सोमवार 26 दिसंबर को जिला परिषद की बैठक और चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का चुनाव

जिला परिषद के चेयरमैन के चुनाव को लेकर नहीं है कोई भी संशय

जिला परिषद चेयरमैन पद अनुसूचित महिला के लिए ही है आरक्षित

बड़ा सवाल चेयरमैन पद पटोदी हल्के में तो क्या वाइस चेयरमैन भी

वाइस चेयरमैन पद की दौड़ में तीन दावेदार शामिल बताए गए

जिला परिषद के कुल 10 सदस्यों के द्वारा ही किया जाएगा चुनाव

सबसे बड़ा राजनीतिक धर्मसंकट भाजपा के लिए ही बना दिख रहा

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।  
 सोमवार 26 दिसंबर को गुरुग्राम जिला परिषद के नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक के साथ ही इसी बैठक में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव होना भी तय किया गया है । इस चुनाव में यह बात तो पूरी तरह से साफ है कि जिला परिषद चेयरमैन की ताजपोशी अनुसूचित वर्ग की महिला की ही होनी है । इसका मुख्य कारण है जिला परिषद चेयरमैन पद अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित है और इस पद पर एकमात्र उम्मीदवार वार्ड नंबर 9 से भाजपा की मधु सारवान को पराजित करने वाली जननायक जनता पार्टी की दीपाली चौधरी का नाम ही है ।

कुल मिलाकर लाख टके का सवाल यह है कि जिला परिषद का वाइस चेयरमैन या फिर वाइस चेयरमैन की ताजपोशी किसके सिर पर होगी? हालांकि जिस प्रकार से टिकटों का बंटवारा हुआ और पुराने भाजपा कार्यकर्ता भाजपा के ही टिकटार्थियों के खिलाफ खिलाफ चुनाव लड़ कर जिला पार्षद बनकर सामने आए । उस परिणाम को देखते हुए जिला भाजपा इकाई भाजपा टिकट वितरण कमेटी और चुनाव प्रभारी सभी हैरान और परेशान से ही दिखाई दिया। हालांकि भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने के लिए भाजपा संगठन नेताओं पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ प्रमुख तक किसी भी कार्यकर्ता और पदाधिकारी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे बड़ी जिम्मेदारी भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक सरपंच सुंदरलाल की कथित रूप से मानी जा सकती है , क्योंकि जब वह पंचायती राज व्यवस्था को देख रहे हैं तो जिला परिषद के चुनाव भी ग्रामीण अंचल या फिर देहात में ही लड़े गए हैं ।

बाहर हाल सीधी और साफ बात करते हैं कि जिला परिषद की पहली बैठक और इसके बाद चेयरमैन सहित वाइस चेयरमैन चुनाव के लिए कुछ ही घंटों का समय शेष बचा है । कुल मिलाकर संडे की नाइट अपने आप में राजनीतिक नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा सकती है । दूसरी ओर कथित रूप से जिला परिषद वाइस चेयरमैन पद की दौड़ में 3 नाम की चर्चा इस समय गर्म है । जबकि जिला परिषद के कुल 10 पार्षदों में से ही मतदान के द्वारा वाइस चेयरमैन का चयन किया जाना है । अब ऐसे में सवाल यह है है कि क्या भाजपा जिला इकाई , भाजपा जिला इकाई से ऊपर भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों या फिर अन्य रणनीतिकारों के बीच ऐसी कोई चर्चा या फिर रणनीति बनाई गई है कि जिला परिषद वाइस चेयरमैन पद पर किसी भी उम्मीदवार को आम सहमति से जिला परिषद वाइस चेयरमैन की ताजपोशी के लिए राजी किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक इस बात के संकेत नहीं के बराबर ही मिल रहे हैं ।

दूसरी ओर इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि जिला परिषद की जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला प्रशासन के द्वारा बुलाई गई है पहली महत्वपूर्ण बैठक किसी भी बहाने बाजी के द्वारा कोरम पूरा नहीं होने के कारण टालने का प्रयास किया जा सके ? सूत्रों के मुताबिक इसका मुख्य कारण है जिला परिषद प्रमुख का चुनाव तो होना निश्चित ही है । दूसरी ओर शेष बचे नो जिला पार्षद उम्मीदवारों में से जो भी वाइस चेयरमैन पद के दावेदार हैं , वह इस स्वर्णिम मौके को किसी भी कीमत पर अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहेंगे । इसी कड़ी में भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता की सिफारिश पर टिकट प्राप्त कर भाजपा के उम्मीदवार को करारी शिकस्त देने वाले पटौदी क्षेत्र से ही संबंधित जिला पार्षद का दावा है कि वाइस चेयरमैन पद के लिए उसकी दावेदारी सबसे अधिक मजबूत है । दूसरी ओर इसी कड़ी में राजनीतिक रूप से देखा जाए तो कम से कम जो उम्मीदवार गैर भाजपाई कहे जा सकते हैं , ऐसे ने इस बात से भी इनकार नहीं कि जो भी उम्मीदवार जिला परिषद वाइस चेयरमैन की ताजपोशी अपने लिए चाहते है।, वह कथित रूप से गैर भाजपाई जिला पार्षदों का भी समर्थन प्राप्त कर सकते है । कुल मिलाकर जिला परिषद वाइस चेयरमैन के लिए किस उम्मीदवार को भाजपा संगठन अपनी नीति और कसौटी पर खरा मानकर चल रही है ।

