– भाजपा के कद्दावरों के साथ आए 14 पार्षद,पांच पार्षदों के आया जजपा समर्थित उपप्रमुख बनकर आया बाहर –उपप्रमुख बनने से पहले भी रेस्ट हाउस में तीन भाजपा नेता और बाद में भी तीन -चुनाव से पहले एक साथ छह बैठ जाते तो उपप्रमुख भी होता भाजपा का – नप नारनौल चेयरमैनी हासिल करने के बाद जजपा ने फिर फहराया परचम – जिला प्रधान की ताली और विधायक के ठहाकों ने हटा दिया पटकथा से पर्दा अशोक कुमार कौशिक नारनौल। सोमवार को पंचायत भवन भवन में जिला परिषद के प्रमुख प्रमुख को लेकर चुनाव संपन्न हुए। इस चुनावी बैठक में सभी 19 जिला पार्षद उपस्थित रहे। संपन्न हुए जिला परिषद के चुनाव में भाजपा दो फाड़ नजर आई, वही जजपा नगर परिषद नारनौल के चुनाव के बाद फिर से अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रही। देवेंद्र यादव खातोद की पराजय से रामबिलास शर्मा मायूस नजर आए। महेंद्रगढ जिला परिषद के जिला प्रमुख डा.राकेश कुमार को बेशक भाजपा ने सर्वसम्मति बना लिया है लेकिन उपप्रमुख पद जिला महेंद्रगढ के भाजपा नेताओं की गुटबाजी और अहम की लडाई की भेंट चढ़ गया। भले ही भाजपा का जिला प्रमुख सर्वसम्मति से बनाने में नांगल चौधरी के विधायक डा.अभय सिंह यादव की पीठ थपथपाई जा रही है। पर उप जिला प्रमुख की सीट गंवाने के बाद भाजपा का अंदरूनी शह मात का खेल खुलकर सामने आ गया है। आज जिले की भाजपा अतीत की कांग्रेस दिखाई दे रही है जिसमें जमकर गुटबाजी है। इस नीति के तहत उन्होंने पूर्व डिप्टी स्पीकर और वर्तमान जिला प्रधान को साथ में लिया। पूर्व डिप्टी स्पीकर ने पंडित रामबिलास शर्मा से पिछला हिसाब बराबर कर लिया। साथ में अपने विधानसभा क्षेत्र के गुर्जर मतदाताओं को रिझाने के लिए यह चाल चली। इस सारे खेल को रामविलास शर्मा को धोखे में रखकर खेला गया। जिसका साफ संकेत चुनाव संपन्न होने के बाद जिला प्रधान की ताली और विधायक के ठहाके से मिल गया। बताया जा रहा है चुनाव की पहली रात अपने निवास पर बुलाकर जिला प्रमुख के दूसरे प्रत्याशी मुनिपाल को डा.राकेश कुमार के पक्ष में करके और सोमवार को सर्वसम्मति से डा. राकेश को जिला प्रमुख बनाकर सबसे बडे किंग मेकर बनने का सेहरा बंधवाने में कामयाब हो गए। जबकि उपप्रमुख पद के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी देवेंद्र यादव को हार का मुंह देखना पड़ा। यह पहले तय हो गया था कि जिला प्रमुुख के लिए कोई मतदान की नौबत नहीं आएगी क्योंकि डा.राकेश के नाम के लिए सर्वसम्मति बन चुकी है। इसी प्रकार भाजपा की तरफ से उपप्रमुख पद के लिए देवेंद्र यादव का नाम हाईकमान से तय किया गया बताया, लेकिन इस पद के लिए चुनाव की संभावना पहले से ही बनी हुई थी। यही कारण था कि भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा, नारनौल के विधायक एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव व अटेली के विधायक सीताराम यादव एक बस में 14 पार्षदों के साथ पंचायत भवन पहुंचे। यहां पर सबके सामने रामबिलास शर्मा ने देवेंद्र यादव के सिर पर हाथ रखते हुए कहा कि ये भाजपा समर्थित उपप्रमुख पद के उम्मीदवार है। यह कहकर पार्षदों के साथ आये ये तीनों नेता पंचायत भवन से लौट गए और पार्षद पंचायत भवन में चुनावी बैठक के लिए प्रवेश कर गए। इसके बाद जेजेपी समर्थित जिला पार्षद भीम सिंह चार अन्य पार्षदों के साथ आए पंचायत भवन के अंदर गए। इस प्रकार सभी 19 जिला पार्षद एडीसी वैशाली सिंह की अध्यक्षता में होने वाली चुनावी बैठक में पहुंच चुके थे। इधर विश्राम गृह में पार्षदों का इंतजार कर रहे नांगल चौधरी के विधायक डा.