हिसार, 6 जनवरी:भाजपा नेता सुरेश गोयल धूप वाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन को पत्र लिख कर बजट 2022-23 में आय कर की दरें तर्कसंगत करने व कर छूट आय को बढ़ाये जाने का अनुरोध किया है।

वित्त मंत्री के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि देश के आयकर दाता पिछले काफी समय से करो में राहत देने की अपेक्षा सरकार से कर रहे हैं। पिछले वर्षों में मुद्रास्फीति की दर काफी बढ़ी है जो स्वभाविक ही है,परंतु आय कर छूट ओर दरों में कोई विशेष संशोधन नही हुआ है। वर्तमान में आयकर की छूट सीमा ढाई लाख रुपए है, जो पांच लाख रुपए तक कि छूट मिल जाती है , परंतु पांच लाख से अधिक आय पर गणना ढाई लाख से शुरु होती है। सुरेश गोयल ने लिखे पत्र में कहा कि कर छूट की सीमा पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। जो पिछले वर्षों में बढ़ी हुई महंगाई को देखते हुए उचित है।

उन्होंने कहा कि आयकर स्लैब दरों में भी परिवर्तन किया जाना चाहिए। पांच लाख रुपए तक कि आय पर पूरी तरह छूट मिलनी चाहिए। पांच लाख से दस लाख रुपए तक टैक्स की दर 5प्रतिशत , दस लाख से बीस लाख तक दस प्रतिशत व बीस लाख रुपए से ऊपर बीस प्रतिशत होनी चाहिए। यदि टैक्स की दर तर्क संगत नही होगी तो उससे कर वंचना होगी।

क्यों न सरकार टैक्स की दरें उचित रख कर करदाताओं को ईमानदारी से टैक्स भरने का मार्ग प्रशस्त करें। सरकार ऐसी नीति का निर्धारण करे कि सरकार को राजस्व भी भरपूर मिले और लोगो को टैक्स भरने में परेशानी भी न हो।

आवश्यकता है देश से काला धन पूरी तरह समाप्त करने की , ताकि देश के उद्योग-व्यापार पनपे ,देश प्रगति करें । किसी भी देश में काला धन उस देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा होता है। यह तभी संभव है जब देश के सभी नागरिक अपनी वास्तविक आय को दिखा कर काले धन से चलने वाली समांतर व्यवस्था को समाप्त करने में सरकार के सहयोग करें।

उन्होंने वित्त मंत्री के नाम लिखे अपने पत्र में यह भी कहा कि यद्धपि सरकार जीएसटी कौंसिल की बैठकों में जीएसटी कानूनों में लगातार सुधार कर रही है , परंतु अभी भी छोटे व्यापारियों को ओर अधिक राहत दिए जाने की आवश्यकता है ।छोटे व्यापारियों के लिए यह स्थिति बहुत ही मुश्किल है कि वे बिना अनुभवी मुनीम व सीए के हिसाब- किताब सही तरीके से नही रख सकते व रिटर्न्स नही भर सकते , इसके लिए उन्हें भारी धन राशि खर्च करनी पड़ती है। जीएसटी कानून में इस प्रकार संशोधन व सरलीकरण किए

जाने की आवश्यकता है कि एक साधारण पढ़ा लिखा छोटा दुकानदार भी आसानी से टैक्स भर सके। आशा है माननीय वित्त मंत्री इस पर अवश्य ही ध्यान देगी।

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