चिरायु हरियाणा योजना के तहत मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को वितरित किए चिरायु कार्ड चिरायु हरियाणा योजना के अंतर्गत दिव्यांगजन को भी मिलेगी मुफ्त ईलाज की सुविधा – मुख्यमंत्री अभी तक चिरायु हरियाणा योजना के तहत 2000 से अधिक व्यक्तियों ने उठाया लाभ- मुख्यमंत्री स्वास्थ्य की दृष्टि से हरियाणा अन्य प्रदेशों से बेहतर – मुख्यमंत्री पीपीपी में त्रुटियों को ठीक करने के लिए लगाए जा रहे विशेष कैंप चंडीगढ़, 10 दिसंबर – मानवाधिकार दिवस पर हरियाणा के जरूरतमंद नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं का अधिकार प्रदान करने के दृष्टिगत आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चिरायु हरियाणा योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को चिरायु कार्ड वितरित किए। इस योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर पात्र लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिरायु कार्ड वितरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 नवंबर, 2022 को मानेसर से चिरायु हरियाणा योजना की शुरुआत की गई थी और महज एक माह से भी कम समय में 2000 से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि आज लगभग 2000 स्थानों पर चिरायु कार्ड वितरण का कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसमें लगभग 5 लाख परिवारों को यह कार्ड बांटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि चिरायु हरियाणा योजना के अंतर्गत दिव्यांगजन भी कवर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक सभी 1.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को चिरायु कार्ड वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। आज भी 2 हजार स्थानों पर शिविर लगाकर कार्ड बांटे जा रहे हैं। इसी प्रकार आगे भी सभी गांवों और शहरों में शिविर लगाकर कार्ड बांटे जाएंगे। यह योजना पूरी तरह से कैशलेस, पेपरलेस, पारदर्शी, डिजिटल और आईटी संचालित है, जो पूरे हरियाणा में कुल 729 सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में पीएमजेएवाई दिशा-निर्देशों के अनुसार मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को केवल अस्पताल में जाकर परिवार पहचान पत्र आईडी बतानी है और अपने इलाज की सुविधा प्राप्त करनी है। अंत्योदय परिवारों के लिए शुरू की गई चिरायु हरियाणा योजना श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य देश में जरूरतमंद व वंचितों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना था। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की आय सीमा 1.20 लाख रुपये वार्षिक थी।हरियाणा में भी वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) सूची के अनुसार केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार लगभग 15.50 लाख परिवारों को चिन्हित किया गया, जिनमें से 9 लाख से अधिक परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा था। लेकिन अधिक से अधिक गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मुहैया करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों की वार्षिक आमदनी सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसईसीसी सूची में शामिल परिवारों के अलावा ऐसे सभी अंत्योदय परिवारों, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने के लिए ही चिरायु हरियाणा योजना शुरू की गई है। चिरायु योजना में शामिल किए जाने वाले परिवारों का 5 लाख रुपये तक का ईलाज का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।स्वास्थ्य की दृष्टि से हरियाणा अन्य प्रदेशों से बेहतर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से हरियाणा अन्य प्रदेशों से बेहतर है। स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तारीकरण के लिए काम कर रहा है, जिसकी बदौलत प्रदेश को कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में पहला लाभार्थी भी हरियाणा से ही था। इतना ही नहीं, आयुष्मान योजना को आधार कार्ड से जोड़ने वाला भी हरियाणा पहला राज्य था। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 20 से 25,000 लोग ही इस योजना का लाभ ले पा रहे थे, लेकिन चिरायु हरियाणा योजना के अंतर्गत कार्ड प्राप्त होने के बाद प्रति माह 60 से 70 हजार नागरिकों द्वारा इस योजना का लाभ उठाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अभी तक 150 से 200 करोड़ रुपए के क्लेम दिए जा रहे थे, लेकिन चिरायु हरियाणा योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये का बजट रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में 1500 प्रकार की बीमारियों का इलाज मिल रहा है। हरियाणा सरकार की मंशा है कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज मिले। इसके लिए जिन अस्पतालों में आईसीयू नहीं है, वहां पर आईसीयू की व्यवस्था की जा रही है और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी। श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर रखी है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में कई जिलों में या तो कॉलेज बन चुके हैं या निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 1800 एमबीबीएस डॉक्टरों का दाखिला होता है, लेकिन हर जिले में कॉलेज बनने के बाद 3000 से अधिक डॉक्टरों को दाखिला मिलेगा, जिससे डॉक्टरों की कमी पूरी होगी। