भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। रविवार सायं होटल मेलफोर्ट में दीपेंद्र हुड्डा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने के लिए आए। उनकी इस सभा में गुरुग्राम की चारों विधानसभाओं के अतिरिक्त बाहर से भी लोग उपस्थित थे और अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई थी लेकिन वह सभा कोई बड़ा असर दिखा न पाई। 

आयोजकों को शायद अपनी स्थिति का पहले ही ज्ञान था जो दीपेंद्र हुड्डा की सभा बुलाने के लिए उन्होंने होटल मेलफोर्ट का चयन किया। गुरुग्राम के रहने वाले भली प्रकार जानते होंगे कि होटल मेलफोर्ट के ग्राउंड की क्षमता कितनी है। 

आयोजकों की ओर से सायं 6 बजे प्रेसवार्ता का निमंत्रण भेजा गया था परंतु 6 बजे तक तो सांसद दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे नहीं थे और इसी कारण शायद प्रेसवार्ता का आयोजन रद्द कर दिया गया। 

विचारनीय है कि पिछले काफी समय से कांग्रेस निष्क्रिय दिखाई दे रही है और फिर इस आयोजन के आयोजक पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया थे, जोकि पिछले काफी समय से बिल्कुल निष्क्रिय नजर आए। ऐसी स्थिति में कार्यकर्ताओं को एकदम से बुलाना शायद किसी धुरंधर के लिए भी असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होगा।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जो अब तक समाचार मिल रहे हैं, वह कांग्रेस के लिए बहुत सुखद हैं। राहुल गांधी को हर जगह जनता में असीम प्यार मिल रहा है और मेरी दृष्टि में उनकी मंच पर भाषण देने की कला में भी एकदम निखार आ गया है। वर्तमान के उनके भाषणों को सुन उनकी गिनती देश के चुनिंदा वक्ताओं में की जा सकती है।

ऐसी स्थिति में हरियाणा कांग्रेस के पास बहुत बड़ा चैलेंज है कि पिछले 8 वर्षों से चल रही आपसी फूट को अब 21 तारीख तक समाप्त कर पाएं और सोये हुए कार्यकर्ताओं को जगा पाएं।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने वक्तव्य में भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरणा लेते हुए कहा कि इसके पश्चात हम हरियाणा जोड़ो यात्रा निकालेंगे। ऐसे में क्या गुरुग्राम के आयोजकों को शीघ्र ही एक गुरुग्राम जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए? यह प्रश्न मन में आता है। इस यात्रा से गुरुग्राम में अलग-अलग ग्रुपों में बंटे कांग्रेसी तो एक हो जाएं और जो कांग्रेसी कांग्रेस की निष्क्रियता देख घरों में बैठे हैं, वह बाहर निकल पाएं। खैर, सब समय के गर्भ में है। देखना होगा कि राहुल गांधी का हरियाणा में क्या सभी कांग्रेसी एकजुट होकर साथ निभा पाएंगे?

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