भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। अटेली शाखा के दी महेंद्रगढ़ केंद्र सहकारी बैंक में कर्मियों ने ही आपसी मिलीभगत कर तिजोरी से 19 लाख 29 हजार की राशि गायब कर दी। बैंक प्रबंधक को शक हुआ तो उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करवाया। जांच अधिकारी नियुक्त हुआ और जांच में पाए गए तथ्य व सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद बैंक के ही दो कर्मी संदिग्ध मिले है। बैंक प्रबंधक ने शक जाहिर करते हुए नामजद संविदा कर्मी व गैनमैन के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। अटेली पुलिस ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दो नामजद के खिलाफ आईपीसी 34,409 के तहत केस दर्ज किया है।

बैंक प्रबंधक जसवंतसिंह ने अटेली पुलिस को लिखित शिकायत दी है। शिकायत में बताया गया है कि हमारी शाखा में गोदरेज कंपनी की एक तिजोरी रखी हुई है जोकि तीन चाबियों के लगाए जाने पर खुलती है। 24 नवंबर को हमारी शाखा में सफेदी का काम चल रहा था। इसी दौरान एक चाबी उसने बैंक में संविदा कर्मी के तौर पर कार्य कर रहे नवीन यादव को कैश तिजोरी में रखने के बाद दे दी थी। नवीन यादव के पास बैंक की अन्य दो चाबियां पहले ही रहती है। अगले दिन 25 नवंबर को जब सुबह कैश निकालने के लिए नवीन को चाबी लगाने के लिए कहा गया तो उसने बताया कि उससे प्रबंधक वाली चाबी कहीं खो गई है। रिकार्ड के मुताबिक उस दिन इस तिजोरी में 19 लाख 50 हजार 661 रुपये रखे थे। इस मामले में काफी खोजबीन के बाद भी जब चाबी के बारे में कोई पता नहीं चला तो नवीन यादव ने बताया कि वो चाबी उसके एक मित्र की कार में (नोएडा निवासी) गलती से चली गई है। जब नवीन को चाबी वापिस लाने के लिए सख्ती से कहा गया तो उसने बताया कि वो चाबी जो उसके दोस्त के कार में थी, वो बैंक की चाबी नहीं है। फिर 29 नवंबर को यह सूचना लिखकर मुख्यालय को दी तथा यह लिखित सूचना मुख्यालय में पहुंचाने के लिए नवीन यादव की ड्यूटी लगाई लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी मुख्यालय से कोई जवाब नहीं आया। बाद में मालूम हुआ कि नवीन यादव द्वारा यह सूचना 12 दिसंबर को पहुंचाई गई। बैंक मुख्यालय द्वारा जब देरी से दी जाने वाली सूचना के बारे में तलब किया गया तब महाप्रबंधक को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया और एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें लिखा की गुम हुई चाबी की प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद नया लॉक लगाने की कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही बैंक मुख्यालय से इस तिजोरी की डुप्लीकेट चाबी देने की प्रार्थना भी की। बैंक मुख्यालय द्वारा इस घटना को बेहद लापरवाही भरा माना गया तथा बैंक की बाछौद शाखा के प्रबंधक ब्रह्मप्रकाश को इस मामले में जांच अधिकारी लगाया गया। साथ ही हिदायत दी गई कि अपनी निगरानी में बैंक की तिजोरी खुलवाएं और उचित कार्रवाई करें।

16 दिसंबर को जब डुप्लीटेट चाबी के द्वारा तिजोरी खोली गई तो इसमें केवल 21 हजार 140 रुपये मिले। जोकि 24 नवंबर को 19 लाख 50 हजार 640 रुपये थे। मतलब सीधे तौर पर 19 लाख 29 हजार 500 रुपये कम थे। इस मामले में नवीन यादव व गैनमैन राजपाल यादव की भूमिका संदिग्ध है। कारण, बैंक की दूसरी तिजोरी की दोनों चाबियां भी 16 दिसंबर को गायब पाई गई। बैंक की सीसीटीवी की फुटेज देखने पर साफ पता चलता है कि उसके जाने के बाद ये दोनों बैंक के कार्य के बाद भी अनावश्यक रूप बैंक में बैठते है। शिकायत देकर मांग है कि प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।