हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें अफवाह या हकीकत!

भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं, क्या जानबूझकर विधानसभा में झूठे आंकड़े पेश किए गए?
क्या मोदी की तीसरी पारी का केंद्र बिंदु बनेगा हरियाणा?
भारत जोड़ो यात्रा में जुटी भीड़ प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी तो नहीं?
मंत्रियों की परफार्मेंस भी उम्मीद मुताबिक नहीं, जिला परिषद चुनाव उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे
जिला परिषदों के चेयरमैन- उप चेयरमैन की सीटों पर कब्जें को लेकर भाजपा जजपा की रस्साकशी क्या कर रही है इशारा

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में इन दिनों एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें जोर पकड़ रही है। विधानसभा में तीन मंत्रियों द्वारा पेश किए गए आंकड़े जानबूझकर गलत पेश करवाए गए या अधिकारियों की गलती थी इस पर प्रदेश में बहस छिड़ गई है।
हरियाणा की राजनीति का क्या तीसरी बार भी केंद्र बिंदु बनेंगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी? या राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बदल देगी पटकथा। प्रदेश सरकार और पार्टी संगठन से छन छन कर आ रही बातों से अब लगने लगा है कि वास्तव में प्रदेश की राजनीति मैं सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा।

सबसे पहले हम चर्चा करेंगे देश के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर। पार्टी के अधिकृत प्रधानमंत्री पद के दावेदार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी की प्रथम रैली हरियाणा में ही आयोजित हुई थी। 15 सितंबर 2013 को रेवाड़ी में आयोजित सैनिक रैली ने उनकी छवि को लेकर देश में धूम मचा दी थी। इस रैली के सूत्रधार भूपेंद्र यादव थे। इस सफलता के बाद वह मोदी की परछाई सी बन गए। पार्टी तथा सरकार में उनको अहम पदों पर नवाजा गया। 2013 लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और मोदी की लहर के चलते प्रदेश में भाजपा अपने बलबूते पर प्रथम बार सत्तारूढ़ हुई। इस अपार सफलता के बाद मोदी ने अपने नजदीकी मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री की गद्दी देकर याराना निभाया। हरियाणा की अहीरवाल की धरती से मिली अपार शोहरत के सहारे उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी जीता और दोबारा प्रधानमंत्री पद हासिल किया।

2024 में फिर से लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पूर्व देश में भारत जोड़ो यात्रा शुरू करके राहुल गांधी ने एक नई राजनीति को जन्म दिया है। मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और हरियाणा में जुटी उनकी पदयात्रा में भीड़ से कयास लगाए जा रहे है कि 2024 में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं? अगर ऐसा हुआ तो हरियाणा एक बार फिर देश को नई दिशा की ओर ले जाएगा। यह याद रहे की ताऊ देवीलाल ने अपने राजनीतिक संघर्ष न्याय युद्ध के बाद देश की राजनीति को एक नई दिशा दी थी। हरियाणा ने कई बार देश की राजनीति पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर एक उदाहरण बनाया है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परछाई भूपेंद्र यादव आजकल राजस्थान के साथ दक्षिण हरियाणा की राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं। क्या वह एक बार फिर से 2024 में नरेंद्र मोदी के लिए भारत जोड़ो यात्रा की काट लाकर भाजपा को फिर से स्थापित कर पाएंगे। प्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार की कार्यप्रणाली को देखते हुए 2024 का चुनाव की डगर आसां नहीं दिखाई दे रही।

अभी कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीएम मनोहर लाल से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान ही पीएम ने सीएम से पूछा था कि ‘क्या वह खुश हैं?’ इस मुलाकात में खट्टर ने मोदी से कहा कि उन्हें इतना जबरदस्त अवसर देने के लिए वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे। खट्टर मोदी को अच्छी तरह जानते हैं और इसी वजह से उन्हें लगता है कि मोदी ने उन्हें गूढ़ तरीके से संकेत दे दिया कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की ओर जा सकती है।

इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री की ओर से बयान जारी किया गया कि यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी और प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। पर उनके समर्थन में संगठन और सरकार का कोई भाजपा मंत्री या नेता नहीं उतरा। इसके बाद एक मुलाकात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के बीच भी हुई। जिसकी बातें आज तक संगठन की तरफ से बाहर नहीं की गई। कहा तो यहां तक गया था कि ओपी धनखड़ ने एक लम्बी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ की थी।‌ इसके बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की बात ने जोर पकड़ लिया था। नेतृत्व परिवर्तन की बात को करनाल में अरविंद शर्मा द्वारा आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में पहली बार खट्टर ने खारिज किया।

