–उपप्रमुख बनने से पहले भी रेस्ट में तीन भाजपा नेता और बाद में भी तीन
-चुनाव से पहले एक साथ छह बैठ जाते तो उपप्रमुख भी होता भाजपा का

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। महेंद्रगढ जिला परिषद के जिला प्रमुख डा.राकेश कुमार को बेशक भाजपा ने सर्वसम्मति बना लिया है लेकिन उपप्रमुख पद जिला महेंद्रगढ के भाजपा नेताओं की गुटबाजी और अहम की लडाई की भेंट चढ़ गया। भाजपा का जिला प्रमुख सर्वसम्मति से बनाने में नांगल चौधरी के विधायक डा.अभय सिंह यादव की श्रेष्ठ नेता बनने की नीति सटीक बैठी। इस नीति के तहत उन्होंने पूर्व डिप्टी स्पीकर और वर्तमान जिला प्रधान को साथ में लिया। साथ में अपने विधानसभा क्षेत्र के गुर्जर मतदाताओं को रिझाने के लिए यह चाल चली। इशारे खेल को रामविलास शर्मा को धोखे में रखकर खेला गया। चुनाव की पहली रात अपने निवास पर बुलाकर जिला प्रमुख के दूसरे प्रत्याशी मुनिपाल को डा.राकेश कुमार के पक्ष में करके और सोमवार को सर्वसम्मति से डा. राकेश को जिला प्रमुख बनाकर सबसे बडे किंग मेकर बनने का सेहरा बंधवाने में कामयाब हो गए। जबकि उपप्रमुख पद के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी देवेंद्र यादव को हार का मुंह देखना पड़ा। यह पहले तय हो गया था कि जिला प्रमुुख के लिए कोई मतदान की नौबत नहीं आएगी क्योंकि डा.राकेश के नाम के लिए सर्वसम्मति बन चुकी है।

इसी प्रकार भाजपा की तरफ से उपप्रमुख पद के लिए देवेंद्र यादव का नाम हाईकमान से तय किया गया बताया लेकिन इस पद के लिए चुनाव की संभावना पहले से ही बनी हुई थी। यही कारण था कि भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा, नारनौल के विधायक एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव व अटेली के विधायक सीताराम यादव एक बस में 14 पार्षदों के साथ पंचायत भवन पहुंचे। यहां पर सबके सामने रामबिलास शर्मा पर देवेंद्र यादव पर रखते हुए कहा कि ये भाजपा समर्थित उपप्रमुख पद के उम्मीदवार है। यह कहकर पार्षदों के साथ आये ये तीनों नेता पंचायत भवन से लौट गए और पार्षद पंचायत भवन में चुनावी बैठक के लिए प्रवेश कर गए। इसके बाद जेजेपी समर्थित जिला पार्षद भीम सिंह चार अन्य पार्षदों के साथ आए पंचायत भवन के अंदर गए। इस प्रकार सभी 19 जिला पार्षद एडीसी वैशाली सिंह की अध्यक्षता में होने वाली चुनावी बैठक में पहुंच चुके थे।

इधर रैस्ट हाउस में पार्षदों का इंतजार कर रहे नांगल चौधरी के विधायक डा.अभय सिंह, भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी संतोष यादव तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा को जब यह पता चला कि सभी जिला पार्षदों लेकर आने वाली बस नारनौल रेस्ट में आने की बजाय सीधा ही पंचायत भवन ले गई तो उन्हें हैरानी हुई। इस दौरान कुछ मीडिया के लोग भी इन नेताओं की टोली के साथ रेस्ट हाउस के लॉन में ही बैठे, जिसकी वजह से वे ज्यादा तो खुलकर नहीं बोल पाये लेकिन कहीं ना कहीं उनके चेहरे पर अजीब भाव जरूर देखे गए। एक सवाल के जवाब में इन नेताओं ने इतना तो जरूर कहा कि यह कल रात ही तय हो गया था कि सभी जिला पार्षदों को पहले रेस्ट हाउस में लाया जाएगा और उसके बाद विचार विमर्श और योजना एवं ड्यूटी के अनुसार पार्षदों के साथ छोटी टोली के सभी नेता एवं विधायक पंचायत भवन चलेंगे। रेस्ट हाउस में बैठे नेताओं को दूसरा झटका उस समय लगा जब जिला पार्षदों को पंचायत भवन छोडकर केवल अटेली के विधायक सीताराम यादव ही रैस्ट हाउस पहुंचे। इसके कुछ देर बाद विधायक डा.अभय सिंह यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष यादव व जिला अध्यक्ष यादव पंचायत भवन जाने की बाद अपने निवास या आफिस के लिए निकल पड़े।

इस एपिसोड के एक घंटे बाद ही पंचायत भवन से उप प्रमुख पद के चौंकाने वाले परिणाम देखने को मिलते हैं और चर्चा शुरू हो जाती है कि उपप्रमुख पद पर भाजपा का उम्मीदवार बैठाने के लिए एक मंत्री, एक पूर्व मंत्री और एक विधायक 14 जिला पार्षदों को पंचायत भवन छोडकर आते हैं और उपप्रमुख जजेपी समर्थित वो बंदा बनकर निकलता है जिसके खुद के सहित महज पांच पार्षद चुनावी बैठक में पहुंचते हैं। अब सभी इसी बात के गुणा भाग में लगे हुए हैं कि 14 में 6 पार्षद कौन कौन है जो अंदर क्रास वोटिंग करके जेजेपी के भीमसिंह को 5 से 11 पर पहुंचा गए।

चर्चा यह भी है कि अंतिम समय में रामबिलास शर्मा ने पंचायत भवन के गेट पर जैसे ही देवेंद्र यादव का नाम उपप्रमुख के लिए लिया तो उसी समय 14 में से कुछ पार्षदों ने भीतरघात करने का इशारा दे दिया था। दूसरी तरफ चर्चा यह भी थी कि बस रैस्ट हाउस की बजाय सीधा पंचायत भवन जाने का खामियाजा है। उपप्रमुख बनने से पहले भी रेस्ट में तीन भाजपा नेता और बाद में भी तीन ही थे लेकिन चेहरे दोनों बार अलग अलग थे। यदि रामविलास शर्मा को समय रहते पता चल जाता तो इन लोगों का जिला प्रमुख बनाने का खेल धराशाई हो जाता। सार यह कहा जा सकता है यदि ये पहले और बाद वाले सभी छह चेहरे एक साथ चुनाव से पहले एक साथ होते तो शायद उपप्रमुख पद भी भाजपा का ही होता। चुनाव संपन्न होने के बाद राकेश शर्मा संतोष यादव और अभय सिंह यादव लान में ठहाके लगाते और ताली बजाकर जीत का इजहार करते देखे गए।