-कमलेश भारतीय

मै यह चाहता हूं कि नवनिर्वाचित महिला सरपंच खुद अपने अधिकारों का उपयोग करें । मेरी बेटी कुदरत कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इसी विषय पर शोध कर रही है कि पंचायती राज व्यवस्था ने जब महिलाओं को अधिकार दिया है तो वे राजनीति में कितनी सक्रिय हैं और कितनी नहीं ! बेटी का शोध किसान आंदोलन तक जाकर खत्म होगा क्योंकि किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया था ।

हिसार से भाजपा सांसद व पूर्व आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने यह बात आदमपुर के गांव चूली कलां में आयोजित खुले दरबार में कही । उन्होंने नवनिर्वाचित सरपंचों को बधाई देते कहा कि एक तो आपकी टीम नयी है और दूसरे आपका विधायक नौजवान है तो मिलकर अच्छा काम करो । यह भी कहा कि सरपंच इसलिए पढ़े लिखे होने जरूरी हैं क्योंकि छोटी सरकार इनको ही चलानी है और कोई भी कागज बिना अच्छी तरह पढ़े हस्ताक्षर न करें । वित्तीय अधिकार आपके पास होंगे और सोच समझकर हस्ताक्षर करें ।

बृजेंद्र सिंह ने एक बार फिर कहा कि दो लाख रुपये की ग्रांट से छोटा मोटा काम भी नहीं हो सकता । यह अच्छी तरह समझते हैं । अधिकारियों के हाथ में साल डेढ़ साल में पंचायतें आने पर बड़ी अजीबोगरीब स्थिति बन गयी थी । अब नवनिर्वाचित सरपंचों के आने से पटरी पर आयेगी लेकिन ग्रांट में तरमीम की आवश्यकता है ।

जब सवाल पूछा कि सरपंचों ने वीडीपीओ ऑफिसों पर ताले लगा दिये हैं तो क्या यह ठीक है ?
बृजेंद्र सिंह ने तुरंत कहा कि वे इस तरह के कृत्यों के पक्षधर कभी नहीं रहे, न हैं ।

उन्होंने चूली कलां, चूली बागडियान, दडौली व चूली खुर्द गांवों के लोगो की समस्यायें चूली कलां में सुनीं और तुरंत प्रभाव से संबधित विभागों व अधिकारियों को फोन भी किये ।

पगड़ी संभाल ओ जट्टा संगठन की ओर से समस्याओं संबधी ज्ञापन सौंपा गया । इसमें सन् 2020 व 2021 का मुआवजा दिलाने , सरसों व चने की फसल की पाले से हुई क्षति का मुआवजा दिलवाने और खाद की कालाबाजारी रुकवाने की मागें रखी गयी थीं । इसी प्रकार कोरोना काल में गांवों मे हरियाणा रोडवेज की जो बसें बंद कर दी गयी थीं , फिर से शुरू करवाने की मांग की गयी । इस अवसर पर सरपंच नरेश व अन्य सरपंच प्रतिनिधि मौजूद थे ।

बृजेंद्र सिंह ने बताया कि ओपन एयर जिम बनाने के लिये मैंने 55 गांवों की सूची दी है जिनके इन चार गांवों में सः दो गांवों में पहली सूची में नाम दिये हैं । अगली सूची में फिर नाम दिये जायेंगे । बाद में वे जय सिह की ढाणी में भी गये और आसपास के लोगों की समस्यायें सुनीं ।

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