रौनक शर्मा

नई दिल्ली – पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील शांति भूषण का 97 साल की उम्र में पिछले कुछ समय से बीमार रहने के कारण निधन हो गया। बुधवार 1 फरवरी को नवीन जयहिन्द उनके दा-संस्कार पर दिल्ली पहुंचे और वकील शांति भूषण जी के परिवार को इस दुख की घड़ी में सांत्वना अर्पित की। जयहिन्द ने कहा कि वें एक अच्छे वकील व सदा समाज के हित मे काम करने वाले व्यक्ति थे ओर साथ ही हमे बहुत दुख है कि आज वें इस दुनिया मे नही रहे। भगवान शांति भूषण जी की आत्म को शान्ति दे।

जयहिन्द ने कहा कि हमे उनसे अन्ना आंदोलन में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। शांति भूषण जी ने आपातकाल के दौरान आंदोलन में हिस्सा लिया था और भ्रष्टाचार के खिलाफ कई आंदोलनों में शिरकत की थी। शांति भूषण जी हमेशा अपनी मान्यताओं के लिए खड़े रहे और न्यायशास्त्र के साथ-साथ राजनीति पर भी अपनी छाप छोड़ते थे।

शांति भूषण को संविधान विशेषज्ञ के तौर पर भी जाना जाता था। शांति भूषण इंदिरा गांधी के खिलाफ राजनारायण के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील रहे थे। जिस फैसले के बाद देश में राजनीतिक उठापटक देखने को मिली थी और इंदिरा गांधी को पद छोड़ना पड़ा था। उनके पुत्र प्रशांत भूषण भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।

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