी उम्दा तरीके से की गई थी। सभी लोगों ने कार्यक्रम के सुव्यवस्थित और सुंदर आयोजन के लिए बोधराज सीकरी की जमकर प्रशंसा की।
सुनीता दुग्गल जी ने होली के महत्व की चर्चा की और गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने राष्ट्र की उन्नति की बात की।

एक अनुमान के अनुसार डेढ़ हज़ार से अधिक बोधराज सीकरी के शुभ चिंतक हर जाति वर्ग से उन्हें आशीर्वाद देने उपस्थित हुए।

इस अवसर पर नवीन गोयल (सह-संस्थापक कैनविन फाउंडेशन), ओमप्रकाश कथूरिया, प्रमोद सलूजा, संजय टंडन, धमेन्द्र बजाज, रामलाल ग्रोवर, किशोरी लाल डुडेजा, अभिषेक गुलाटी, श्रवण आहूजा, नितिन मलिक, कटारिया मंडल अध्यक्ष, डॉक्टर मनजीत, जतिंदर यादव, अनूप पार्षद, अनिल आरती पार्षद, अनिल यादव डिप्टी मेयर अशोक आज़ाद,अत्तर सिंह सिंधु, ज्योत्सना, शशि बजाज, रचना बजाज, ज्योति बजाज, एकता कामरा, अशोक आर्य, के ऐल आर्य, अशोक सीकरी, सुरेश सीकरी, शील सीकरी सोनिया सचदेव मीनू छाबड़ा, प्रवीण सीकरी, राजीव छाबरा, रमेश नरूला, सतीश चावला, राज कुमार कथूरिया, नरिंदर कथूरिया, अर्जुन नासा, अर्जुन कमरा, ओ पी कालरा, सतीश आहूजा, रमेश कालरा, पूनम भटनागर, रश्मि भूषण, सुभाष गांधी, रवि मिनोचा, रमेश कुमार, पारुल कुमार, अनिल कुमार, उमेश ग्रोवर, जय दयाल कुमार, अनिल मनचंदा, रमेश कुमार, अंशुल सीकरी, अभिनव सीकरी, दमन दीवान, अनिल आर्य, मुकेश सिंगला, अशोक डबास, स्वाति टंडन, सुभाष अरोड़ा, दीपक जैन, अशोक ग्रोवर, डॉ. अशोक दिवाकर, रमेश कामरा, राजेश सूटा, गिरिराज ढींगरा, धर्म सागर, सुरेंद्र खुल्लर, कंवरभान वधवा, रमेश चुटानी, के.के गोस्वामी, वीना अरोड़ा, गौरीशंकर, सतपाल नासा, प्रो. जगदीश मित्रा, प्रो.राजेश गुरुग्राम कालेज व अन्य हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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