भाजपा गठबंधन सरकार का पारदर्शी और ईमानदार सरकार का दावा हरियाणा में धराशाही होता दिखाई दे रहा है। प्रदेश में नित नए घोटालों की बातें सामने आ रही हैं। संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल भी दिखाई नहीं पड़ रहा। सीएम खट्टर के कुछ फैसलों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ही नही कुछ सांसद और विधायक भी खफा है। भले ही वर्षा जनित तौर पर कुछ ना बोल रहे हो पर अंदर खाने से अपने समर्थकों के बीच नाराजगी अवश्य जता रहे हैं।

हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया था कि संघ के प्रचारक रह चुके हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पिछले महीने संघ के कई पदाधिकारियों को चाय पर अपने घर बुलाया था। इस मुलाकात के दौरान उनके मित्र रहे एक प्रचारक ने कहा कि वह बतौर सीएम 8 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और हरियाणा के तीन दिग्गज लाल यानी चौधरी भजन लाल, चौधरी बंसी लाल और चौधरी देवी लाल का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने इसे नकारते हुए कहा था कि उनका ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है। यह भी हो सकता है कि उन्हें सीएम की कुर्सी ही छोड़नी पड़ जाए। हालांकि औपचारिक तौर पर सीएम ने इस पर कुछ नहीं कहा।

केंद्रीय नेतृत्व को यह आभास हो गया है कि उसकी हरियाणा इकाई में सबकुछ ठीक नहीं है। इसकी पुष्टि हाल ही में हुए जिला परिषद चुनाव के नतीजों से भी हो गई। इन चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। सरकार लगातार जनता से दूर होती जा रही है।

हालिया पंचायत चुनाव में भाजपा सिर्फ 7 जिलों में पार्टी सिंबल पर ये चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखा पाई। भाजपा को पार्टी सिंबल पर सिर्फ 22 सीटों पर जीत मिली। अनेक बड़बोले सांसदों और भाजपा विधायकों के क्षेत्र में पंचायती चुनाव में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी। हालांकि पार्टी का दावा था कि वह राज्य के सभी जिलों में जिला परिषदों का चेयरमैन पद हासिल कर लेगी। यह दीगर बात है कि विजेता प्रतिनिधि सरकार से फायदा उठाने के लिए उसका झंडा थाम ले। पर प्रदेश में जिला परिषद के चेयरमैन और उप चेयरमैन की सीट को लेकर भाजपा और जजपा में खुलकर मतभेद सामने आ गए। जजपा ने अनेक जगह अपने चेयरमैन बना दिए और बहुत स्थानों पर वह प्रयासरत है। सीटों पर कब्जें को लेकर भाजपा से उसका मतभेद है। इस खींचातान को देखकर नहीं लगता कि यह गठबंधन पूरा समय बना रहेगा।

हरियाणा में मंत्रियों का कमज़ोर प्रदर्शन भी नेतृत्व परिवर्तन की ताजा अटकलों की वजह में शामिल है। मनोहर कैबिनेट में कई मंत्री ऐसे हैं जिनकी हाल में बनाई गई रिपोर्ट में प्रदर्शन कमजोर आया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इन मंत्रियों के कारण पूरी सरकार की छवि खराब हो रही है। इसको लेकर भी सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं । मुख्यमंत्री को बचाव में कोई मंत्री या संगठन का नेता खुलकर नहीं आता, केवल कुछ चाटुकार यदा-कदा बयान बाजी उनके समर्थन में करते हैं। अब यह दिखाई देने लगा है कि मंत्रियों पर मुख्यमंत्री की पकड़ कमजोर हो गई है और ब्यूरोक्रेट मुख्यमंत्री पर हावी हो गए हैं। संगठन के लोग इस बात पर खफा है कि उनकी आवाज को अनसुना किया जा रहा है।

