गुरूग्राम 29/12/22 – तरविंदर सैनी (माईकल) नेता (आप) ने कहा कि जिन लोगों के चूल्हे ही चाटूकारिता के बूते चलते हैं उनके लिए मसीहा हो सकते हैं सूबे के मुखिया मगर आज भी जो किसान रुष्ट हैं भावांतर भरपाई योजना को लेकर गन्ने के भाव नहीं बढ़ाए जाने और एमएसपी लागू नहीं करने को लेकर डीएपी-यूरिया की किल्लत और परेशानियों को लेकर जिन्होंने सालभर पहले भी कड़कती ढंड में पानी की बौछार लाठी डंडो की मार अनेकों प्रकार के अत्याचारों के बीच धरना देना पड़ा और तमाम यातनाएँ झेली हों जल्लादों से भी कठोर निरदई व्यक्ति के इशारों पर और जिसने अपने दल के नेताओं से किसानों का सर लट्ठ मारकर तोड़ने की बात की हो भलां उसे मसीहा कैसे समझ सकते हैं किसान ? विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा बार-बार किसानों के मसलों पर सवाल पूछे गए उनकी परेशानियों को रखा गया मगर चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझा जिस सरकार ने उसके मुख्यमंत्री को जिसे एक नेक इंसान तक नहीं मानते हैं किसान भलां कैसे उन्हें मसीहा कहेंगे ? सवाल यह है । माईकल सैनी कहते हैं कि चंद लोगों का मकसद ही चापलूसी कर निजी हित साधना होता है विषयों से तो उनका कोई संदर्भ रहता ही नहीं है कभी और ऐसा करके वह स्वम् को भी धोखा देते हैं और अपने आकाओं को भी अंधेरे में रख उनकी जड़ों को काटने का काम करते हैं वरना जिस मानेसर क्षेत्र से सटे गांवों के किसानों की अधिग्रहित जमीनों के मुआवजा राशि के बढ़ाए जाने पर वह अपना सीना पीट रहे हैं तथा मुख्यमंत्री जी को मसीहा तक कह रहे हैं दरअसल उन्हें इन जमीनों की वास्तविक कीमतों का ज्ञान ही नहीं है उन्हें किसानों के साथ किए गए इस भद्दे मजाक (फरेब) का ही नहीं मालूम है ! एक तो इन जमीनों का अधिग्रहण ही गलत तरीके से किया गया है इसीलिए यह शुरू से ही विवादों में रहा है यह भोले-भाले किसान तो सरकारी खामियों का हर्जाना भुगत रहे हैं जिसके लिए सैंकड़ों दिनों से धरनारत हैं भरी ठंड में भी क्योंकि इनकी उपजाऊ मिट्टी वाली बेशकीमती जमीनों को उद्योगपतियों से सौदेबाजी कर सरकारी डंडे से हथियाया जा रहा है ,कोड़ियों के भाव लूटा जा रहा है मोटी मुनाफाखोरी के कारण , अब सवाल फिर वही खड़ा होता है कि ऐसे जुल्मी लोगों को क्या कभी यह किसान मसीहा मान पाएंगे ? नहीं ना इसलिए आज सीएम निवास का घेराव कर किसान इन चापलूसों के मसीहा जी का पुतला फूंक रहे हैं । Post navigation एचएसवीपी द्वारा जिन प्राइवेट अस्पतालों को सस्ती जमीन आवंटित की गई, उनमें गरीबों को मिलेगी मुफ्त या बहुत ही सस्ते ईलाज की सुविधा 1810 एकड़ का मामला…….मानेसर क्षेत्र के किसानों की बल्ले-बल्ले सीएम का आभार व्यक्त