हिसार
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ई टेंडरिंग: एक नयी सिरदर्दी
-कमलेश भारतीय
हरियाणा सरकार के लिए ई टेंडरिंग एक नयी सिरदर्दी बन कर सामने आई है । जहां जहां पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली नये सरपंचों का सम्मान करने गये , वहां वहां विरोध प्रदर्शन हुए ई टेंडरिंग के कारण । नये सरपंच मात्र दो लाख रुपये की ग्रांट से खुश नहीं हैं । मांग बीस लाख रुपये की है जो देवेंद्र बबली देने को तैयार नहीं । इस तरह मंत्री और नये सरपंचों में टकराव की स्थिति बन गयी है जो हरियाणा सरकार के लिए किसी सिरदर्दी से कम नहीं मानी जा सकती ।
इस ई टेंडरिंग के विरोध के चलते राज्य के 43 बीडीपीओ कार्यालयों के बाहर सरपंचों ने ताले जड़ दिये हैं और तेरह जिलों में पंचों सरपच॔ ने धरने शुरू कर दिये हैं । इससे भी ज्यादा मुसीबत यह कि 29 जनवरी को भाजपा की गोहाना रैली का विरोध करने की घोषणा है जिसे भाजपा कैसे टालेगी? यह अपनेआप में बहुत बड़ा सवाल है ।
भाजपा के ही हिसार से सांसद व पूर्व आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने भी कहा कि वे सरपंचों के साथ हैं और उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये के मायने ही क्या हैं ! यानी दो लाख रुपये से क्या विकास कार्य होंगे ? इससे पंचायत की स्वायत्तता पर भी आंच आयेगी । यह भी सोचने की बात है कि आपके ही सांसद इस नये नियम को सही नहीं मान रहे जबकि देवेंद्र बबली कह रहे हैं कि यदि सरपंच नहीं माने तो रिकाॅल करने की शुरूआत कर दूंगा । इसी प्रकार चौ बीरेन्द्र सिंह भी हिसार में नये सरपंचों को विश्वास दिला कर गये कि मुख्यमंत्री से मिलकर इस समस्या पर विचार करने का आग्रह करूंगा ।
हरियाणा सरकार की गोहाना रैली पर सरपंचों के विरोध का साया न पड़े, इसके लिए ई टेंडरिंग पर पुनर्विचार की जरूरत है और वह भी जल्द !
यही क्यों महिला कोच और खेलमंत्री के प्रकरण का साया भी इस रैली पर पड़ सकता है । खाप पंचायतें बार बार चेतावनियां दे रही हैं । आखिर भीड़ जुटायी कैसे जायेगी ? यदि पंच सरपंच और खापें ही नाराज हैं ! इनकी नाराजगी क्या सह पायेगी भाजपा ? भारत जोड़ो यात्रा से बड़ी रैली फिर कैसे होगी ? पहले खाप पंचायतों और नये पंचों सरपंचों की बात तो सुन लीजिए ! पंच परमेश्वर की नाराजगी तो दूर कीजिए ! किसी बेटी के मान स्वाभिमान की रक्षा तो कीजिए !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।