अमित शाह रैली : भाजपा के लिए मौसम…. अभिशाप या वरदान!

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की साख जुड़ी है रैली से

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। अमित शाह की रैली से हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज हो गया। उस रैली में अमित शाह के शब्दों का सार यही निकला कि हम 2024 की तैयारी में लगे हैं और हरियाणा की दसों सीटों पर कमल खिलेगा।

इस रैली के लिए मुख्यमंत्री स्वयं ही अपने स्तर पर प्रयास कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के ब्यान अंतिम दिनों में नजर आए। इस रैली से पहले हरियाणा का वातावरण सत्ता के पक्ष में नजर नहीं आ रहा था। राहुल गांधी की पानीपत रैली की सफलता को देख उससे बड़ी रैली का दावा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था लेकिन रैली में संख्या जितनी थी, वह बताने में भी भाजपाई शरमा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लगभग 5 हजार के आसपास लोग एकत्र हुए।

मौसम अभिशाप या वरदान :

हरियाणा के राजनैतिक और जनमानस में चर्चा बनी हुई है कि 29 तारीख का खराब मौसम भाजपा के लिए अभिशाप है या वरदान, इसके पीछे अधिकांश लोगों का कहना है कि यह भाजपा के लिए वरदान बन गया, क्योंकि रैली के लिए अपेक्षित माहौल नहीं बना पा रही थी। 

नवीन जयहिंद, सरपंच एसोसिएशन और किसान संगठन द्वारा अमित शाह से सवाल पूछने की और नारे लगाने की तथा रास्ता रोकने की बातें चल रही थीं। इन्हीं को देखते हुए गोहाना में रैली से पूर्व ही पुलिस के साथ-साथ अन्य सैन्य बलों की तैनाती की गई, इसलिए उन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की नीतियों के साथ जनता नहीं दिखाई दे रही थी। विरोध की आवाजें उठने की संभावना थी। 

चर्चाएं यह भी चल रही थीं कि स्थिति बिगड़ न जाए और पुलिस लाठीचार्ज न करना पड़ जाए। यदि ऐसा होता तो 2024 के चुनाव पर ग्रहण लगता दिखाई देता लेकिन अब कहने को बहाना है या वास्तविकता है यह पाठकों पर छोड़ते हैं कि मौसम की वजह से अमित शाह पहुंच ही नहीं सके और जनता की उपस्थिति भी बरसात की वजह से ही कम रही।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की साख:

पिछले दिनों से हरियाणा में अनेक प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं कि मुख्यमंत्री बदले जाएंगे या नहीं। मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रसन्न हैं?

इस रैली का प्रबंधन सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देशों से ही हो रहा था। अब बरसात की वजह से जनता को तो कह देंगे कि लोग नहीं आए परंतु अमित शाह जैसे चाणक्य क्या हरियाणा की स्थिति को समझ न पाए होंगे? और वह क्या समझे हम तो नहीं बता सकते लेकिन आने वाला समय अवश्य यह बताएगा कि इस रैली से मुख्यमंत्री की साख घटेगी या बढ़ेगी।

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