रेवाड़ी सीएम फ्लाइंग की जांच के बाद 3 एसडीओ, 10 जेई समेत 4 ठेकेदारों पर गबन का केस दर्ज

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। नारनौल में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंडल नंबर एक में अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों नहीं करोड़ों रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। जिस पर सीएम फ्लाइंग रेवाड़ी की शिकायत पर सिटी पुलिस नारनौल में तीन एसडीओ, 10 जेई तथा चार ठेकेदारों के विरुद्ध गड़बड़ घोटाले का मुकदमा दर्ज किया है।

आरोप है कि अधिकारियों ने पीने के पानी की पुरानी पाइप लाइनों, वाल्वो, पानी की मोटर, स्टार्टर, केबल आदि की मरम्मत और पंप हाउस की सफाई के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार कर ठेकेदारों से मिलीभगत कर जाली बिल लगाकर करोड़ों रुपए का गबन किया है। यह राशि करीब 2करोड़ 28 लाख बनती है। इस पर पुलिस ने अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकेदारों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।

सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार की शिकायत पर सिटी थाना नारनौल में दर्ज मुकदमे के अनुसार रेवाड़ी सीएम फ्लाइंग को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई। जिसमें जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंडल नंबर एक नारनौल में अधिकारियों द्वारा पीने के पानी की पुरानी पाइप लाइनों, वाल्व, पानी की मोटरों, स्टार्टरों व केबल आदि की मरम्मत व पंप हाउसों की साफ-सफाई आदि कार्यों की झूठी कागजी कार्यवाही तैयार करके फर्म/ठेकेदारों से मिलीभगत करके झूठे बिल बनाकर, फर्जी फस्ट एंड फाइनल बिल तैयार करके करोड़ों रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया है।

इन आरोपों की जांच के दौरान कार्यालय जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल नंबर एक नारनौल से पत्राचार करके एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक कराए गए मरम्मत कार्यों की कुटेशन टैंडरिंग व डीएनआईटी टैंडरिंग के तहत विभिन्न फर्म/ठेकेदारों को उपमंडल-एक, दो, तीन मंडल-एक नारनौल से किए गए भुगतान व बकाया राशि, फस्ट एंड फाइनल बिल, मापक पुस्तिका संबंधित रिकार्ड कार्यालय जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंडल-एक नारनौल से पत्र दिनांक 8.4.2022 के अनुसार प्राप्त किया गया।

जांच के दौरान कुछ फर्म/ठेकेदारों के साथ-साथ जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल-एक के उपमंडल-एक, दो व तीन नारनौल में तैनात कनिष्ठ अभियंताओं नितिन, प्रियवीर, नरेंद्र पाल रंगा, राजीव, रोहित, संजीव, प्रवीण कुमार, एकता कुमारी, अनिल कुमार, अजीत कुमार तथा उपमंड अभियंता मुकेश कुमार, रामपाल, अमित जैन तथा तत्कालीन कार्यकारी अभियंताओं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंडल-एक नारनौल को शामिल जांच करके कथन अंकित किए गए। स्टोर इंडैंट रजिस्ट्रों के अनुसार जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल-1 नारनौल में नियुक्त फिटरों/इलेक्ट्रीशियनों को भी शामिल जांच करके कथन अंकित किए गए। जांच पर पाया गया कि एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 के दौरान कुटेशन टैंडरिंग व डीएनआईटी टैंडरिंग के तहत मैसर्स राजकुमार इंटरप्राइेजिज, हरमिंद्र कांट्रेक्टर एंड ट्रैडर्स, पंकज शर्मा कांट्रेक्टर, धीरज शर्मा कांट्रेक्टर आदि फर्म/ठेकेदारों से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल नं एक, उपमंडल-एक, दो व तीन नारनौल के कनिष्ठ अभियंताओं नितिन, प्रियवीर, नरेंद्र पाल रंगा, राजीव, रोहित, संजीव, प्रवीण कुमार, एकता कुमारी, अनिल कुमार, अजीत कुमार तथा उपमंडल अभियंताओं मुकेश कुमार रामपाल, अमित जैन द्वारा जो सामान खरीद किया गया था, द्वारा मरम्मत के सामान के खरीद बिल प्राप्त ही नहीं किए गए।

