25 दिसंबर से नगर निगम मानेसर को रद्द करके पुनः पंचायती राज स्थापित करने के लिये आईएमटी चौक मानेसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है।

मानेसर, 26 दिसंबर। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुखबीर तंवर ने मानेसर क्षेत्र में चल रहे तीन धरनों को निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये कहा कि तीनों धरने वर्तमान प्रदेश सरकार की विफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। विदित है कि विगत 4 फरवरी से भारतीय सेना में “अहीर रेजिमेंट” गठन की मांग को लेकर सयुंक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा की तरफ से खेड़की दौला टोल पर निरंतर धरना चल रहा है। करीब 11 महीनों में अनेक महापंचायतों, दिल्ली के जंतर-मंतर सहित काफी विरोध प्रदर्शनों और नसीबपुर (नारनौल) से खेड़की दौला टोल तक पदयात्रा के बावजूद राज्य और केंद्र सरकार में शासन कर रही भारतीय जनता पार्टी ने कोई संज्ञान नही लिया है। इसके विपरीत प्रदर्शनकारियों पर झूठे मामलें दर्ज करके आंदोलन को तोड़कर समाप्त करने का प्रयास किया है। सरकार की कार्यप्रणाली पर क्षेत्र की 36 बिरादरी में ही नही अपितु राष्ट्र के यादव समाज मे भारी रोष है।

विगत 22 जून से कासन एवं आस पास के गावों की 1810 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ एचआईआईडीसी (मानेसर) कार्यालय के बाहर निरंतर धरना चल रहा है। उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक कई दौर की वार्ता के पश्चात भी सरकार जमीन का मुआवजा बाजार भाव की बजाय मात्र 55 लाख रुपया प्रति एकड़ में किसानों से हड़पने का प्रयास कर रही है। 6 महीने से अधिक शांतिपूर्ण धरने के पश्चात भी निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकार ने किसानों की आवाज को अनदेखा करके जनता के प्रति असवेंदनशीलता का परिचय दिया है। इससे किसानों और जन सामान्य में बेहद नाराजगी है।

प्रदेश सरकार दुवारा बिना किसी मांग या क्षेत्र में सलाह मशवरा किये 24 दिसंबर,2020 को नगर निगम मानेसर का गठन कर दिया। गठन के उपरांत निरंतर विरोध हुआ और अनेक पंचायतों का आयोजन हुआ। नगर निगम गठन के बाद जन सामान्य की समस्यायेंं समाप्त होने की बजाय बढ़ती चली गयी। पंचायतों के अरबों-खरबों के फंड और पंचायती जमीनों को सरकार ने अपने नियंत्रण में कर लिया। निगम के अधिकारी बेखौफ विभिन्न योजनाओं के नाम पर धन की बंदरबांट कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि प्रदेश सरकार विगत दो वर्षों के लंबे समय में नगर निगम की वार्डबंदी तक नही करवा पायी। नगर निगम मानेसर में गठन के दो साल बाद भी चुनाव के कोई आसार नही है। जनप्रतिनिधियों के अभाव में सरकारी संरक्षण से नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार, सुविधाओं की बजाय असुविधाओं से परेशान और विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों और करों से त्रस्त क्षेत्रवासियों ने 25 दिसंबर से नगर निगम मानेसर को रद्द करके पुनः पंचायती राज स्थापित करने के लिये आईएमटी चौक मानेसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है।

इन धरनों से ऐतिहासिक ओधोगिक क्षेत्र मानेसर के जन सामान्य, किसान, कामगार, उद्योगपति सहित सभी वर्ग दुखी हैं और स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे है। तीनों धरनों के विषयों का निराकरण करने में सरकार पूर्णतया विफल रही है।

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