अभय सिंह, भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी संतोष यादव तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा को जब यह पता चला कि सभी जिला पार्षदों लेकर आने वाली बस नारनौल विश्राम गृह में आने की बजाय सीधा ही पंचायत भवन चली गई तो उन्हें हैरानी हुई। इस दौरान कुछ मीडिया के लोग भी इन नेताओं की टोली के साथ रेस्ट हाउस के लॉन में ही बैठे, जिसकी वजह से वे ज्यादा तो खुलकर नहीं बोल पाये लेकिन कहीं ना कहीं उनके चेहरे पर अजीब भाव जरूर देखे गए। एक सवाल के जवाब में इन नेताओं ने इतना तो जरूर कहा कि यह कल रात ही तय हो गया था कि सभी जिला पार्षदों को पहले रेस्ट हाउस में लाया जाएगा और उसके बाद विचार विमर्श और योजना एवं ड्यूटी के अनुसार पार्षदों के साथ छोटी टोली के सभी नेता एवं विधायक पंचायत भवन चलेंगे। विश्राम गृह में बैठे नेताओं को दूसरा झटका उस समय लगा जब जिला पार्षदों को पंचायत भवन छोड़कर केवल अटेली के विधायक सीताराम यादव ही विश्राम गृह पहुंचे। इसके कुछ देर बाद विधायक डा.अभय सिंह यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष यादव व जिला अध्यक्ष पंचायत भवन जाने की बात कह अपने निवास या आफिस के लिए निकल पड़े। इस एपिसोड के एक घंटे बाद ही पंचायत भवन से उप प्रमुख पद के चौंकाने वाले परिणाम देखने को मिलते हैं और चर्चा शुरू हो जाती है कि उपप्रमुख पद पर भाजपा का उम्मीदवार बैठाने के लिए एक मंत्री, एक पूर्व मंत्री और एक विधायक 14 जिला पार्षदों को पंचायत भवन छोड़कर आते हैं और उपप्रमुख जजपा समर्थित वो आदमी बनकर निकलता है जिसके अपने सहित महज पांच पार्षद चुनावी बैठक में साथ पहुंचते हैं। अब सभी इसी बात के गुणा भाग में लगे हुए हैं कि 14 में 6 पार्षद कौन कौन है जो अंदर क्रास वोटिंग करके जेजेपी के भीमसिंह को 5 से 11 पर पहुंचा गए। चर्चा यह भी है कि अंतिम समय में रामबिलास शर्मा ने पंचायत भवन के गेट पर जैसे ही देवेंद्र यादव का नाम उपप्रमुख के लिए लिया तो उसी समय 14 में से कुछ पार्षदों ने भीतरघात करने का इशारा दे दिया था। दूसरी तरफ चर्चा यह भी थी कि बस स्थानीय विश्राम गृह की बजाय सीधा पंचायत भवन जाने का खामियाजा है। उपप्रमुख बनने से पहले भी विश्राम गृह में तीन भाजपा नेता और बाद में भी तीन ही थे, लेकिन चेहरे दोनों बार अलग अलग थे। यदि रामबिलास शर्मा को समय रहते इस खेल का पता चल जाता तो इन लोगों का जिला प्रमुख बनाने का खेल धराशाई हो जाता। वहीं भाजपा के आम कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि ये पहले और बाद वाले सभी छह चेहरे एक साथ चुनाव से पहले एक साथ होते तो शायद उपप्रमुख पद भी भाजपा का ही होता। शायद भाजपा में वर्चस्व की लड़ाई में इस पद को गवा दिया। चुनाव संपन्न होने के बाद राकेश शर्मा संतोष यादव और अभय सिंह यादव का लान में ठहाके लगाना और ताली बजाना बहुत कुछ कह रहा था। