धनखड़ सीधे पन्ना प्रमुखों से फोन पर बात कर बढ़ा रहे हौसला
प्रदेश में संगठनात्मक दृष्टि से अन्य दलों से बहुत आगे निकल चुकी है भाजपा
अमित शाह के हरियाणा दौरे के दौरान भी भाजपा नेताओं में दिखा जबरदस्त कार्डिनेशन
संगठन और सरकार में तालमेल से तीसरी बार भी प्रदेश में कमल खिलने की उम्मीद

चंडीगढ़, 14 फरवरी।    भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का संगठनात्मक हुनर प्रदेश में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर भारी पड़ रहा है। जहां धनखड़़ ने प्रदेश में अपनी पार्टी को ‘हम’ की भावना से भरकर संगठन को घड़ने का काम किया है, वहीं कांग्रेस आपसी खींचतान से ही बाहर नहीं निकल पा रही है।  कांग्रेस पिछले लगभग एक दशक से तीन अध्यक्ष बदलने के बावजूद हरियाणा में अपना संगठन बनाने में नाकाम रही है, तो दूसरी लगभग ढाई साल  पहले विपरीत परिस्थितियों में प्रदेश भाजपा की कमाल संभालने वाले धनखड़ ने संगठनात्मक कौशल दिखाते हुए कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज खड़ी कर दी है। हालांकि अब कांग्रेस भी जल्दी अपना संगठन खड़ा कर पदाधिकारियों की घोषणा की बात कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि धनखड़ के नेतृत्व में भाजपा संगठनात्मक दृष्टि से अन्य दलों से बहुत आगे निकल गई है और इसी के बल पर भाजपा तीसरी बार भी प्रदेश में कमल खिलाने की उम्मीद से सराबोर है। जहां प्रदेश में कांग्रेसी नेताओं में आपसी तालमेल का आभाव है, वहीं भाजपा और सरकार के बीच तालमेल बरकरार है। मंगलवार को भी जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा पहुंचे तो मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश के गृहमंत्री सहित लगभग सभी नेता यहां पहुंचे और सभी में आपसी तालमेल दिखाई दिया।

गुटबाजी में फंसी कांग्रेस की कमजोरी को अच्छी तरह भांप चुके ओमप्रकाश धनखड़ कांग्रेस की कमियां गिनाने में समय खराब करने की बजाय अपनी ही लाइन लंबी खींच रहे हैं। तुलनात्मक दृष्टि से यह अंतर धरातल पर भी साफ दिखाई दे रहा है।  कांग्रेस के लिए पिछले कई सालों से प्रदेश के 22 जिलों में अपने 22 जिलाध्यक्षों तक की नियुक्ति करना मुश्किल हो रहा है, जबकि हरियाणा भाजपा प्रदेश में 5 लाख कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी करने का लक्ष्य प्राप्त करने के करीब पहुंच गई है। अगर बीजेपी अपने दावे के अनुसार 6 अप्रैल को 4 लाख पन्ना प्रमुखों की कार्यशाला करने में कामयाब हुई, तो यह कदम गुजरात की तर्ज पर हरियाणा में भी भाजपा को एक बार फिर से सत्ता में लाने वाला सबसे बड़ा कदम साबित हो सकता है।

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष इस काम को करने में कितने मशगूल हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद अपने पास पहुंच रही पन्ना प्रमुखों की लिस्ट में से रेंडमली पन्ना प्रमुखों से फोन मिलाकर बात कर काम का आंकलन कर रहे हैं। बीजेपी का हौसला बढ़ाने वाली बात यह है कि अब पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी लेने के लिए जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों के पास लोग पहुंच रहे हैं।

दो दिन पहले भिवानी में हुई प्रदेश कार्यकारिणी में शिक्षा मंत्री कुंवर पाल गुर्जर ने इस बात की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री के सामने भी रखी, तो सभी ने तालियों की गड़गडाहट से  धनखड़ की कार्यशैली और योजनाओं की तारीफ की। सबसे बड़ी बात यह है कि धनखड़ कार्यकर्ताओं में तालमेल बनाने में कामयाब हुए हैं, जिसका नतीजा लगातार बैठकों, कार्यक्रमों में पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या और उनके समर्पण के रूप में दिखाई देता है।

अगर चुनावी रणनीतिक नजरिए से भी देखा जाए तो भाजपा सत्ता में होते हुए भी लगातार कार्यक्रमों से कार्यकर्ताओं को जोड़ें रखने और उनमें आपसी तालमेल रखते हुए हर समय चुनावी मोड में ही रहती है। यानि भाजपा में चुनाव जीतने का जज्बा लगातार बढ़ रहा है, जबकि कांग्रेस में इसका अभाव स्पष्ट दिखाई देता है।  राजनीतिक जानकारों की मानें तो विपक्ष में रहने वाली पार्टी को जनता के बीच में अधिक रहना चाहिए और अधिक कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए, लेकिन कांग्रेस इन मामलों में भाजपा से बहुत पीछे है। इसके लिए कांग्रेस में परिवारवाद को ही जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। खुद कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप खुले आम करते रहे हैं। खासकर हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ही इस बात के आरोप लगते रहते हैं कि वे अपने बेटे दीपेन्द्र सिंह हुड्डा को स्थापित करना चाहते हैं और कांग्रेस में अन्य नेताओं को आगे नहीं बढ़ने दे रहे। बीजेपी का तो यह भी आरोप है कि कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को बनाए जाने के बाद भी हुड्डा ही सभी फैसले ले रहे हैं, ऐसी स्थिति में कांग्रेस का संगठन हरियाणा से समाप्त हो चुका है। यहां तक कांग्रेस नेताओं में संगठन बनाने में दिलचस्पी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। मोदी – मनोहर सरकार को भले ही कांग्रेस कितना कोसे, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकारों की सामाजिक सुरक्षा एवं गरीब कल्याण की योजनाओं से पहले के मुकाबले वर्तमान में भाजपा के प्रति सकारात्मक माहौल स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का पूरा फोकस प्रदेश की दसों सीटें पीएम मोदी की झोली में डालने पर है।  

भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी बताते हैं कि  2024 के चुनाव में भाजपा अपने पांच लाख कार्यकर्ताओं की टीम के साथ चुनावी रण में उतरेगी।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश के विकास को गति दे रहे हैं और धनखड़ संगठन को मजबूत कर रहे हैं। दोनों के परस्पर तालमेल से संगठन और प्रदेश आगे बढ़ रहे हैं। सैनी के अनुसार कार्यकर्ताओं में जोश और लोगों में सरकार के प्रति विश्वास लगातार मजबूत हुआ है। यही कारण है कि भाजपा ने तीसरी बार भी प्रदेश में सरकार बनाने का माहौल तैयार कर दिया है।