इस विषय में विभिन्न नेताओं के से चर्चा करने के बाद जो भी कोई भी नेता कुछ भी कहने से बचता दिखाई दे रहा है । हां अब समय के साथ भाषा अवश्य बदल गई है कि यह चुनाव आपसी भाईचारे का चुनाव है जो भी उम्मीदवार दावेदार हैं, वह आपस में सलाह मशवरा करके जिला परिषद वाइस चेयरमैन की ताजपोशी के लिए भी कोई ना कोई रास्ता अवश्य अपने लिए तैयार कर सकते हैं। सभी उम्मीदवार योग्य पढ़े लिखे और समझदार हैं , अब देखना यह है कि 26 दिसंबर सोमवार को जब जिला परिषद की बैठक आरंभ होगी और इस बैठक के बाद में जिला परिषद चेयरमैन सहित वाइस चेयरमैन के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी । उस समय वाइस चेयरमैन पद के सशक्त दावेदारों के मन और सदन में क्या कुछ चल रहा होगा ? बैठक संपन्न होने के बाद जब सभी पार्षद गण बाहर निकलेंगे तो फिर जिला परिषद की चेयरमैन सहित वाइस चेयरमैन की ताजपोशी का ताज किसके सिर पर सजा हुआ दिखाई देगा , बहरहाल तब तक के लिए इंतजार ही करना बेहतर रहेगा।

किसकी होगी वाइस चेयरमैन की ताजपोशी
जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों में वार्ड नंबर 1 से ओम प्रकाश जिन्होंने अपने प्रतिद्वंदी संजीव को पराजित किया ,वह शामिल है । वार्ड नंबर 2 से बीजेपी की ही पुष्पा देवी भी शामिल है , पुष्पा देवी ने अपने मुकाबिल मधुबाला को पराजित किया था । इसी प्रकार वार्ड नंबर 3 से आजाद उम्मीदवार श्री भगवान ने बीजेपी के खजान को पराजित किया था। वार्ड नंबर 4 से बीजेपी के मनोज कुमार ने अपने मुकाबिल मनीष कुमार को विजेता बनने से रोका था । वार्ड नंबर 5 से जो कि पटौदी क्षेत्र में शामिल है , यहां से बीजेपी की ऋतु यादव ने सोनिया को पराजित कर जीत अपने नाम की । वार्ड नंबर 6 की बात की जाए तो यहां से विजेता नवीन कुमार को जननायक जनता पार्टी समर्थक माना जाता है , उन्होंने अपने मुकाबिल सुनील कुमार को पराजित किया था । वार्ड नंबर 7 से बीजेपी की अंजू रानी ने अपनी प्रतिद्वंदी भाजपा की पिंकी को पराजित किया । वार्ड नंबर 8 से बात की जाए तो यह वार्ड सबसे अधिक सुर्खियों में बना रहा, इस वार्ड से भाजपा की टिकट एक वरिष्ठ नेता के कहने पर दी गई , लेकिन जिस उम्मीदवार को टिकट दी गई उस उम्मीदवार को भाजपा के ही असंतुष्ट यशपाल चौहान के द्वारा पराजित कर, वाइस चेयरमैन पद के लिए अपनी दावेदारी सबसे अधिक मजबूत तरीके से पेश की गई है । वार्ड नंबर 10 से संजू ठाकरान हैं, जिन्होंने बीजेपी नेता भूपेंद्र पड़ासोली की धर्मपत्नी पूनम को पराजित कर जीत अपने नाम दर्ज की । अब वाइस चेयरमैन का फैसला जो भी होना है , इन्हीं 9 उम्मीदवारों के बीच में से होना है । ऐसे में जो भी उम्मीदवार पर्याप्त बहुमत प्राप्त कर लेगा, वाइस चेयरमैन की ताजपोशी उसी के सिर पर ही होना निश्चित है।

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