गुरुग्राम में बिखरे तिब्बत, भूटान, लद्दाख, हिमाचल की लोक कलाओं के रंग

-भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से किया गया आयोजन
नोबल शांति पुरस्कार की 33वीं वर्षगांठ एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस हुआ कार्यक्रम

गुरुग्राम। भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा परम पावन दलाई लामा जी को मिले नोबल शांति पुरस्कार की 33वीं वर्षगांठ एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुत्रवधु एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय मंत्री नीरा शास्त्री शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मंत्री प्रमोद गोयल रहे।

अपने संबोधन में प्रमोद गोयल ने बताया कि किस तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार जी ने विस्तारवादी चीन की धूर्त मंशा को लगभग 3 दशक पहले ही भांपकर सन 1999 में तिब्बत की आजादी, कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए इस मंच को स्थापित किया था। उन्होंने कहा कि कदम दर कदम और प्रांत दर प्रांत इस मुहिम को जारी रख एक जनांदोलन में तब्दील करने का प्रयास जारी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को उजागर कर हम सभी को एकजुट होकर तिब्बत के विस्थापित नागरिकों को उनका हक दिलाना है।

विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच का उद्देश्य जानकर उनको एक नई प्रेरणा मिली है। वे स्वयं भी कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए हर संभव प्रयास करने का कार्य करेंगे। विधायक ने तिब्बत व नार्थ ईस्ट के लोगों को हर प्रकार की मदद का भरोसा भी दिलाया। सुधीर सिंगला ने इस भव्य आयोजन के लिए भारत तिब्बत सहयोग मंच के हरियाणा प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल और तिब्बती मार्केट के अध्यक्ष सोनम ज्ञालसेन को शुभकामनाएं दी।

भारत तिब्बत सहयोग मंच का मानना है कि परम पावन दलाई लामा किसी परिचय या पुरस्कार के आश्रित नहीं हैं, बल्कि ये पुरस्कार का सम्मान और सौभाग्य है कि वो दलाई लामा तक पहुंच सका। कार्यक्रम में लद्दाख स्टूडेंट यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट यूनियन के सदस्यों ने तिब्बती, भूटानी, लद्दाखी और हिमाचली लोक नृत्य की रंगारंग झलकियां प्रस्तुत की। कार्यक्रम में पार्षद कुलदीप वोहरा, मनीष वजीराबाद, पूर्व पार्षद अशोक यादव, भारत तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय मंत्री अलका दलाल, नवीन यादव, अजय जैन, उषा गुप्ता, सुनील तिवारी, दीपचंद फौजी, नवीन यादव, अशोक यादव, जयवीर, मनोज बोहरा, सुनील मेंबर, गिरीश सिंगला, राजपाल यादव वजीराबाद, सुनील तंवर व वजीराबाद और कन्हई गांव की सरदारी सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।

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