श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ सीआईआई के नेशनल वर्क स्किल कंपटीशन का पुरस्कार समारोह। देश भर से आए 67 विजेताओं को दिए गए पुरस्कार। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक गुरुग्राम : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि कौशल के साथ ही मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास हो सकता है। कौशल के बिना देश, समाज और अर्थव्यवस्था का उत्थान संभव नहीं है। वह शनिवार को सीआईआई द्वारा आयोजित नेशनल वर्क स्किल कंपटीशन के पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिस्पर्धियों को प्रोत्साहित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर कौशल के विकास पर बल दिया और विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। सीआईआई द्वारा आयोजित 33 वें पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड दिए गए। यह राष्ट्रीय स्तर का कंपटीशन दो वर्गों में करवाया गया। इस स्पर्धा में टाटा स्टील, टाटा मोटर, गोदरेज, मिंडा, सेल और महिंद्रा जैसी नामचीन कंपनियों के कर्मियों ने भाग लिया और मैन्युफैक्चरिंग, फिटर, सीएनसी, हाइड्रोलिक, कारपेंटर और आईटी जैसे विषयों पर अपनी महारत दिखाई। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग और सीआईआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुरस्कार समारोह में कर्मियों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग की संयुक्त निदेशक अंबिका पटियाल ने कहा कि सभी कर्मियों के कौशल का विकास हमारी प्राथमिकता है और इसी के अनुरूप मूल्यांकन करके हर कुशल कामगार को उसकी श्रेणी में अव्वल स्थान पर खड़ा करना हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है। इस अवसर पर सीआईआई के स्किल डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पंकज पति राम ने कहा कि सीआईआई इन कंपनियों में कार्यरत कर्मियों की कुशलता को परखने और उस को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करवाता है। देशभर से कर्मियों ने इसमें हिस्सा लिया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया है। पंकज पति राम ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू और कुलसचिव प्रोफेसर आरएस राठौड़ के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सहायक कुलसचिव शिखा गुप्ता, मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग के बिजनेस हेड सरोज मिश्रा और सचिन अग्रवाल भी मौजूद थे। Post navigation सेवा-भाव का दूसरा नाम रैडक्रास – शशि अहलावत हरेरा के गठन से बीते पांच साल में ढाई लाख लोगों को मिला निर्धारित समय पर पजेशन : डा. केके खंडेलवाल