श्मशान घाट पर जाने के लिए 3 लाइनें पार करनी पड़ती है

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। मंडी अटेली रेलवे स्टेशन के पास फाटक नंबर 30 पर अंडरपास बनाने की मांग को लेकर गांव तोबड़ा तथा आसपास के ग्रामीणों ने वीरवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। वहीं डॉ. राजेन्द्र सिंह ने आमरण अनशन शुरू किया।

आलम यह है कि किसी की मौत हो जाने पर भी ग्रामीणों को श्मशान घाट जाने के लिए तीन रेल लाइनों को पार करना होता है । वहीं रोजाना लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन क्रॉस करते हैं। गत 3 साल से लोग अंडरपास बनाने की मांग करते आ रहे हैं। अब यहां रेलवे अंडरपास बनाने के लिए लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया।

मंडी अटेली कस्बा के बहरोड़ रोड़ पर रेलवे और ब्रिज बना हुआ है इसके नीचे से तीन रेलवे लाइने जाती हैं। जिससे एक मुख्य लाइन के अलावा 2 लाइनें कारीडोर की है, जो माल गाड़ियों के आवागमन के लिए काम में आती है। कॉरीडोर के कारण यहां माल वह गाड़ियों का आवागमन काफी मात्रा में होता है। रेलवे लाईन और ब्रिज के नीचे दोनों और काफी बस्तियां बसी हुई है। तथा पड़ोस में तोबड़ा गांव है। जिसके शमशान रेलवे लाइन पार है। ब्रिज की लंबाई ज्यादा होने के कारण 3 साल से यहां लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यहां के लोगों ने अंडरपास बनाने की मांग की थी लेकिन लंबे समय से उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पाई । जिसके चलते लोगों को रोजाना रेलवे लाइन जान जोखिम में डालकर पार करनी पड़ती है । किसी की मौत हो जाने पर रेलवे लाइन पार कर ही श्मशान घाट जाना पड़ता है।

अब यहां के लोगों ने रेलवे अंडरपास बनाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है । जिसके चलते ही आकर लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। यहां के लोगों ने बताया कि विगत 3 साल से समस्या उठा रहे हैं लेकिन रेलवे विभाग और कारीडोर अधिकारी इस समस्या को दरकिनार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समस्या के बारे में उन्होंने रेलवे के उच्चाधिकारियों, सांसद व विधायक को भी अवगत करवा दिया है। स्टेशन मास्टर के माध्यम से रेलवे अधिकारियों को भी कई बार बार-बार ज्ञापन दिया है लेकिन इसके बावजूद अंडर पास नहीं बन रहा।

इस मौके पर ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने कहा कि तोबड़ा घाट का शमशान घाट रेलवे लाइन के दूसरी तरफ होने के कारण ग्रामीणों को शव यात्रा ले जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है, क्योंकि ग्रामीणों का रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरना पड़ता है। कई बार ट्रेनों का लगातार क्रॉसिंग व लगातार आवागमन होने के कारण शव यात्रा को रोकना पड़ता है।

रेलवे लाइन के दूसरी तरफ तहसील, खंड कार्यालय, खजाना कार्यालय, पुलिस थाना तथा स्कूल होने के कारण स्कूल बच्चों तथा ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। जिससे हमेशा दुर्घटना की आंशका बनी रहती है।

उन्होंने कहा कि तोबड़ा के ग्रामीण काफी समय से अधिकारियों, सांसद, रेल मंत्री तथा अन्य मंत्रियों को ज्ञापन दे देकर थक चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दस दिन के अंदर अंडरपास बनाने की कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई तो उन्हें रेल रोको आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसके बाद ग्रामीणों ने रेलमंत्री अश्वनी वैश्णव तथा उपायुक्त के नाम ज्ञापन तहसीलदार राजेश कुमार को सौंपे। लोगों की इस मांग को पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने भी समर्थन किया है उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को शीघ्र समझाने का प्रयास करेंगी।

इस अवसर पर हनुमान सिंह, बाबूलाल जांगड़ा, शेर सिंह यादव, भाग सिंह, अंकित शर्मा, मंजीत चौधरी, कैलाश सेठ, बिजेंद्र चौधरी, लालचंद जांगड़ा, कृष्ण कुमार, कैलाश यादव, सतेंद्र, सतीश, मनोज कुमार, सुनिल कुमार, हरद्वारीलाल, धीरज कौशिक, लोकेश चोधरी, जयसिंह, रोहताश सिंह, प्रताप सिंह, राजेंद्र कुमार, नरेंद्र मौजूद रहे।

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