हरियाणा में बढ़ते कर्ज पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार- हुड्डा

बिना कोई बड़ी परियोजना स्थापित किए सरकार ने हरियाणा को कर्ज में डुबोया- हुड्डा

विधानसभा में अपनी जवाबदेही से भागती नजर आई सरकार, चर्चा के कई प्रस्ताव किए खारिज- हुड्डा

रेट में बढ़ोत्तरी ना करके सरकार ने गन्ना किसानों के साथ किया अन्याय- हुड्डा

गन्ने की रेट बढ़ोत्तरी के मामले में कांग्रेस के सामने दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती बीजेपी-जेजेपी- हुड्डा

हरियाणा में चल रही है पोर्टल की सरकार, ऐसे पोर्टल जो कभी नहीं चलते- हुड्डा

पीपीपी सिर्फ बुजुर्गों की पेंशन काटने का हथियार, प्रॉपर्टी आईडी में लाखों खामियां- हुड्डा

कांग्रेस सरकार बनने पर खत्म की जाएगी पीपीपी और प्रॉपर्टी आईडी- हुड्डा

29 दिसंबर, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर बीजेपी-जेजेपी सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने हरियाणा को 4 लाख करोड से ज्यादा के कर्ज में डुबो दिया है। इसमें 3,25,000 करोड़ कर्जा और 1,22,000 करोड़ की देनदारियां हैं। स्थिति यह हो गई है कि सरकार कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी कर्ज ले रही है। इस वजह से कई बार कर्मचारियों को सैलरी मिलने में भी देरी होती है।

हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में ना कोई नई रेलवे लाइन, ना मेट्रो लाइन बिछी, ना कोई बड़ी यूनिवर्सिटी और ना कोई बड़ी परियोजना स्थापित हुई। बावजूद इसके प्रदेश पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। सरकार ने हरियाणा को कर्ज के जाल में फंसा दिया है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा में दूसरे चरण की विस्तृत जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत 5 जनवरी से होगी। यूपी से सनौली(पानीपत) होते हुए राहुल गांधी हरियाणा में दाखिल होंगे। 6 जनवरी को पानीपत में बड़ी जनसभा होगी, जिसमें बड़ी तादाद में लोग शामिल होंगे। 7 जनवरी को यात्रा करनाल और 8 को कुरुक्षेत्र में पहुंचेगी। 10 तारीख को ब्रेक डे रहेगा। इसके बाद 11 तारीख को यात्रा अंबाला से पंजाब में दाखिल हो जाएगी।

हुड्डा ने कहा कि यात्रा का मकसद राजनीतिक उद्देश्य और वोट साधना नहीं है बल्कि इसका मकसद बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाना है। यात्रा जात-पात व धर्म के नाम पर बंटवारे और लोगों को लड़वाने वाली राजनीति के विरोध में जनजागरण अभियान है। यही वजह है कि यात्रा को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 3 दिन के विधानसभा सत्र पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि सरकार पूरे सत्र में अपनी जवाबदेही से भागती नजर आई। विपक्ष की तरफ से चर्चा के लिए कई प्रस्ताव दिए गए जिनपर सरकार ने चर्चा तक नहीं होने दी। यहां तक कि किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज केस जैसे जरूरी मुद्दे को टेबल होने के बावजूद नहीं सुना गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गन्ने के भाव में बढ़ोतरी की मांग की। लेकिन सरकार ने इसे भी खारिज कर दिया। प्रदेश के किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल रेट की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार पंजाब के समान भाव देने के लिए भी तैयार नहीं है। हुड्डा ने कहा कि इसबार सरकार ने गन्ने के भाव में एक पैसे की भी बढ़ोत्तरी नहीं की। रेट नहीं बढ़ने की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार द्वारा रेट निर्धारण में देरी की वजह से किसानों की पेमेंट भी रूकी हुई है। किसानों की मांग है कि गन्ने का रेट 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। लेकिन सरकार पंजाब के बराबर रेट करने के लिए भी तैयार नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2005 तक गन्ने का रेट 117 रुपये था। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान इसमें 193 की बढ़ोत्तरी करके 310 रुपए तक पहुंचाया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गन्ने के रेट में लगभग 3 गुणा यानी 165 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई। यह सालाना लगभग 18.3 प्रतिशत बढ़ोत्तरी बनती है। लेकिन बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने 8 सालों में गन्ने के रेट में कुल 17 फीसदी ही बढ़ोतरी की। यानी सालाना सिर्फ 2.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस के मुकाबले रेट बढ़ोत्तरी के मामले में बीजेपी-जेजेपी सरकार दूर-दूर तक कहीं नहीं ठहरती।

