भाजपा-संघ हर रोज साम्प्रदायिक उन्माद व नफरत की राजनीति करके देश, समाज को सत्ता दुरूपयोग से तोडने व बाटने में लगा है : विद्रोही आलोचना का स्तर भारत के राजनीतिक इतिहास में गिराने वाली भाजपाई-संघी है जो झूठ बोलकर, झूठे व फर्जी आरोपों के द्वारा कांग्रेस व विरोधी नेताओं का चरित्र हनन करते आ रहे है: विद्रोही 20 दिसम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के इस दावे को हास्यास्पद बताया कि कांग्रेस ने आलोचना व विचार-विमर्श का स्तर गिराया है। विद्रोही ने कहा कि खट्टर जी ऐसा कहकर वास्तवे में अपनी पार्टी के षडयंत्रकारी, गली-ग्लौच करने, अफवाह फैलाने व झूठे आरोप लगाने के चाल-चरित्र को छिपाने का कुप्रयास कर रहे है। सभी को मालूम है कि आलोचना का स्तर भारत के राजनीतिक इतिहास में गिराने वाली भाजपाई-संघी है जो झूठ बोलकर, झूठे व फर्जी आरोपों के द्वारा कांग्रेस व विरोधी नेताओं का चरित्र हनन पिछले 75 सालों से करके भारत के राजनीतिक व सामाजिक जीवन को प्रदूषित करते आ रहे है। अपने विरोधियों पर किस निचले स्तर तक जाकर भाजपाई-संघी वार करतेे है, यह किसी को बताने की जरूरत नही। संघी तो इतने अफवाहबाज है कि वे पत्थर की गणेश मूर्ति को भी दूध पिलाकर देश को ठग चुके है। जो संघी आजादी आंदोलन में अंग्रेजी हुकूमत के मुखबिर व दलाल रहे, वे आज सभी को इस तरह देशभक्ति व देशद्रोही का सर्टिफिकेट बाटने की बेशर्मी करते है कि मानो उन्होंने देश की आजादी में बडा बलिदान दिया हो? विद्रोही ने कहा कि जिन संघीयों ने देश व देशवासियों को धर्म के नाम पर भावनात्मक रूप से भडकाकर ठगने व चंदा ऐंठकर अपनी तिजौरियां भरने के सिवाय कुछ नही किया हो, वे आलोचना का स्तर गिराने का आरोप कांग्रेस पर लगाकर जनता के साथ क्रूर मजाक कर रहे है। यदि मनोहरलाल खट्ट जी को आलोचना के स्तर की इतनी ही चिंता है तो वे कभी ईमानदारी से हरियाणा भाजपा व राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के सोशल मीडिया पर की जाने वाली असभ्य गालियों, फेक न्यूज, साम्प्रदायिक उन्माद व नफरत की भाषा को देखे तो शर्म से चुल्लूभर पानी में डूबकर मर सकते है। भाजपा प्रवक्ता आये दिन टीवी डिबेट में जिस तरह की असभ्य भाषा का प्रयोग करके चिल्लम-चिल्ली करते है, उसे पूरा प्रदेश-देश रोज देखता है। विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि भाजपा ने ना केवल आलोचना का स्तर पर निम्न स्तर पर पहुंचा दिया है अपितु आपसी विचार-विमर्श सभ्यता से हो, यह संभावना भी खत्म कर दी है। जो भाजपा-संघ हर रोज साम्प्रदायिक उन्माद व नफरत की राजनीति करके देश, समाज को सत्ता दुरूपयोग से तोडने व बाटने में लगा है, उन दोहरे चाल-चरित्र के संघीयों के मुंह से जहर के अलावा कुछ निकल ही नही सकता। मनोहरलाल खट्टर को दूसरों पर आरोप लगाकर औच्छी राजनीति करने की बजाय पहले अपने स्वयं के गिरबाने में झांककर खुद की और अपने पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं की भाषा में सुधार करने की जरूरत है। Post navigation चंडीगढ़ में लक्ष्य ज्योतिष संस्थान ने दिया इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजर इंदरप्रीत सिंह खुराना को “पार्टिसिपेंट एवार्ड” सरकार को नवीन जयहिंद से इतना डर क्यो — पिछले 4 साल पुराने केस खोल दिए