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर होना चाहिए। इस प्रकार हरियाणा में लगभग 28,000 डॉक्टरों की आवश्यकता है और वर्तमान में 13,000 डॉक्टर हैं। इसलिए हमने नए बनने वाले डॉक्टरों से भी अपील की है कि वे 5 वर्ष सरकारी सेवाओं में अवश्य लगाएं ताकि आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। व्यक्ति को निरोगी रखने के लिए निरोगी हरियाणा योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो आयुष्मान भारत या चिरायु योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधा का लाभ प्राप्त करता है, लेकिन राज्य सरकार का प्रयास है कि व्यक्ति निरोगी रहे और बीमार न पड़े। इसके लिए हाल ही में कुरुक्षेत्र में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा निरोगी हरियाणा योजना की शुरुआत की। इसके तहत प्रथम चरण में सभी अंत्योदय परिवारों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी का पहले से ही पता लग जाए और व्यक्ति बीमार न पड़े। निरोगी हरियाणा योजना के तहत 50,000 लोगों के स्वास्थ्य सर्वेक्षण कार्ड बन चुके हैं। अभी 32 केंद्रों पर स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जा रहा है। आने वाले समय में 2000 केंद्रों पर इस प्रकार की सुविधा शुरू की जाएगी।600 गांवों में पार्क एवं व्यायामशालाएं बनाई जा चुकी श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप प्रदेश में वैलनेस सेंटर बनाने पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। गांव में पार्क एवं व्यायामशाला बनाई जा रही हैं। 1000 गांवों में पार्क एवं व्यायामशाला बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से 600 गांवों में इनका निर्माण किया जा चुका है और यहां योग सहायक की भी नियुक्ति कर दी गई है, जिससे लोग योग एवं व्यायाम कर तथा अपने खान- पान में बदलाव कर निरोगी रहें।पीपीपी में त्रुटियों को ठीक करने के लिए लगाए जा रहे विशेष कैंप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से गरीब परिवारों की हर प्रकार की चिंता की है। पीपीपी का डाटा 95- 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है। फिर भी कुछ त्रुटियां सामने आई हैं। इन त्रुटियों को ठीक करने के लिए 11 दिसंबर तथा 16,17 व 18 दिसंबर को विशेष कैंप प्रदेश भर में लगाए जा रहे हैं, जहां पर नागरिक अपने परिवार पहचान पत्र में पाई गई त्रुटियों को ठीक करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन से संबंधित भी शिकायतें आ रही हैं ऐसे नागरिक भी अपनी त्रुटियों को इन शिविरों में जाकर ठीक करवा सकते हैं। इन कैंपों के माध्यम से नए पीपीपी कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं 1 जनवरी, 2023 से 1.80 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवारों के राशन कार्ड भी बनने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत अति गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान का भी लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत लोगों को बैंकों से लोन के माध्यम से, निजी नौकरियों में सहायता प्रदान करके या कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर स्व रोजगार शुरू करने में मदद की जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश के युवाओं को विदेशों में नौकरियों के अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने ओवरसीज प्लेसमेंट सेल भी बनाया है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में हरियाणा में आई सूचना क्रांति इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल ने चिरायु कार्ड वितरण के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चिरायु हरियाणा योजना का इतने अच्छे तरीके से क्रियान्वयन इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी की एक क्रांति आई है, जिससे पीपीपी में दर्ज डाटाबेस से पात्र लाभार्थियों की पहचान इतने कम समय में संभव हो पाई है। उन्होंने कहा कि अभी तक चिरायु लड़ाई योजना के अंतर्गत लगभग 2800 पात्र व्यक्ति लाभ उठा चुके हैं, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। Post navigation महाकुंभ में ब्राह्मणों की मांग पूरी करे मुख्यमंत्री वरना महाभारत के महायुद्ध के लिए रहे तैयार – जयहिंद ब्रेकिंग न्यूज़….. हिमाचल में सरकार बनाने का दावा पेश करने राज्यपाल के पास पहुंचे सुखविंदर सिंह सुक्खू