1971 के भारत-पाकिस्तान युद्घ में भारतीय फौज ने पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाके बंगला देश का निर्माण करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 16 दिसम्बर 2022 – सेना विजय दिवस के अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने युद्घ स्मारक पर पुष्पाजंली अर्पित करके देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर सैनिकों को भावभीनी श्रद्घाजंली अर्पित की। विद्रोही ने कहा कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्घ में जिस तरह से भारतीय फौज ने पाकिस्तान के दांत खट्टïे करके उसे बुरी तरह से परास्त करके उसके 90 हजार से ज्यादा सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाके बंगला देश का निर्माण करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तानी सेनाओं पर मिली इस अभूतपूर्व विजय की याद में ही 16 दिसम्बर को सेना विजय दिवस के रूप में मनाकर पूरा देश अपनी बहादुर सेना का अभिनंदन व देश की रक्षा करते हुए अपनेे जीवन का बलिदान करने वाले वीर-सैनिकों को श्रद्घाजंली देता है। देश की आजादी के तुरंत बाद ही भारतीय सेना को 1948 में कश्मीर में घुसपैठियों के रूप में घुसे पाक सेना के खिलाफ युद्घ लडक़र उसे सबक सिखाया। विद्रोही ने कहा कि 1962 में चीन का आक्रमण हो या 1965 व 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्घ हो या फिर 1999 का कारगिल युद्घ हो, भारतीय सेना के जवानों ने अपनी वीरता के जौहर दिखाकर पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया है। इन सभी युद्घों में भारतीय सैनिकों ने एक से बढक़र एक बलिदान देश की रक्षा के लिए दिये। जिस तरह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक आतंकवादियों की आये दिन घुसपैठ करके भारत पर आतंकवादी हमले करवा रही है, उसका मुकाबला भी भारतीय सेना बहादुरी से करके आतंकवादियों का सफाया करने के अभियान में अपना जीवन बलिदान कर रहे है, वह उनकी सच्ची देशभक्ति का जीता-जागता प्रमाण है। विद्रोही ने कहा कि ऐसे तमाम देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को आज पूरा देश अपनी भावभीनी श्रद्घाजंली देकर उनके प्रति अपना आभार जता रहा है। ऐसे वीर शहीद सैनिकों के बलिदान के फलस्वरूप ही देश की एकता व अखंडता सुरक्षित है। देश अपने इन वीर सैनिकों व सेना पर जितना गर्व करे, वह कम है। Post navigation शिक्षक संघ पहुंचा मुख्यमंत्री के दरबार……शिक्षकों की लंबित मांगो के लिए मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. को सौंपा ज्ञापन मन ही सब कुछ है। आपको क्या लगता है आप क्या बनेंगे?