संबंधित फिटर व इलेक्ट्रीशियनों रमेश, हरिकिशन, सांवलराम, राजबीर सिंह, चंद्रप्रकाश, छोटेलाल, रमेश चंद, किशन चंद पुत्र कुल्डाराम, राकेश, विरेंद्र कुमार, विजय, प्रेम सिंह, रोशन कुमार, प्रेम कुमार, मुकेश, राजेंद्र, कुमार, लालाराम, कैलाश चंद, रामशरण तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल-1, नारनौल में तैनात स्टार मुंशी श्रीकृष्ण को शामिल जांच करके कथन अंकित किए गए, जिनके कथनानुसार स्टोर इंडैंट बुकों में दर्शाया गया सामान बहुत कम मात्रा में लिया गया था व ज्यादातर इंडैंटों में दर्शाया गया कार्यस्थल भी गलत है। इंडैंट बुक संख्या 1001 क्र.सं. 36 माह, 08/2021 बुक संख्या 993 क्र.सं. 39 माह 12/2021 इंडैंट बुक संयास 993/35/1141 इंडैंट बुक संख्या 994/19/1148 पर जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर मौजूद हैं, वे संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर ही नहीं हैं तथा इन बुकों में दर्शाया गया सामान उन अधिकारियों द्वारा प्राप्त ही नहीं किया जाना पाया गया। जांच के दौरान इंडैंट बुक संख्या 993/48/1141 माह 04/2021 में वर्णित सामान प्रेमसिंह के नाम जारी किया हुआ दर्शाया हुआ है, जबकि फिटर प्रेमसिंह के कथनानुसार वह माह अप्रैल-2021 में लड़की की शादी के संबंध में छुट्टी पर था।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल-एक के उपमंडल एक, दो व तीन नारनौल में तैनात कनिष्ठ अभियंताओं नितिन यादव, प्रियवीर, नरेंद्र पाल रंगा, राजीव, रोहित, संजीव, प्रवीण कुमार, एकता कुमारी, अनिल कुमार तथा अजीत कुमार तथा उपमंडल अधिकारियों मुकेश कुमार, रामपाल तथा अमित जैन द्वारा इस अवधि के दौरान माप पुस्तिकाओं में जेसीबी मशीन से कार्य कब व किस स्थान पर कराया गया था, इंद्राज भी नहीं किया हुआ है। जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल के कार्यकारी अभियंता विशेष परिस्थितियों में अपने स्तर पर केवल 50 हजार रुपये तक के सामान टैंडरिंग के माध्यम से खरीदने के लिए अधिकृत हैं, जबकि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंडल-एक नारनौल से प्राप्त रिकार्ड के अनुसार इस अवधि के दौरान उक्त फर्म/ठेकेदारों से लगभग 2,28,46,853 यानि लगभग दो करोड़ अठाईस लाख छियालिस हजार रुपये का मरम्मत का सामान फस्ट एंड फाइनल बिल के अनुसार खरीद किया गया है।

फस्ट एंड फाइनल बिलों में दर्शाई गई राशि व पत्र क्रमांक:3943 दिनांक:08/04/2022 के माध्यम से प्राप्त विवरण के अनुसार उक्त फमार्ें को भुगतान की गई राशि व बकाया राशि में भी काफी अंतर पाया गया है। इस प्रकार मैसर्स राजकुमार इंटरप्राइजिज, हरमिंद्र कांट्रेक्टर एंड ट्रेडर्स, पंकज शर्मा कांट्रेक्टर व धीरज शर्मा कांट्रेक्टर आदि फर्म/ठेकेदारों से जनस्वास्थ्य अभियांि9की मंडल-1 के उपमंडल एक, दो व तीन में तैनात रहे कनिष्ठ अभियंताओं नितिन, प्रियवीर, नरेंद्र पाल रंगा, राजीव, रोहित, संजीव, प्रवीण कुमार, एकता कुमार, अनिल कुमार, अजीत कुमार तथा उपमंडल अभियंता मुकेश कुमार, रामपाल व अमित जैन तथा तत्कालीन अभियंताओं द्वारा उक्त फर्म/ठेकेदारों से साजबाज होकर अनुमानित डेढ़ करोड़ रुपये का गबन करके प्रथम दृष्टया अपराध धारा 420, 406, 409, 467, 468, 471 व 120-बी भादंसं का किया जाना पया गया है।

क्या कहते हैं डीएसपी

सीएम फ्लाइंग रेवाड़ी के डीएसपी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग नारनौल की एक जांच पांच माह से चल रही थी, जिसमें खुलासा हुआ कि अधिकारियों व ठेकेदारों कुल 17 लोगों ने मिलकर सरकारी धन में गड़बड़ी की है। अब यह मामला सिटी पुलिस को सौंप दिया गया है।

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