राव इन्द्रजीत सिंह व डा0 बनवारी लाल शिलान्यास जल्दी ही होगा यह बेसुरा राग अलापकर जनता को गुमराह करने की बजाय शिलान्यास न होने का असली कारण अहीरवाल के लोगों को बताये ताकि यहां की जनता उन कारणों को दूर करवाने के लिए सरकार पर दबाव बना सके।

17 जनवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह व हरियाणा सरकार के मंत्री डा0 बनवारी लाल से सीधा सवाल किया कि उनकी लाख कोशिशों के बाद भी माजरा रेवाडी एम्स शिलान्यास क्यों नही हो पा रहा है? विद्रोही ने इन दोनो नेताओं से पूछा कि एम्स शिलान्यास में देरी का असली कारण क्या है? क्या भाजपा सरकार उनकी बात नही सुनती या माजरा एम्स शिलान्यास न होने के पीछे अन्य कोई कानूनी अडचन है?

राव इन्द्रजीत सिंह व डा0 बनवारी लाल शिलान्यास जल्दी ही होगा यह बेसुरा राग अलापकर जनता को गुमराह करने की बजाय शिलान्यास न होने का असली कारण अहीरवाल के लोगों को बताये ताकि यहां की जनता उन कारणों को दूर करवाने के लिए सरकार पर दबाव बना सके। वहीं विद्रोही ने भाजपा सरकार से जानना चाहा कि क्या एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन का नक्शा पास हो गया या नही? इस जमीन को केन्द्रीय पर्यावरणीय मंत्रालय की पर्यावरण समिति से एनओसी मिली है या नही? माजरा एम्स की जिस 198 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री किसानों ने एम्स के नाम पर करवाई है, वह जमीन एकमुश्त है या उसके बीच में उन 10-12 किसानों की जमीन पैच के रूप में है जिनकी रजिस्ट्रीया एम्स के नाम पर नही हुई है। वहीं यदि हुई 10-12 एकड़ जमीन एकमुश्त जमीन से बाहर कोने में है तो 198 एकड़ जमीन पर ही एम्स निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी क्यों नही की जाती? 

विद्रोही ने कहा कि माजरा रेवाडी एम्स की घोषणा 7 वर्ष 6 माह 12 दिन पूर्व हुई थी और 28 फरवरी 2019 अर्थात लगभग चार वर्ष पूर्व केन्द्र सरकार की मोदी केबिनेट ने इस एम्स निर्माण की औपचारिक स्वीकृति के साथ 1299 करोड़ रूपये का बजट भी निर्धारित किया था। इसके बाद भी चार वर्ष होने पर भी माजरा एम्स का शिलान्यास क्यों नही हो पा रहा है, इसका जवाब भाजपा सरकार को अहीरवाल की जनता को देना चाहिए। वहीं यदि माजरा एम्स निर्माण के लिए शिलान्यास व भवन निर्माण टेडरिंग में कुछ अडचन है तो उत्तराखंड के ़ऋषिकेश व बिहार के एम्स की तर्ज पर बिना भवन निर्माण के माजरा एम्स की कक्षाएं भी रेवाडी के किसी भवन में शुरू की जाये।

विद्रोही ने कहा कि जब मोदी सरकार राजनीतिक लाभ के लिए बिना जमीन चिन्हित, अधिग्रहित किये व भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू किये बिना उत्तराखंड व बिहार में एम्स कक्षाएं शुरू कर सकती है तो माजरा एम्स की कक्षाएं शुरू क्यों नही हो सकती? माजरा एम्स के लिए तो किसानों ने अपनी बहुमूल्य 198 एकड जमीन कोडियों के भाव मेें एम्स के नाम पर रजिस्ट्री करवा दी है। सरकार इस जमीन पर भवन निर्माण करने की प्रक्रिया जब तक पूरी नही करती तब तक 2023 एकाडमिक वर्ष से रेवाडी में एम्स की कक्षाएं उत्तराखंड व बिहार की तर्ज पर क्यों शुरू नही करती? विद्रोही ने आशा प्रकट की कि केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह व हरियाणा सरकार मंत्री डा0 बनवारीलाल अहीरवाल की जनता के सहयोग से इसी वर्ष एकाडमिक सत्र से रेवाडी में एम्स कक्षाएं शुरू करवाने के लिए मोदी सरकार को बाध्य करेंगे। 

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