गुरुग्राम 3/2/2023 केंद्र सरकार द्वारा पेश अमृतकाल बजट के लाभ और उपलब्धियां गिनाने में व्यस्त गुरुग्राम विधायक श्री सुधीर सिंगला जी को बताना चाहिए कि उन्होंने अपने इस अथाह अर्थज्ञान को मिलेनियम सिटी निवासियों तक पहले क्यों नहीं पहुँचाया जिससे उन्हें और अधिक लाभ मिलता ?

तरविंदर सैनी (माईकल) आम आदमी पार्टी नेता ने सवाल किया है कि कचरा प्रबंधन में लगी चाइनीज कंपनी इकोग्रीन को वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू किए बगैर और तय शर्तों पर खरा नहीं उतरने के बावजूद पूर्ण भुगतान किया जाता रहा और साथ लगते जिले फरीदाबाद के कचरा निष्पादन वाले बिलों का भुगतान भी नगर निगम गुरुग्राम से कराया जाता रहा मगर क्यों कभी बताया नहीं आपने कि इसके पीछे कौनसा गणित लगाया आपने ?

बात शहर की तमाम सड़कों में गड्ढे या गड्ढों में सड़कों पर सफाई करती स्वीपिंग मशीनों की करें तो कितना साफ हुआ शहर सभी जानते हैं बावजूद इसके चल रही हैं न केवल गुरुग्राम में बल्कि समूचे प्रदेश के सभी निगमों में यह मशीनें कार्यरत हैं और मजेदार बात तो यह है कि उनके रखरखाव , उनमें लगने वाले जीपीएस सिस्टम और मरम्मत का खर्च भी नगर निगम गुरुग्राम ही करता आ रहा है वो कौनसा गणित था ?

चर्चाएँ तो सदर बाजार के सौंदर्यीकरण पर खर्च धन को लेकर भी हैं और जगमग योजना के तहत शहर भर में रोड-स्ट्रीट लाइटों से फैली रोशनी को लेकर भी है नतीजे सबके सामने हैं ! खैर… विचारणीय विषय सत्ताईस लाख आबादी वाले शहर अर्थात आपके चुनावी क्षेत्र में आमजन के पास एक भी नागरिक अस्पताल नहीं है जो आपके कार्यस्थल के साथ में ही लगता था उसकी हालत के बारे में तो खैर आपको बताना ही क्या परन्तु शहर के एकमात्र बसस्टैंड के विषय में तो पूछा ही जा सकता है कि उसके पुनर्निर्माण के लिए आपके अर्थज्ञान अनुसार ऐसी कितनी रकम खर्च हो जाएगी जो शहरवासियों द्वारा 48000 करोड़ केवल इनकमटैक्स भरने और विभिन्न प्रकारों से रेवेन्यू ,हाउस टैक्स ,कुत्ता पालन टैक्स तक दिए जाने उपरांत भी कम पड़ रही है ?

माईकल सैनी अकस्मात प्रकट अर्थशास्त्री विधायक श्री जी से पूछना चाहते हैं कि गलत प्रोपर्टी आईडी बनाने वाली कंपनी पर कितना खर्च किया और उसकी गलतियों का खामियाजा भुगतना शुल्क/प्रोपर्टी चक्कर लगा ठीक कराने से कितना धन प्राप्त हुआ एमसीजी को ? तथा सीएनडी वेस्ट घोटाले के आरोपियों से क्या सारा धन वसूला जा चुका है जो उनपर कार्यवाही नहीं की गई , और यदि कानूनी कार्यवाही करते तो कितना खर्च आता अपने अर्थज्ञान से समझाएँ ?

एमसीजी में बगैर काम किए बिलों को पास कराने और पार्षदों के हस्ताक्षर लिए बगैर बिलों की रकम निकासी वाले मामले पर क्या कहता है विधायक जी आपका अर्थशास्त्र ?

बात जीएमडीए रूपी सफेद हाथी की करें तो जिसे प्रदेश सरकार द्वारा फंड मुहैया कराया जाना चाहिए था स्मार्ट सिटी बनाने वास्ते मगर उसने एमसीजी का 500 करोड़ रुपया लिया हुआ ऋण ही समाप्त कर दिया खर्च कर दिया फरीदाबाद नगर निगम की तर्ज पर और कोई भी ब्यौरा दिए बगैर और ना ही विधायक जी आपने कभी हिसाब जानने की कोशिश की होगी कारण अर्थज्ञानी जो बन गए हैं भाजपा सरकार द्वारा प्रचारित मोटा अनाज खाकर ।

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