-कमेटी को प्राप्त शिकायतों में विभागीय कार्रवाई में देरी ना करे कार्यालय प्रमुख: डीसी गुरुग्राम
-समितियों का मुख्य उद्देश्य विभागों की कार्य प्रणाली में सुधार लाकर प्रशासनिक तंत्र को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाना है-उपायुक्त

गुरुग्राम, 26 दिसंबर। उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में आज लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला एवं उपमंडल स्तरीय विजिलेंस कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभाग प्रमुखों से कमेटी को प्राप्त शिकायतों में विभागीय कार्रवाही में देरी ना करने के निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय विजिलेंस कमेटी का गठन अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में किया गया है जबकि उपमंडल स्तरीय विजिलेंस कमेटी सोहना, पटौदी, गुरुग्राम व बादशाहपुर का गठन संबंधित एसडीएम की अध्यक्षता में किया गया हैं। उन्होंने बताया कि इन समितियों का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कार्य प्रणाली और प्रक्रिया में सुधार के उपायों को अपनाकर विभागों के विभिन्न कार्यों और गतिविधियों की जांच करके प्रशासनिक तंत्र को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सभी जिला स्तर कमेटियों की कार्यप्रणाली की स्वयं मोनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में सरकार के निर्देश है कि जिला में जिला स्तर व उपमंडल स्तर की सभी कमेटियां प्रत्येक माह कम से कम तीस शिकायतों की जांच अवश्य करें।

डीसी श्री यादव ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभाग प्रमुखों को कमेटी की रूपरेखा व कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये कमेटियां सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों तथा विकास संबंधी परियोजनाओं के सुचारू रूप से संचालन के साथ इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी एडीसी की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इस कमेटी के अन्य 4 सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का कार्यकारी अभियंता को शामिल किया गया है, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही, इस कमेटी में सर्वशिक्षा अभियान का अकाउंटस आफिसर ,स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का डीएसपी, संबंधित विभाग का अधिकारी( कार्यालय अध्यक्ष या उसका प्रतिनिधि) को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसी प्रकार, उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटियों में चेयरपर्सन सहित 4 सदस्य होंगे। प्रत्येक उपमंडल में सम्बंधित उपमंडल अधिकारी (ना.) कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटी के अन्य सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का उपमंडल अभियंता को शामिल किया गया है, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही एक अकाउंटस ऑफ़िसर व संबंधित विभाग का कार्यालय अध्यक्ष या उसका प्रतिनिधि कमेटी के अन्य सदस्यों में शामिल होंगे।

कमेटी विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज को सरप्राइज चेक कर सकेगी। इसके अतिरिक्त जनसेवा से जुड़े विभाग जिनमें स्कूल, पीएचसी, अन्य स्वास्थ्य संस्थान, राजस्व, स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, परिवहन विभाग, पुलिस थाना आदि में विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों के कृत्यों या अनदेखी, गलत आचरण व ड्यूटी के प्रति लापरवाही की जांच करने में सक्षम होगी। साथ ही विकास परियोजनाओं में सामग्री की गुणवत्ता, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व कालाबाजारी, फसल खरीद सीजन के दौरान मंडियों में निरीक्षण व भौतिक सत्यापन, खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, मिलावट आदि के साथ ही जनहित से संबंधित मामलों की जांच करेंगी। उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप बी, सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच ज़िला स्तरीय कमेटी करेगी। लेकिन मामले में दोषी अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए यह कमेटी मंडलायुक्त को अनुशंसा करेगी। वहीं एक करोड़ रुपए से अधिक राशि के भ्रष्टाचार के मामले मुख्यसचिव को भेजे जाएँगे। ये कमेटियाँ किसी भी पब्लिक ऑफ़िस का लोकल ऑडिट कर सकेंगी और किसी विभाग में सरकारी धनराशि में सभी श्रेणियों के कर्मियों के घपले, ग़बन, रिश्वतख़ोरी के बारे में शिकायतों की जाँच भी करेंगी। इन जाँच मामलों में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग यदि कोई सिविल कार्य कर रहा है तो कमेटी के पास अधिकार होंगे कि वह मौके पर जाकर निर्माण सामग्री का सैंपल ले सकेंगी। इस कार्य मे यदि वे किसी तकनीकी विभाग की सहायता लेना चाहते है तो यह पावर भी कमेटी को प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा किसी भी विभाग में जांच के लिए उसके विभाग प्रमुख को सूचना देना व उसको जांच में शामिल करना आवश्यक होगा।

इस अवसर पर गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला स्तरीय विजिलेंस कमेटी के अध्यक्ष विश्राम कुमार मीणा, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, गुरुग्राम के एसडीएम रविंद्र यादव, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।

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