मानेसर की जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी का बड़ा ऐलान नहीं मनाएंगे रंगो की होली।

गुरुग्राम,सतीश,भारद्वाज

गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मानेसर क्षेत्र के किसानों ने रंगों के पर्व होली पर प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए रंगों का पर्व नहीं मनाने का ऐलान किया है। जिसके लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक दूसरे को संदेश भेजते हुए कल मानेसर तहसील के सामने एकत्रित होने को कहा गया है।

बता देगी कि 1810 एकड़ के किसान और 1128 एकड़ के किसान मानेसर क्षेत्र के कासन, सहरगवन,कुकडोला फाजलवास, पूखरपूर, मोकलवास, खरखड़ी ,बासलाबी ,बॉस हरिया ,बासकुशला ,ढाणा, नाहरपुर कासन ,नखरोला, शिकोहपुर ,मानेसर ,खोह, नैनवाल वजीराबाद नखडोला नरसिंहपुर,सिधरावली आदि गांवों के किसान पिछले 9 महीने से मानेसर तहसील के सामने जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी 1810 एकड़ के बैनर तले भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने 9 महीने में आज तक किसानों की कोई बात नहीं सुनी है , और ना ही आज तक उनकी समस्या का समाधान किया है, भेजे गए संदेश में किसानों व संगठनों की एकता का हवाला देते हुए कहा गया है कि क्षेत्र की सरदारी ने 9 महीने में किसानों का हर संभव सहयोग किया है, इस सरकार की बेरुखी को देखकर हम किसानों ने फैसला किया है की कल सुबह 10 बजे हम किसान बगैर रंगों की होली मानेसर धरना स्थल पर मनाएंगे। होली रंगों का त्योहार है खुशियों का त्योहार है इस दिन तो कहते हैं दुश्मन भी गले मिल जाते हैं लेकिन हमारी सरकार हम किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं कर रही है । उन्होंने किसान , नारीशक्ति नौजवान साथी, बुजुर्गो एवं समस्त किसान संगठनों समस्त क्षेत्र की सरदारी से धरना स्थल पर पहुंचने का आह्वान किया है।

विधायक की मेहनत भी रंग नहीं दिखा पाई

1810 एकड़ जमीन के मामले में पटौदी क्षेत्र के विधायक सत्य प्रकाश जरावता भी काफी ग्रामीणों को चंडीगढ़ सीएम से भी मिलवा कर लाए थे तब कहा गया था कि यह मामला निपट गया है। जिसकी एक फोटो भी विधायक क्षेत्र के ग्रामीण सीएम के साथ सामने आई थी। जिसमें मानेसर और आसपास के गांव के ग्रामीण कम नजर आ रहे थे, लेकिन अब किसान संघर्ष कमेटी द्वारा भेजे गए इस संदेश से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के विधायक भी इस मामले को अभी नहीं सुलझा पाए है। वही बताया गया है कि कासन गांव की करीब दो एकड़ जमीन का तो मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है।

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