गैंगस्टर चीकू की जयपुर में करोड़ों की संपत्ति, कई शराब कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलर एनआईए की रडार पर गैंगस्टर सुरेंद्र ऊर्फ चीकू काला जठेड़ी और लारेंस बिश्नोई गिरोह के साथ गठजोड़ फंडिंग और युवा लड़कों को गिरोह में शामिल करवाने का कार्य भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। पिछले छह माह से भी अधिक समय से दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान आदि राज्यों में आतंकी गैंगस्टर गठजोड़ में शामिल बड़े बदमाशों के घरों पर छापेमारी कर उनकी संपत्तियों का पता लगाने के बाद एनआईए ने अब उक्त संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के गैंगस्टर छेनू पहलवान के शूटर आसिफ खान और नारनौल के सुरेंद्र चीकू की करोड़ों की संपत्ति एनआईए ने अटैच कर दी। आने वाले समय में एनआईए की इस तरह की कारवाई जारी रहेगी। दिल्ली एनसीआर समेत अन्य राज्यों के आतंकी गैंगस्टर गठजोड़ वाले सभी बड़े बदमाशों की संपत्ति का पता लगाकर इसी तरह से अटैच करने की करवाई की जाएगी। संपत्ति अटैच करने के बाद गैंगस्टरों को उक्त संपतियों के बारे में जवाब देने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। उन्हें कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी संपत्तियों के बारे में साक्ष्यों के साथ बताना होगा कि उन्होंने उक्त संपत्तियों को कैसे खरीदी थी। उसके पास आय के क्या साधन हैं। आतंकी गैंगस्टरों के गठजोड़ के ट्रेंड पर लगाम लगाने के लिए एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस तरह की कारवाई करने का निर्णय लिया है। हाल के वर्षो में यह देख जा रहा था की बड़े गैंगस्टर अपना किला मजबूत करने के लिए अन्य गैंगस्टर से हाथ मिला रहे हैं। दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में इस तरह का चलन सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। स्पेशल सेल का कहना है कि वर्तमान में दो ग्रुप बन गया है। एक ग्रुप लारेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, जितेंद्र गोगी, अशोक प्रधान, हाशिम बाबा, आनंद पाल, दीपक बाक्सर आदि का है तो दूसरा ग्रुप दविंदर सिंह बंबिहा, कौशल चौधरी, सुनील टिल्लू, नीरज बवाना, अमित भूरा, नासिर आदि का है। इन दोनों गिरोहों ने पंजाब के प्रतिबंधित संगठनों और खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों से भी हाथ मिला लिया है। यह जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इस तरह के गिरोहों पर यूएपीए के तहत कारवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद स्पेशल सेल ने तीन एफआईआर दर्ज की थी। इनमें आतंकी गैंगस्टर गठजोड़ वाली एफआइआर एनआईए को ट्रांसफर कर दी गई थी। आसिफ के तार छेनू से और सुरेंद्र के तार काला जठेड़ी से जुड़े शुक्रवार को जिन दो गैंगस्टरों की संपत्ति अटैच की गई है उनमें आसिफ खान के तार छेनू पहलवान से और सुरेंद्र चीकू के तार काला जठेड़ी से जुड़े हैं। इन दोनों की पांच संपत्ति अटैच की गई है। पिछले दिनों छेनू और सुरेंद्र के ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी। आसिफ, छेनू के लिए रंगदारी वसूलने का काम करता था। वर्ष 2015 में आसिफ ने ब्रह्मपुरी के विनोद जैन से 30 लाख की रंगदारी वसूली थी। दोबारा 20 लाख मांगने पर उन्होंने एफआइआर दर्ज करा दी थी। इसके बारे में और जानकारी जुटा स्पेशल सेल ने मकोका लगाकर वर्ष 2018 में उसे गिरफ्तार कर लिया था। उस दौरान आसिफ पर एक लाख का इनाम था। गैंगस्टर सुरेंद्र ऊर्फ चीकू काला जठेड़ी और लारेंस बिश्नोई गिरोह के साथ गठजोड़ फंडिंग और युवा लड़कों को गिरोह में शामिल करवाने का कार्य नारनौल में गैंगस्टर सुरेंद्र ऊर्फ चीकू काला जठेड़ी और लारेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर फंडिंग और युवा लड़कों को गिरोह में शामिल करवाने का कार्य करता था। एनआईए को रिमांड के दौरान करोड़ों रुपये की जयपुर में प्रापर्टी होने का पता चला है। इसके साथ ही जिले के बड़े शराब कारोबारियों और प्रॉपर्टी डीलरों के नाम भी एनआईए के सामने आए हैं। हालांकि अभी इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। चीकू को रिमांड के बाद बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। उधर चीकू के करीबियों का कहना है कि उसके नाम से प्रापर्टी न के बराबर है। एनआईए की टीम ने 21 फरवरी को नारनौल और उसके गांव में छापे मारी की थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एनआईए की टीम को रिमांड के दौरान जयपुर सहित विभिन्न स्थानों पर करोड़ों रुपये की संपत्ति होने का पता चला है। इस संपत्ति की जांच की जा रही है और साथ ही इसको अटैच किया जाएगा। जिला पुलिस की बात करें तो फिलहाल महेंद्रगढ़ पुलिस के पास आरोपित गैंगस्टर की प्रापर्टी का कोई ब्यौरा अपने स्तर पर एकत्रित नहीं किया हुआ है। बता दें कि गैंगस्टर चीकू के विरुद्ध दक्षिण हरियाणा और राजस्थान में 26 मुकदमे हत्या, हत्या प्रयास सहित संगीन धाराओं के तहत दर्ज हैं। इनमें से 14 मामलों में चीकू न्यायालय में बरी हो चुका है। शेष मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं। उधर चीकू के अधिवक्ता अजय चौधरी ने कहा कि एनआईए ने गिरफ्तारी तो डाल दी है। एनआईए ने काला जठेड़ी गैंगस्टर और लारेंस बिश्नोई का करीबी बताया गया है। हमें एनआईए पर पूरा भरोसा है और चीकू जांच में सहयोग कर रहा है। एनआईए देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी है। एनआईए ने शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड और काला जठेड़ी से चीकू का कोई लेना-देना नहीं है। Post navigation पूर्व विधायक द्वारा 6 मार्च को नांगल चौधरी में एसबीआई के सामने प्रदर्शन एनआईए की नारनौल में तीसरी रेड