आईआईटी दिल्ली की टीम ने चिंटल पैराडिसो के ई और एफ टावर को भी बताया अनसेफ

एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने ई और एफ टावर की स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट की दी जानकारी
आईआईटी दिल्ली की टीम ने टावर ए और जी की सैंपलिंग का काम किया पूरा, टावर एच की सैंपलिंग जारी

गुरूग्राम, 14 फरवरी। एडीसी विश्राम कुमार मीणा जोकि चिंटल पैराडिसो के टावर-डी में हुए हादसे की जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा गठित एसआईटी के अध्यक्ष भी है, ने जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी दिल्ली की टीम द्वारा टावर ई और एफ की स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट जारी कर दी गई। टीम की रिपोर्ट में इन टावर्स के निर्माण में ढांचागत कमियां मिली है। जिसकी मरम्मत तकनीकी और आर्थिक आधार पर संभव नहीं है, इसलिए यह टावर्स रिहायश के योग्य नहीं है।

एडीसी ने आईआईटी की टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि बीते वर्ष 10 फरवरी को चिंटल पैराडिसो के टावर डी में हुए हादसे में दो व्यक्तियों की जान चली गई थी उसके बाद आईआईटी दिल्ली की टीम को इस टावर की स्ट्रक्चरल ऑडिट की जांच सौंपी गई थी। आईआईटी दिल्ली ने पहले नवंबर, 2022 में जारी अपनी जांच रिपोर्ट में टावर डी को अनसेफ करार दिया था। जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट भी टावर के निवासियों व डेवलपर के साथ सेटलमेंट संबंधी प्रक्रिया के लिए सांझा की जा रही है। वहीं अब ई और एफ टावर को भी रिहायश के लिए असुरक्षित बताया है।

उन्होंने बताया कि हालिया रिपोर्ट में भी बिल्डिंग के निर्माण में इस्तेमाल कंक्रीट में क्लोराइड की अधिक मात्रा में मिला है। जिससे निर्माण में इस्तेमाल स्टील व कंक्रीट का क्षरण हो गया। आईआईटी दिल्ली की टीम ने यह भी सिफारिश की है कि ई और एफ- टावर को बंद कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली की जांच रिपोर्ट के आधार पर ई और एफ टावर के अलॉटियों का नियमानुसार पुनर्वास किया जाएगा। इसी प्रकार, इसी सोसायटी के टावर ए और जी में भी स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए सैंपलिंग का कार्य पूरा हो चुका है वहीं टावर एच में सैंपलिंग का कार्य जारी है।

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