बेगपुर में अध्यापक ने अपनी बेटी का घोड़ी पर बैठाकर निकाला बनवारा, बेटियों के बराबरी का दिया संदेश

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। मंडी अटेली के समीपवर्ती गांव बेगपुर में एक बेटी सुनैयना का घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकाला । बनवारे में महिलाओं ने घोड़ी के आगे नाच नाच कर खूब धमाल मचाया। समाज में शिक्षा का मंत्र फूंक रहे पिता कमल कुमार एवं दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त सहायक निरीक्षक दादा ओमप्रकाश ने अपनी बेटी पोती की शादी में रात्रि के समय घोड़ी पर डीजे के साथ बनवारा निकालकर समाज को नया संदेश दिया है।

पूर्व पंचायत समिति सदस्य मुन्नी देवी (सुनैयना की दादी) ने कहा कि अब समाज में लड़का-लड़की में भेदभाव खत्म होता नजर आ रहा है। पहले शादी के दौरान केवल लड़कों को घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकाला जाता था।

बेगपुर में अपनी शादी से पहले दूल्हे की तरह लड़की को घोड़ी पर सवार देखा तो गांववालो ने प्रशंसा की। गांव के सरपंच रणवीर सिंह ने सुनैयना के परिवार के इस कदम की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए बेटी को अपना आशीर्वाद दिया। इस बारे में लड़की के पिता कमल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा, जब समाज में ये संदेश दिया जा रहा है कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के साथ बेटा-बेटी समान है, तो फिर लड़का घोड़ी पर बैठता है तो लड़की क्यों नहीं। लड़की के पिता ने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती है। बेटियों को भी बेटों की तरह ही समाज में बराबर का मान सम्मान मिलना चाहिए। इस रस्म के दौरान प्रेम सिंह, भगत सिंह, जगदीश प्रसाद, अनिल, लखन आदि सहित अनेक महिलाएं और पुरुष उपस्थित रहे।

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