अधिकारियों को वैटलैंड को लेकर इम्पेक्ट अस्समेंट करवाने के दिए निर्देश जिला में ज्यादा से ज्यादा वैटलैंड का पुनर्विकास करना जरूरी है-राव इंद्रजीत सिंह अधिकारियों की जीएमडीए कार्यालय में ली बैठक गुरूग्राम, 11 जनवरी। गुरूग्राम के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज गुरूग्राम जिला में घटते भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए यहां पर नियुक्त अधिकारियों को भू-जल रिचार्ज करने के उपाय करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जहां एक ओर पौधारोपण का महत्व है वहीं दूसरी ओर वैटलैंड अर्थात् जलाशयों का होना भी जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गुरूग्राम जिला में वैटलैंड को लेकर इम्पेक्ट अस्समेंट करवाएं कि इसके नहीं होने से क्या दुष्प्रभाव होते हैं और होने से प्रकृति व यहां रहने वाले लोगों को क्या लाभ होंगे। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गुरूग्राम जिला में जितनी वाॅटर बाॅडिज अर्थात् जलाशयों का पुर्न उद्धार कर सकें, उतना करें। गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के सेक्टर-44 स्थित कार्यालय परिसर में आयोजित इस बैठक में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरूग्राम जिला में भू-जल स्तर को रिचार्ज करने के विषय पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम सहित हरियाणा प्रदेश के 19 जिले भू-जल की उपलब्धता के लिहाज से डार्क जोन में पड़ते हैं और जिस गति से गुरूग्राम जिला में भू-जल का दोहन हो रहा है, उससे काफी कम मात्रा में पानी जमीन में वापिस डाला जा रहा है। ऐसे में जमीन में खोखलापन होने से जमीन धंसने का खतरा रहता है, इसलिए भू-जल रिचार्ज करने के उपाय किए जाने चाहिए। बैठक में नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सुभाष यादव ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि गुरूग्राम नगर निगम के क्षेत्र में 75 तालाबों के जीर्णोद्धार तथा पुनर्निमाण का कार्य प्रगति पर है। इनमें से 34 तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि बरसात में इन तालाबों मंे पानी स्टोर होगा और बाकि समय मंे पानी की कमी को एसटीपी से शोधित पानी लेकर पूरा किया जाएगा। इसके लिए एसटीपी से पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रगति पर है, कुछ तालाबों को इस लाईन से जोड़ा भी जा चुका है। बैठक मंे बरसाती पानी का भरपूर सदुपयोग करने तथा इसे व्यर्थ नहीं बहने देने पर भी विचार विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि रेन वाॅटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाकर ज्यादा से ज्यादा बरसाती पानी को जमीन के अंदर डालने के प्रयास गंभीरता से किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में बहुत सारी बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे हैं, बरसात में उनकी छत का पानी रेन वाॅटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर की मदद से जमीन में डालना सुनिश्चित किया जाए। नगर निगम गुरूग्राम के अधिकारियों ने बताया कि निगम क्षेत्र में लगभग 400 रेन वाॅटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर हैं तथा नियमानुसार 500 वर्ग गज या इससे अधिक बड़े आकार के प्लाॅट में बने भवनों के लिए रेन वाॅटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाना जरूरी है। बैठक में इन स्ट्रक्चरों को चैक करवाने का निर्णय लिया गया। यह भी सुझाव आया कि शहर के अलग-अलग हिस्सों मंे पिजोमीटर लगाकर जीआईएस टेक्नालाॅजी से उसकी माॅनिटरिंग करने की योजना है, जिससे यह पता चल पाएगा कि शहर के किस हिस्से में भू-जल का दोहन ज्यादा हो रहा है और कौन से हिस्से में भू-जल रिचार्ज हो रहा है। उसके बाद उसी अनुसार भविष्य की योजनाएं बनाई जा सकती हैं। बैठक में राव इंद्रजीत सिंह ने नजफगढ़ डेªन के साथ गुरूग्राम जिला के गांवों की वर्षभर जलमग्न रहने वाली कृषि भूमि की समस्या को दूर कर किसानों को राहत पहुंचाने, सेक्टर-102 में बनाए जा रहे जिला के एकमात्र मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल के निर्माण की प्रगति, पुराने नागरिक अस्पताल के स्थान पर नया आधुनिक अस्पताल भवन बनाने आदि महत्वपूर्ण व बड़ी परियोजनाओं पर भी अधिकारियांे के साथ चर्चा की और इनके निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल ने नजफगढ़ डेªन के साथ वाली कृषि भूमि के बारे में केंद्रीय मंत्री को बताया कि बहरामपुर एसटीपी से पाईप लाईन डालकर शोधित जल को नूंह, दमदमा तथा झज्जर की तरफ ले जाने की योजना पर काम चल रहा है ताकि यह पानी नजफगढ़ डेªन की तरफ ना जाए। इसके अलावा, लैग-1 तथा लैग-2 को भी नजफगढ़ डेªन से जोड़कर उन पर फाटक लगाए जाने की योजना है, जिन्हें बारिश के मौसम में डेªन में ज्यादा पानी होने पर बंद किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जीएमडीए द्वारा अरावली पहाड़ पर बरसाती पानी को रोकने के लिए बंध बनाए गए हैं, जिसकी वजह से डीएलएफ क्षेत्र को जलभराव की समस्या से छुटकारा मिला है। इस अवसर पर जीएमडीए के सीईओ सुधीर राजपाल, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, मानेसर नगर निगम के आयुक्त मोहम्मद इमरान रजा, जीएमडीए के मुख्य अभियंता राजेश बंसल, जीआईएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुल्तान सिंह, वरिष्ठ नगर योजनाकार भुवनेस सैनी, डीटीपी प्लानिंग राजेश कौशिक, नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अमरदीप सिंह, निगम के जिला राजस्व अधिकारी विजय यादव, वरिष्ठ अधिकारी मनीराम शर्मा सहित स्वास्थ्य तथा जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। Post navigation स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 की तैयारियां हुई तेज, टॉप-10 शहरों की सूची में आने का लक्ष्य-निगमायुक्त स्वामी विवेकानन्द: स्वतन्त्रता संग्राम के प्रमुख प्रेरणा स्रोत