प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी ने युवाओं को भाजपा से दूर किया है। वृद्धावस्था सम्मान पेंशन पोर्टल को लेकर प्रदेश के बुजुर्ग सरकार से बेहद दुखी हैं। डीएपी यूरिया खाद की किल्लत के बाद नहरी पानी को लेकर भी किसान सरकार से नाराज हैं। इसके साथ हरियाणा रोडवेज के निजीकरण, किलोमीटर योजना, कर्मचारियों की प्रबल मांग ओपीएस तथा बसों की किल्लत को लेकर भी जनता और कर्मचारी सरकार से दूर होते जा रहे हैं। परिवार पहचान पत्र में इनकम को लेकर काफी शोर प्रदेश में सुनाई दे रहा है की पोर्टल पर मनमाने तरीके से लोगों की आए दर्ज की गई। शहरी क्षेत्र में प्रॉपर्टी आईडी ने नागरिकों को खफा कर रखा है। अभी हाल में प्रॉपर्टी आईडी को लेकर विधानसभा में मामला उठाया गया था और सर्वे करने वाली गुजराती कंपनी को लेकर काफी कुछ कहा गया।

प्रदेश और देश में ऐसे अनेक मुद्दे हैं जिससे सरकार से आम जनता नाराज हैं। शायद यही वजह रही नगर परिषद, पंचायत समिति और पंचायत चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।

इसके अलावा शराब घोटाला, धान घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, सरकारी नौकरी घोटाला, अवैध खनन घोटाला जैसे दर्जनों घोटालों को सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री दफ्तर में उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा अंजाम दिया गया लेकिन आज तक किसी की भी जांच सिरे नहीं चढ़ी और घोटालों में संलिप्त लोगों को बचा लिया गया। पर लगातार घोटालों की परतों ने सरकार की साख पर प्रश्न चिन्ह लगाया है।

हरियाणा विधानसभा में गलत आंकड़ों से नाराज सरकार

क्या सरकार द्वारा जानबूझकर गलत दिए गए आंकड़े या अधिकारियों ने की मनमानी
3 बार शर्मिंदा हुए मंत्री, मनोहर लाल ने जताई नाराजगी, 4 अफसरों पर गिरी गाज

*पहला: शिक्षा मंत्री ने दिए गलत आंकड़े

सत्र के तीसरे दिन बाढड़ा से विधायक और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने स्कूलों के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से सवाल किए थे। इन सवालों के जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने गलत आंकड़े दे दिए, जिस पर सदन में सदस्यों ने आपत्ति प्रकट की। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने भी मंत्री को सदन में सही आंकड़े पेश करने की हिदायत दी।

*दूसरा : कमल गुप्ता पर भड़के स्पीकर

फरीदाबाद विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर राज्य के निकाय मंत्री कमल गुप्ता को भी शर्मिंदा होना पड़ा। हुआ यूं कि नीरज शर्मा ने सवाल किया कि सीवर के ढक्कन खुले होने के कारण फरीदाबाद में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। इस पर कमल गुप्ता ने जो आंकड़े पेश किए वह अलग थे। इस पर स्पीकर ने नाराजगी प्रकट करते हुए उन्हें सही आंकड़े पेश करने की हिदायत दी।

*तीसरा: गृह मंत्री अनिल विज ने माफी मांगी

सदन के पहले दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया। जहरीली शराब के मुद्दे पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अनिल विज ने जवाब दिया कि अवैध शराब से 2016 से अब तक 36 मौतें हुई हैं।

अभय चौटाला ने विज के आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए हरियाणा सरकार ने लोकसभा में 498 मौतें बताई हैं। इसकी चीफ सेक्रेटरी ने लोकसभा में रिपोर्ट भेजी है। अकेले लॉक डाउन में 45 मौतें शराब पीने से हुई, जबकि सरकार 36 मौतें ही बता रही है।

विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सरकार द्वारा यह जानबूझकर किया गया। जब सरकार का झूठ पकड़ा गया तो इसकी गाज अफसरों पर गिराई गई। इस छीछलेदारी के बाद विधानसभा के इस सत्र के बाद नेतृत्व परिवर्तन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। कर्मचारियों की ओपीएस की प्रबल मांग जिसने हिमाचल में सरकार बदल दी अब हरियाणा में भी जोर पकड़ रही है।

वर्ष 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं और उसके लगभग 6 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा हरियाणा में भी कई दूसरे राज्यों की तरह चेहरा बदल सकती है, ऐसा कयास जोरों पर हैं। स्मरण रहे कि मनोहर लाल खट्टर का यह दूसरा कार्यकाल है। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ बढ़ती भीड़ ने भाजपा संगठन और मोदी सरकार को चिंतित अवश्य किया है। इस यात्रा का दूसरा चरण 5 जनवरी को आरंभ होने जा रहा है। दूसरे चरण में एक बार फिर यह यात्रा मनोहर लाल खट्टर के गृह जिले में अपनी धमक छोड़ने जा रही है।

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