चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

25 दिसंबर, अदम्य साहस, वीरता व त्याग के प्रतीक, भरतपुर संस्थापक महाराजा सूरजमल जी के बलिदान दिवस पर उनको याद करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा व युवा कल्याण संगठन ने एकता पार्क में श्रद्धासुमन अर्पित किए। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलबीर सिंह बजाड़ ने कहा कि महाराजा सूरजमल का जीवन केवल जाट समाज ही नहीं वें हर वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है। 

महाराजा सूरजमल एकमात्र ऐसे योद्धा थे जो मुगलों से कभी नहीं हारे अपितु उन्होंने तो मुगलों को कैद भी कर लिया था उनका शासन भारत की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश के आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, हाथरस, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, अलवर के साथ हरियाणा के गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, रेवाड़ी, मेवात जिलों तक फैला हुआ था। 

युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि महाराजा सूरजमल में वीरता, धीरता, गंभीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबुझ, चातुर्य और राजमर्मज्ञता का सुखद संगम सुशोभित था मेल मिलाप और शहर स्थित हों तथा समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयता के वे सच्चे प्रतीक थे। उन्होंने कहा महाराजा सूरजमल के समकालीन इतिहासकार ने उन्हें जाटों का प्लेटो कहा है इसी तरह एक आधुनिक इतिहासकार ने उनकी स्पष्ट दूरदर्शी और बुद्धिमता को देखते हुए उनकी तुलना ओडिसस से की है ऐसे निष्ठावान और अदम्य साहस के युवा आज हों तो रातों रात भारत देश की काया पलट हो जाएगी। 

इस अवसर पर मास्टर राज सिंह, रत्न सिंह ओडिटर, कमल सांगवान, होशियार सिंह, राजवीर बोहरा, दिलबाग सिंह ढुल, निहाल सिंह, अजीत सांगवान, रणबीर बैनीवाल, प्रदीप श्योराण, राजकुमार कांटिया सहित अनेकों उपस्थित रहे।