हुड्डा ने कहा कि खाद की किल्लत, जलभराव और मुआवजे जैसे किसानों के मुद्दों पर भी सरकार चर्चा से भागती नजर आई। एमबीबीएस विद्यार्थियों पर थोपी गई बॉन्ड पॉलिसी पर भी सरकार गुमराह कर रही है। सरकार का कहना है कि उसने विद्यार्थियों को मना लिया है। जबकि सच्चाई यह है कि विद्यार्थियों के ऊपर दबाव बनाया गया। क्योंकि बॉन्ड पॉलिसी में तीन शर्तों के चलते प्रदेश में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। सरकार को यह पॉलिसी खत्म करनी चाहिए। क्योंकि शिक्षा का मकसद मुनाफा कमाना नहीं होता।

कौशल रोजगार निगम पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि इसका मकसद पक्की नौकरियों, मेरिट, आरक्षण और भर्ती संस्थाओं को खत्म करना है। निगम के जरिए सरकार पढ़े-लिखे और योग्य युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। कम वेतन में कच्ची नौकरी करवाकर युवाओं का शोषण किया जा रहा है। सरकार का काम ठेका प्रथा को खत्म करके पक्की नौकरियां देना है, लेकिन इसके विपरीत सरकार पक्की नौकरियों को खत्म करके ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने मेरिट प्रक्रिया को दरकिनार करके निगम की भर्ती के लिए परिवार की आय को आधार बनाया है। सरकार ने आय को नापने के लिए परिवार पहचान पत्र को आधार माना है। लेकिन सच्चाई यह है कि किसी परिवार की आय निर्धारित करने का सरकार के पास कोई तरीका नहीं है। पीपीपी की आय में इतनी खामियां हैं कि वो दूर ही नहीं हो रही हैं। हर रोज अखबारों में PPP के गड़बड़झाले की खबरें आ रही हैं। परिवार पहचान पत्र के जरिए सिर्फ और सिर्फ बुजुर्गों की पेंशन काटी जा रही है। अब तक 5 लाख लोगों की पेंशन काट दी गई है।

इसी तरह प्रॉपर्टी आईडी सिर्फ और सिर्फ जनता को परेशान करने के लिए लागू की गई व्यवस्था है। इसमें जमकर गड़बड़झाले हो रहे हैं। कहीं मकान मालिक को किराएदार तो कहीं किराएदार को मकान मालिक बना दिया गया है। सरकार द्वारा बनाई गई कुल 42 लाख 70 हजार प्रॉपर्टी आईडी में से 15 लाख से ज्यादा में गड़बड़ी पाई गई हैं। सरकार द्वारा की गई गलती को दुरुस्त करवाने के लिए अब जनता सरकारी दफ्तरों में लाइन लगाकर खड़ी है।

हुड्डा ने दोहराया कि यह सिर्फ पोर्टल की सरकार बन कर रह गई है। सरकार द्वारा ऐसे पोर्टल बनाए गए हैं जो चलते ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पोर्टल या डिजिटलाइजेशन से समस्या नहीं है। लेकिन सिर्फ लोगों को परेशान करने, व्यवस्था को जटिल बनाने के लिए पोर्टल थोपना सही नहीं है। उन्होंने ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ का उदाहरण देते हुए कहा कि इस पोर्टल ने किसानों को परेशान करने के अलावा कुछ नहीं किया। सरकार द्वारा बनाए गए ज्यादातर पोर्टल अक्सर ठप रहते हैं और सर्वर हमेशा डाउन रहता है। इसलिए मिनटों में होने वाला काम भी कई-कई दिनों तक अटका रहता है।

पंजाबी भाषा पर पूछे गए सवाल के जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने पंजाबी को हरियाणा में सेकंड लैंग्वेज का दर्जा दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार के दौरान पंजाबी और उर्दू के टीचर्स की भर्तियां तक नहीं की जा रही। सरकार पंजाबी के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है। इसी तरह हरियाणा की अलग सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मामले में भी सरकार का रवैया नकारात्मक नजर आ रहा है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदेश की अलग कमेटी को मंजूरी दी थी। इसे कोर्ट ने भी सही माना लेकिन मौजूदा सरकार अब तक इसे सिरे नहीं चढ़ा पाई।

प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी मौजूद रहे ।

Previous post

युवा दिवस पर एबीवीपी का युवा गर्जना सम्मेलन, तैयारियों को लेकर आयोजित हुई जिला बैठक

Next post

एचएसवीपी द्वारा जिन प्राइवेट अस्पतालों को सस्ती जमीन आवंटित की गई, उनमें गरीबों को मिलेगी मुफ्त या बहुत ही सस्ते ईलाज की सुविधा

You May Have Missed

error: Content is protected !!