गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री की फाईलों पर लिखे नोट को उनके खुद के मंत्रालय के अधिकारी तवज्जों नही देते है, उस छपास मंत्री अनिल विज की किसी बात का कोई पैसेभर भी महत्व क्या है?
अनिल विज असाध्य छपास रोग से पीडित है जो मीडिया मेें छपने की तिडकमे भिडाने के सिवाय कुछ नही करते।विद्रोही

16 जनवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि खुद छपास रोग से पीडित हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर छपास रोग से ग्रस्त होने का आरोप लगाना एक हास्यास्पद व क्रूर मजाक नही तो क्या है? विद्रोही ने कहा कि अनिल विज का यह कहना कि मीडियो में छपने के लिए भूपेन्द्र सिंह हुड्डा रोज नये डायलोग गढ़ते है। विज जी भूल गए कि श्री हु्ड्डा विपक्ष के नेता है और भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना व विरोध करना तथा आमजन की आवाज उठाना उनका नैतिक, संवैद्यानिक लोकतांत्रिक दायित्य है। यदि विपक्ष का नेता प्रदेशवासियों की आवाज रोज नही उठाएगा तो कौन उठायेगा? वहीं अनिल विज प्रदेश के गृह व स्वास्थ्य मंत्री है। उनका काम प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करना है, हर हरियाणवी की रक्षा करना व उन्हे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना है, लेकिन विज अपना संवैद्यानिक काम करने की बजाय मीडिया में छपने-दिखने के लिए टवीटर मंत्री बनकर उल-जुलूल आरोप लगाकर विपक्ष, राहुल गांधी व कांग्रेस पर रोज आरोप लगाते है।

विद्रोही ने कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि अनिल विज असाध्य छपास रोग से पीडित है जो रोज मीडियो मेें छपने की तिडकमे भिडाने के सिवाय कुछ नही करते। वे अपने मंत्रालयों का काम करने की बजाय मीडिया में कैसे छाया जाये, इसके लिए टवीटर पर उल-जुलूल बाते करते रहते हैै। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने सही कहा कि हरियाणा में डबल इंजन नही दो मुंही सरकार है। भाजपा सरकार की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। वह कहती कुछ है और करती कुछ है।

वहीं गृहमंत्री को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि एक महिला कोच से छेडछाड़, यौन शोषण का कुप्रयास करने वाले मंत्री संदीप सिंह मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस कर रही है तो हरियाणा पुलिस की कथित जांच एसआईटी इस मामले में भाजपा सरकार ने क्यों बनाई? क्या यह कथित एसआईटी संदीप सिंह को सत्ता दुरूपयोग से बचाने का कुप्रयास नही है?

विद्रोही ने सवाल किया कि जिस गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री की फाईलों पर लिखे नोट को उनके खुद के मंत्रालय के अधिकारी तवज्जों नही देते है, उस छपास मंत्री अनिल विज की किसी बात का कोई पैसेभर भी महत्व क्या है? लोकतंत्र में विपक्ष के उठाये गए सवालों का तार्किक जवाब देने की बजाय जिस तरह मुख्यमंत्री खट्टर जी व उनके मंत्री विपक्षी नेताओं का सत्ता अहंकार में मजाक उडाते है, वह बताता है कि संघीयोंं की लोकतंत्र व लोकतांत्रिक परम्पराओं में किंचित मात्र भी आस्था नही है। वे तो देश-प्रदेश में लोकतंत्र के नाम पर सत्ता दुरूपयोग से संघी फासीजम थोप रहे है। 

error: Content is protected !!