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो रामबिलास शर्मा, राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव सहित जिला के अन्य नेता इस भागदौड़ में लगे हुए थे लेकिन बात नहीं बन रही थी। इसी बीच नांगल चौधरी के विधायक डा अभयसिंह यादव ने “चाल” रविवार को निभाई और दोनों जिला प्रमुख उम्मीदवार राकेश कुमार व मुनीपाल को एक मंच पर बैठाने में कामयाब रहे। रविवार देर रात तक चली इस बैठक में जिला पार्षद मुनीपाल ने राकेश कुमार को समर्थन देने का वायदा किया। फिर दोनों की सहमति बनने पर दोनों ने ही विधायक अभयसिंह यादव का आशीर्वाद लिया। देर रात जब जिला पार्षद मुनीपाल से बातचीत की तो उसने जिला पार्षद राकेश कुमार को समर्थन देने की बात कही थी। उन्होंने इसके पीछे विधायक अभयसिंह यादव का ‘गणित’ बताया। गौरतलब है कि विगत दिनों 24 दिसंबर को आयोजित बैठक में कोरम पूरा नहीं होने के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी। एससी वर्ग के लिए आरक्षित है जिला प्रमुख की सीट जिला परिषद वार्ड नंबर 1 से वचनाई नाथ, वार्ड नंबर 2 से बिमल कुमारी, वार्ड नंबर 3 से संतोष कुमार, वार्ड नंबर 4 से पूनम देवी, वार्ड नंबर 5 से देवेंद्र, वार्ड नंबर 6 से पूजा गुर्जर, वार्ड नंबर 7 से अजीत सिंह, वार्ड नंबर 8 से सुनील, वार्ड नंबर 9 से मुनीपाल, वार्ड नंबर 10 से राकेश कुमार, वार्ड नंबर 11 से उर्मिला देवी, वार्ड नंबर 12 से सचिन कुमार, वार्ड नंबर 13 से रेखा, वार्ड नंबर 14 से पूनम कुमारी, वार्ड नंबर 15 से अजय कुमार, वार्ड नंबर 16 से भीम सिंह, वार्ड नंबर 17 से प्रियंका, वार्ड नंबर 18 से श्यामसुंदर व वार्ड नंबर 19 से मीना देवी है। यहां विदित यह रहे कि भारतीय जनता पार्टी जिला महेंद्रगढ़ में बुरी तरह गुटबाजी में उलझी हुई है । एक तरफ राव इंदरजीत सिंह का ग्रुप है। दूसरी तरफ पंडित रामविलास शर्मा का तो तीसरे गुट का नेतृत्व नांगल चौधरी विधायक कर रहे है। इन सबके बीच आपसी सामंजस्य ठीक नहीं है और सब में वर्चस्व की लड़ाई है। नगर परिषद नारनौल के चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह समर्थित उम्मीदवार बाबूलाल यादव की पराजय ने भाजपा एकता की पोल खोल दी थी। राव इंदरजीत को पटका नहीं देने के चक्कर में भाजपा विधायक और संगठन के लोग जजपा की झोली में पड़ गये। अब इस चुनाव में जीत हार को वर्चस्व के गुणा भाग से आंका जा रहा है पर यह सत्य है कि विधानसभा चुनाव में दो बार के ‘घात’ का बदला अवश्य चुकाया जाएगा जो भाजपा के लिए भारी हो सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जजपा भले ही सरकार में गठबंधन में शामिल है पर संगठन के तौर पर वह एकला चलो की नीति पर काम कर रहा है। बीते नारनौल नगर परिषद के चुनाव में इसका खुलकर इजहार किया गया। जिला परिषद चुनाव में भी उप प्रमुख का पद हासिल करने के लिए जजपा के अभिमन्यु राव की मेहनत काम कर गई। अगर जजपा के लोग इसी ‘जज्बे’ के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगे तो भाजपा को ‘आईना’ देखने को मिल सकता है। Post navigation उपप्रमुख के भाजपा के कद्दावरों के साथ पहुंचे 14 पार्षद, पांच पार्षदों के साथ मीटिंग हाल में पंहुचा जेजेपी का उपप्रमुख बनकर आया बाहर कैप्टन व कोच में सामंजस्य बनाया….. सीएम से ‘मनोहर’ निष्ठा का डॉ. बनवारी लाल व ओम प्रकाश यादव ने इनाम पाया